परेशानी में हैं तो बेहिचक यूपी 100 पर करें कॉल, पुलिस दिलाएगी निजात: रिपोर्ट गौरव कुशवाहा

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झाँसी। यूपी के सेंट्रलाइज डायल सेवा ‘यूपी 100 सेवा’ के सभी जिलों में शुरू हुए एक साल हो गए हैं। इस मौके पर यहां यूपी 100 भवन में एक समारोह का आयोजन किया गया। इसमें त्वरित कार्रवाई करने वाले पीआरवी प्रभारियों व पुलिसकर्मियों के साथ ही महत्वपूर्ण सूचना देने वाले तीन लोगों को भी सम्मानित किया गया।
इनमें एक व्यक्ति द्वारा यूपी 100 सेवा को सूचना मिली कि ग्वालियर से एक ट्रक झाँसी की ओर आ रहा है। इस ट्रक में हरियाणा की शराब भरी है। इस सूचना पर सीपरी बाजार क्षेत्र की पीआरवी 0366 ग्वालियर रोड पर स्थित शिवानी होटल के पास पहुंची और शराब से भरे ट्रक को पकड़ लिया। ट्रक के अंदर लाखों रुपये कीमत की शराब भरी हुई थी। इस मामले में लखीमपुर पीआरवी 2854 को पहला स्थान जबकि पीआरवी 0366 को दूसरा स्थान मिला है। एडीजी यूपी 100 आदित्य मिश्रा ने बताया कि यूपी 100 पर आई सूचना पर तेज कार्रवाई करने में लखीमपुर खीरी की पुलिस रिस्पांस व्हीकल (पीआरवी) 2854 को एक साल में सबसे अधिक बार पीआरवी ऑफ द डे का सम्मान मिला। यह सम्मान उसे दिया जाता है, जिसने घटनास्थल पर समय से पहुंचकर किसी की जान बचाई हो। वहीं, मुख्यालय स्तर पर अधिकारियों व कर्मचारियों को सर्वश्रेष्ठ कार्य के लिए प्रशस्ति पत्र दिया गया। इसी तरह पीआरवी 0366 के प्रभारी ठाकुरदास को इनाम मिला है।
बता दें, यूपी 100 की नींव वर्ष 2015 में तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने रखी थी। सितंबर 2016 में इसकी सेवा सात जिलों से शुरू की गई। बाद में सात जनवरी 2017 को प्रदेश के सभी 75 जिलों में यह सेवा शुरू कर दी गई। यूपी 100 पर बीते एक साल में महत्वपूर्ण सूचनाओं के साथ कई रोचक शिकायतें भी आईं। मसलन, 100 नंबर पर एक फोन आया कि मैम मैंने भैंस को बहुत मारा तो वह छत पर चढ़ गई और उतर नहीं रही है। मौके पर पुलिस भेजकर छत से भैंस उतरवाई गई। इस तरह एक कॉलर ने शिकायत की कि सुबह पत्नी से चाय मांगा तो वह नाराज हो गई और चाय नहीं दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों को समझाया और अपने सामने पत्नी के हाथों पति को चाय पिलवाई।

बेहद हाईटेक है डायल-100, हर दम 8 हजार स्थानों पर उपलब्ध

“राज्यव्यापी पुलिस आपातकालीन प्रबंधन प्रणाली” यानि ‘यूपी 100’ ने पूरे उत्तर प्रदेश में एक अलग छाप छोड़ी है। यह आपातकालीन पुलिस सेवा “शहर हो या देहात, ‘यूपी 100’ आप के साथ” स्लोगन के साथ कार्य कर रही है। डॉयल 100 केवल फोन से नहीं बल्कि ई-मेल और ट्विटर के जरिये सोशल मीडिया के माध्यम से भी तुरंत सहायता प्रदान करती है। डॉयल 100 हजारों लोगों की जान बचा चुकी है। ये आपातकालीन सेवा घटना की सूचना मिलते ही 10 से 15 मिनट के भीतर घटना स्थल पर पहुंचकर तत्काल कार्रवाई करती है। डायल 100 हर समय पूरे प्रदेश में करीब 8 हजार पॉइन्टस पर मौजूद रहती है और इससे कहीं ज्यादा घटनाओं को रोजाना कवर करती है।

सिस्टम कर रहा बहुत ही बेहतर काम

गौरतलब है कि सपा सरकार में मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्टों में शुमार यूपी 100 लगातार उपलब्धियां हासिल कर रहा है। घटना की सूचना मिलते ही यूपी 100 के कर्मचारी फ़ौरन मौके पर पहुंच जाते हैं। सपा सरकार ने यूपी में पहले से चल रही डॉयल 100 सेवा का नाम बदलकर यूपी 100 यूपी कर दिया था। सीएम अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल में लोकभवन स्थित ऑडिटोरियम में इस सेवा के लोगो और यूपी 100 इमरजेंसी सर्विसेज ऐप को लॉन्च किया था। इस दौरान उन्होंने लोगों के संदेश और ऐप की खूबियों के बारे में बताया गया। अखिलेश ने कहा था कि इस सिस्टम को ऐसे तैयार किया गया है कि अधिकारी चाहे कैसा भी हो सिस्टम बेहतर चलेगा। अच्छे या खराब अधिकारी की तैनाती से इसे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

कई पुलिस अफसर ब्यान करते हैं पीआरवी पैसा कमाती है

झाँसी परिक्षेत्र में कई पीआरवी वाहन ने गुडवर्क किया है मगर थानेदार पीआरवी के गुडवर्क से खुश नहीं रहते हैं क्योंकि पीआरवी वाहन की सतर्कता से गलत काम नहीं हो पा रहे हैं। थानेदारों के कहने पर ही पुलिस अफसर पीआरवी वाहन को गलत बताते हैं। एक साल ने इन्हीं पीआरवी वाहनों ने कई महत्वपूर्ण घटनाएं बचाई है। झाँसी जिले में अपहरण, लूट, वाहन चोरी समेत कई महत्वपूर्ण घटनाएं शामिल है। इसी तारतम्य ने एडीजी ने सीपरी बाजार की पीआरवी को सम्मानित किया है।

डेस्क कैमरे से लैस हुई यूपी 100 के वाहन

झाँसी। कहीं भी हुए हादसे की रिकार्डिंग हो सके या साक्ष्य जुटाने के लिए पुलिस को मशक्कत न करनी पड़े, इसके लिए यूपी 100 डायल वाहनों को डेस्क कैमरों से लैस किया गया है। नेटवर्किंग सिस्टम को बेहतर बनाया जा रहा है। मालूम हो कि कई मामलों में घटना स्थल पर पहुंचने के बावजूद पुलिस को साक्ष्य नहीं मिलते थे। सड़क पर होने वाले विवादों के साक्ष्य पुलिस आसानी से नहीं जुटा पाती थी। इन खामियों को दुरुस्त करने के लिए अब शासन ने यूपी 100 के वाहनों को डेस्क कैमरे से लैस करने की योजना पर अमल शुरू कर दिया है। जिले में कुल 45 वाहन हैं। इनमें 11 वाहन इनोवा जबकि 34 बोलेरो हैं। पहले चरण में इन वाहनों के एमडीटी (मोबाइल डाटा ट्रैकिंग सिस्टम) को आपडेट किया गया है।
इसके तहत मोबाइल की बीप तब तक बजती रहेगी, जब तक उसे वाहन में मौजूद पुलिसकर्मी रिसीव नहीं करेंगे। पूरे डाटा को एंटी वायरस सिस्टम से भी लैस किया गया है। वाहनों में डेस्क कैमरे लगाए जा रहे हैं। अभी तक 11 इनोवा वाहनों को इन कैमरों से लैस किया जा सका है। अधिकारियों का कहना है कि काम चल रहा है, जल्द ही जिले में मौजूद यूपी 100 की सभी गाड़ियों को इस सिस्टम से लैस कर दिया जाएगा। पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि सिस्टम को बेहतर तकनीकि से लैस किए जाने की वजह से पुलिस कर्मियों को काफी मदद मिलेगी।
यूपी 100 वाहनों में लगे डेस्क कैमरे से पुलिस को सड़क हादसों की लाइव तस्वीर मिलने की भी उम्मीद है। माना जा रहा है कि पुलिस का वाहन सड़क पर चलते समय अगर सामने कोई सड़क हादसा होता है। तब डेस्क पर लगे कैमरे में सारा घटनाक्रम कैद हो जाएगा।

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