झाँसी। स्वाट टीम और नबावाद पुलिस ने सर्राफा व्यापारी संजय वर्मा व अन्य साथियों पर हुई ताबड़तोड़ गोलीबारी के आरोप में फरार चल रहे नामजद अभियुक्त राजेन्द्र सिंह गुर्जर को गिरफ्तार कर लिया। एसएसपी विनोद कुमार सिंह ने प्रेस वार्ता के दौरान खुलासा करते हुए बताया की 21 जुलाई को कारोबारी संजय वर्मा कचहरी से अपनी पजेरो गाड़ी में बैठ कर घर की और जा रहे थे। तभी कचहरी चौराहे पर हथियारों से लेस हमलावरों ने उनकी गाड़ी पर फायरिंग कर दी थी। जिसमे संजय वर्मा व 3 लोग घायल हो गए थे और एक सुरक्षा कर्मी की मौत हो गई थी। इस घटना को गम्भीरता से लेकर एसएसपी ने पुलिस टीमे गठित कर हमलावरों को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए थे।
बता दें कि गत माह की 21 तारीख को कचहरी चौराहे पर संजय वर्मा नामक सर्राफा व्यापारी पर जानलेवा हमला हुआ था जिसमें उसके सुरक्षाकर्मी जय गोस्वामी की मौत हो गई थी एवं संजय वर्मा और दो अन्य साथी सुनील कुशवाहा तथा रवि वर्मा गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
घटना के बाद से ही क्षेत्रीय व्यापारी अपराधियों की धरपकड़ के लिए लगातार प्रदर्शन कर रहे थे। संजय वर्मा द्वारा दी गई लिखित तहरीर में लगभग 12 लोगों को नामजद किया गया था जिनके नाम क्रमशः सोनू गैंडा, रिंकू गैंडा, बॉबी गैंडा, अंगद गुर्जर, प्रहलाद गुर्जर, ऊधम गुर्जर, राजेंद्र गुर्जर, शिवम गुर्जर, पुष्पेंद्र गुर्जर व तीन अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया था।
बुधवार एक अगस्त को थाना नवाबाद प्रभारी निरीक्षक संत प्रकाश सिंह मयहमराह बल के अभियुक्तों की सुरागरशी में लगे थे, तभी मुखबिर द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि राजेंद्र गुर्जर सखी के हनुमान मंदिर के सामने देखा गया। मौके पर पहुंचकर पुलिस टीम द्वारा घेराबंदी कर अभियुक्त को पकड़ लिया। अभियुक्त ने पूछताछ में घटना में सम्मिलित होना स्वीकार किया है, गहनता से पूछताछ पर पता चला कि घटना का कारण दोनों पक्षों की आपसी रंजिश एवं मुकदमेबाजी थी, जिसकी शुरुआत 2004 में संजय वर्मा और उसके भाई अजय वर्मा द्वारा अभियुक्त के भाई चंदशेखर गुर्जर की जमीन को लेकर हत्या कर दी थी। उसके बाद से अभियुक्त तथा अन्य बदला लेने की फिराक में थे। फिलहाल पुलिस द्वारा अभियुक्त को गिरफ्तार कर अपराध संख्या 344/18 में धारा 147, 148, 149, 302, 506, 120 बी आईपीसी के तहत विधिक कार्यवाही की जा रही है।
वहीं गिरफ्तार करने वाली टीम में प्रभारी निरीक्षक थाना नवाबाद संत प्रकाश सिंह, उपनिरीक्षक यशवंत सिंह, आरक्षी पदम चंद्र, आरक्षी शैलेंद्र सिंह, आरक्षी गोविंद सिंह व आरक्षी विवेक कुमार पटेल सम्मिलित रहे।