गौमाता किसानों की समृद्धि व आरोग्य की जननी : उमा भारती

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झांसी। गौमाता किसानों की समृद्धि एवं आरोग्य की जननी है, उसकी उपयोगिता से ही गौ-संरक्षण सम्भव है। बुन्देलखण्ड की धरती पर गौमाता बोझ नहीं बनेगी, वह हमारा आधार बनेगी। गरीबी-बीमारी व बेरोजगारी का निदान धरती, पानी व गौमाता से ही सम्भव हैं। गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास है, यह पूज्यनीय है। किसानों का कर्ज माफी एक सामंती सोच है, यदि किसान की मदद करना है, तो उसे किसान का सशक्तिकरण होना जरुरी है, उसकी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जाए। सरकार पर आश्रित समाज की जो रचना हो रही है, उससे समाज कमजोर हो रहा है। सरकारी कार्यक्रम में सामाजिक सामंजस्य एक अनोखा क्षण है। उक्त उदगार मुख्य अतिथि सुश्री उमा भारती केन्द्रीय केबिनेट मंत्री, स्वच्छता एवं पेयजल मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली ने राज्य स्तरीय उद्यान एवं गौ-संरक्षण व गौ आधारित दो दिवसीय कृषि मेला का शुभारम्भ करते हुए नारायण बाग राजकीय उद्यान प्रागंण में उपस्थित किसानों व अधिकारियों के मध्य व्यक्त किये।
उन्हांने कहा कि आज का कार्यक्रम सपनों को सच्चाई में बदलने जैसा है। जब से वह यहां सांसद चुनी गयी हैं तभी से छुटटा गौवंश के प्रति संवेदनशील रही हैं कि कैसे इस समस्या का हल निकाला जाए। उन्हांने कहा कि यह कार्य सिर्फ सरकार द्वारा सम्भव नहीं था, लेकिन यह निश्चित था कि सरकार के साथ जब आमजन जुड़ जाएगा तो समस्या का निदान सम्भव होगा और आज ऐसा ही हुआ। उन्होंने गौ-संरक्षण हेतु सांसद निधि के इस्तेमाल की स्वीकृति देते हुए प्रस्ताव बनाये जाने के निर्देश दिए। सुश्री उमा भारती ने कहा कि किसानों की ऋणमाफी एक सांमती सोच है। यदि किसान की वास्तविक मदद की जानी है तो उसे आर्थिक रुप से मजबूत किया जाए। जो भी सुविधाएं किसान हित मे है उसे उसके खेत पर ही दी जाए, उसको गौ-मूत्र व गोबर के माध्यम से खेती कार्य करने का प्रशिक्षण दिया जाए, जिससे मृदा में सुधार होगा तथा उत्पादन में भी बढ़ोत्तरी होगी। उन्होने कहा कि गंगा सफाई कार्य हमारे प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के माध्यम से हो गया है, अब हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम गंगा में गंदगी न फेकें उसे पुनः गन्दा न करे। हमें भी जिम्मेदार बनना होगा कि सड़क पर गन्दगी न करें। सभी तय कर लें कि पालीथिन नही फेंकेगे। राज्य स्तरीय उद्यान एवं गौ-संरक्षण, गौ आधारित कृषि मेला में अतिथियों का स्वागत करते हुए जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी ने बताया कि अन्ना पशु की समस्या बुन्देलखण्ड में 5 वर्षो से सूखे के कारण उत्पन्न हुई। उन्हांने कहा कि क्षेत्र के अन्ना पशुओं की समस्या को प्राकृतिक रुप से भी हल करने का प्रयास जनपद में किया जा रहा है। किसानों को गौवंश आधारित खेती करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्होने बताया कि समिति ब्लाक व तहसील स्तर पर भी गठित है। जनपद में 4.50 लाख परिवार है और लगभग 65000 निराश्रित गौवंश है, यदि प्रति 7 परिवार एक गौवंश की जिम्मेदारी ले ले, तो समस्या स्वतः खत्म हो सकती है। ग्राम सभा में आश्रय स्थल का निर्माण किया जा रहा है, साथ ही गौवंश के लिए चारा-पानी की व्यवस्था भी की जा रही है। ग्राम सभा को उसके संचालन का दायित्व है।
अध्यक्षता करते हुए मेयर नगर निगम रामतीर्थ सिंघल ने कहा कि हम जैविक खेती करें, तो कृषि जहर मुक्त होगी और गौ संरक्षण होगा। उन्हांने बताया कि 2 करोड़ धनराशि की लागत से नगर निगम कान्हा उपवन बना रहा है, जहां गौवंश को रखा जाएगा। उन्हांने किसानों से अनुरोध किया कि क्षेत्र मे पानी एक समस्या है। ऐसी फसल लें जो कम पानी में तैयार हो जाए। उद्यान मेला में श्याम बिहारी गुप्ता, साहब सिंह चौहान प्रांतीय अध्यक्ष भारतीय किसान संघ, सेवानिवृत्त डीएसपी शरद प्रताप सिंह, आई.जी.एफ.आर.आई. के डॉ. सुनील सेठ, कृषि वैज्ञानिक पीके सोनी ने भी गौ संरक्षण एवं गौ संवर्धन हेतु अपने उदगार प्रकट किये। मुख्य अतिथि द्वारा फीता काटकर मेले का उदघाटन किया। अंत में आभार मुख्य विकास अधिकारी निखिल टीकाराम फुन्डे ने व्यक्त किया। इस मौके पर सदर विधायक रवि शर्मा, बबीना विधायक राजीव सिंह पारीछा, गरौठा विधायक जवाहर लाल राजपूत, जिलाध्यक्ष जमुना कुशवाहा, महानगर अध्यक्ष प्रदीप सरावगी, संजीव श्रृंगऋषी, उप निदेशक उद्यान भैरम सिंह, सीबीओ वाई.एस.तोमर आदि उपस्थित रहे।

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