बजट: किसी को पसंद आया तो किसी ने कहा लुभावना

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झांसी। केन्द्र सरकार का अंतरिम बजट शुक्रवार को लोेक सभा में पेश किया गया, जिसमें किसानों, मजदूरों और अन्य लोगों के साथ मिडिल क्लास का विशेष ख्याल रखा गया। सभी को कुछ न कुछ दिए जाने का वायदा किया गया। फिलहाल चुनाव से पूर्व ऐसी घोषणाएं किया जाना कईयों को पसंद नहीं आया। वहीं बड़े किसानों, व्‍यापारियों और बेरोजगारों के लिए बजट में कुछ नहीं रखा गया है।

उप्र व्यापार मण्डल की महिला शाखा की नगर अध्यक्ष शालिनी गुरबख्‍शानी ने बताया बजट में महिलाओं के लिए कुछ खास नहीं आया है। इंकम टैक्स में पांच लाख तक की आया पर छूट और किसानों व मजदूरों के लिए किए गए प्रावधान काफी अच्छे हैं। अगर योजना में क्रियान्वयन सही रहा, तो उनको काफी लाभ मिलेगा।

बुन्देलखण्ड विश्‍वविद्यालय में पत्रकारिता विभाग में शिक्षक व वरिष्‍ठ पत्रकार उमेश शुक्ला बताते हैं कि बजट काफी अच्छा है। इंकम टैक्स की छूट के अलावा किसानों के लिए बहुत अच्छी घोषणा है। इससे कम से कम छोटे किसानों को साल में एक बार खेती के लिए पैसे मिल जाएंगे। इस बजट से मीडियम क्लास वालों को काफी लाभ मिलेगा।

अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी के सचिव डाॅ. सुधांशु त्रिपाठी के अनुसार यह बजट एक छलावा है और कुछ नहीं है। नौजवानों और बेरोजगारों के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। ऐसे में बजट से उम्मीद थी कि अब तो रोजगार खोले जाने की तैयारी की जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बजट में व्यापारियों के लिए भी कोई खास बात नहीं है।

जय बुन्देलखण्ड व्यापार मण्डल के महानगर अध्यक्ष संजय शर्मा बताते हैं कि बजट काफी अच्छा है और यह जय जवान जय किसान वाला बजट है। किसानों को जहां साल के छह हजार रुपए दिए जाने की घोषणा की गई है, तो देश की सुरक्षा के लिए एक बड़ा बजट दिया जाना एक बहुत बड़ी बात है।

मार्गश्री संस्था के अध्यक्ष धु्रव सिंह यादव बताते हैं कि यह बजट लोकलुभावन बजट है। किसानों और मजदूरों के लिए घोषणाएं अच्छी हुई हैं, लेकिन उनका क्रियान्वयन हो तभी बजट अच्छा सिद्ध हो पाएगा।

पोस्ट आफिस अभिकर्ता व एसआईपी वाले सरदारजी के नाम से जाने जाने वाले प्रतिपाल सिंह भुसारी बताते हैं कि यह बजट काफी अच्छा है और इसमें हर किसी कुछ न कुछ दिया गया है। हालांकि बजट में म्यूचुअल फण्ड से जुड़े लोगों को लाँग टर्म कैपिटल गेन हटने की उम्मीद थी, जोकि नहीं हटाया गया है।

उप्र व्यापार मण्डल के प्रांतीय अध्यक्ष व कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) राष्ट्रीय मंत्री संजय पटवारी ने कहा की कुल मिलाकर एक अच्छा बजट है लेकिन देश के 7 करोड़ व्यापारियों के लिए बेहद निराशाजनक बजट है। बजट में अर्थव्यवस्था के सभी वर्गों को सुविधाएँ दी गई है लेकिन व्यापारी वर्ग को पूरी तरह नकार दिया गया है जबकि व्यापारी देश की अर्थव्यवस्था में रीड की हड्डी का काम करते हैं। बजट को देख कर लगता है की व्यापारी अवांछनीय है ! जहां आम आदमी एवं किसानों को तो राहत दी गई है वहीं व्यापारी इस बजट से खाली हाथ है। दो दिन पहले व्यापारियों के लिए वाणिज्य मंत्रालय में विभाग बनाकर एवं कल ई कॉमर्स में एफडीआई पालिसी को आगे न बढ़ाने के सरकार के निर्णय से देश भर के व्यापारियों को बजट से बड़ी उमीदें थी लेकिन बजट में व्यापारियों का कोई जिक्र तक न होने से व्यापारी बेहद निराश है।

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