सुरक्षित बेटियां ही सशक्‍त समाज की निर्माता : डीएम

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झांसी। सुरक्षित बेटियां ही सशक्त समाज की निर्माता होती है। बेटियां को अच्छे संस्कार दे और उनसे दोस्ताना व्यवहार करे, उन्हे चुप्पी तोड़ने दे और बोलने दे। उन्हे गुड डच, बेड डच की जानकारी देकर शारीरिक, मानसिक-व्यवहारिक परिवर्तन की भरपूर जानकारी देकर सशक्त बनाये। उन्हे प्रेरित करें कि असुरक्षित महसूस करने पर बात करे तथा छेड़छाड़ की घटनाओं को खुलकर बताये। झिझक, शर्म व संवादहीनता को दूर करना हमारा उद्देश्य है।
उक्त उद्गार जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी ने विकास भवन स्थित सभागार मे महिला कल्याण विभाग द्वारा आयोजित ‘‘बालिका सुरक्षा जागरुकता जुलाई अभियान’’ में जिलास्तरीय रिसोर्स पर्सन का अभिमुखीकरण कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किये। उन्होने कहा कि अभिमुखीकरण कार्यक्रम का यह उददेश्य होना चाहिए कि ऐसा प्रशिक्षण दे कि क्षेत्र में जाकर बालिका सुरक्षा को बेहतर किया जा सके।
जिलाधिकारी ने कहा कि ‘‘कवच’’ अभियान की सफलता हेतु बेटियों को आत्मरक्षा के लिए तैयार करना हैं। उन्होने कहा कि अभिभावक व शिक्षक भी बच्चियों के हाव-भाव पर दृष्टि रखे। व्यवहार परिवर्तन होने पर उनसे बात करे। उन्होने बालिकाओं व महिलाओं को सेल्फ डिफेस हेतु प्रशिक्षण दिये जाने की भी बात कही और कहा कि जब बालिका सशक्त होगी तो वह स्वयं अपने अधिकारों के प्रति जागरुक रहेगी। उन्होने कहा कि समाज में बेटियां कैसे सुरक्षित रहे, उसके लिए पुलिस प्रशासन, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल कल्याण विभाग के कुशल नेतृत्व मे सम्पूर्ण जनपद की बेटियां सुरक्षित होकर सशक्त बन सकेगी। उन्होने कहा कि बालिकाओं को सुरक्षा एवं सशक्त बनाने के लिए विभिन्न हैल्प लाइन जैसे 181 हैल्पलाइन, 1098 चाइल्ड हैल्पलाइन, 1090 महिला पावर हैल्पलाइन, 112 पैनिक बटन तथा 100 पुलिस सहायता का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। उन्होने कहा कि सभी हैल्पलाइन नम्बर ग्राम स्तर पर सभी सार्वजनिक स्थलों पर वॉलपेटिंग्स द्वारा प्रसारित कराये जाए। जिलाधिकारी ने बैठक में जनपद के समस्त कार्यालयों में ‘‘विशाखा समिति’’ का गठन किये जाने के निर्देश दिए तथा समिति में महिलाओं को अवश्य शामिल करने को कहा। उन्होने ऐसे समिति के गठन का प्रचार-प्रसार कराये जाने के भी निर्देश दिए।

शिव सहाय अवस्थी ने कहा कि मा0 प्रधानमंत्री जी के ड्रीम प्रोजेक्ट के रुप में ‘‘कवच’’ अभियान को सफल बनाने हेतु सभी कटिबद्व होकर बेटियों और बेटों को बिना भेदभाव के सद्भावनापूर्वक परिवेश और प्रोत्साहन प्रदान करे। उन्होने बताया कि कार्यशाला के उपरान्त प्रत्येक प्रतिभागी द्वारा कार्यशाला की उपलब्धि और उपयोगिता पर फीडबैक लिया जाए। मुक्त चर्चा की जाए, संवेदनहीनता को समाप्त कर परस्पर समन्वय स्थापित किया जाए। मास्टर ट्रेनर बृजेन्द्र सिंह चौहान ने ‘‘कवच’’ अभियान प्रशिक्षण मॉड्यूल बालिका सुरक्षा विषय पर आधारित 01 जुलाई से 31 जुलाई 2019 तक अभियान में 6 से 12 वर्ष तक के बच्चों को सुरक्षित व असुरक्षित स्पर्श और अपनी सुरक्षा हेतु आवाज उठाये जाने के विषय में जानकारी दी। उन्होने कहा कि बालिकाये स्वयं की सुरक्षा हेतु ग्रुप बनाकर रहे। बालिका को बताये कि स्टिरियोटाइप अच्छी लड़की न बने जो शर्माती है, बात कहने पर संकोच करती है, इसको रोल प्ले से भी बताये। असुरक्षित स्पर्श यौन शोषण, लैगिक छेड़छाड़, सम्बन्धित सामाजिक कुरीतियों, जेण्डर भेदभाव, बुलीइंग, साइबर बुलीइंग पर अपनी समझ बना पायेगे, अपनी सुरक्षा व बचाव को समझ पायेगे के विषय में बताया। उन्होने कहा कि भेदभाव कम करने के लिए बालिकाओं को समाज में आगे बढ़़ने के अवसर दें, जैसे-शिक्षा, रोजगार व अन्य कौशल सीखना, जानकारी संसाधन तक पहुंच, निर्णय लेने का अधिकार, आने-जाने की स्वतन्त्रता, सामुदायिक कार्यो में भाग लेना आदि के अवसर प्रदान करे।
कार्यशाला में सर्वप्रथम जिला प्रोबेशन अधिकारी नन्दलाल सिंह ने सभी आगन्तुको का स्वागत किया तथा कार्यशाला के उददेश्य की जानकारी दी। इस अवसर पर एसपी सिटी श्रीप्रकाश द्विवेदी, डीआईओएस कोमल यादव, डॉ. नीति शास्त्री, खण्ड शिक्षाधिकारी श्रीमती दीप्ति रिछारिया, नरेश रावत, श्रीमती नीतू वर्मा, प्रधानाचार्य मोम्मद उस्मान खान, श्रीमती संध्या चतुर्वेदी सहित पुलिस विभाग के समस्त हैल्पलाइन के सदस्य उपस्थित रहे।

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