अब वेलेट पेपर से नहीं, ईवीएम से होंगे यूनियन के चुनाव

तीन यूनियनों में होगा मतदान, रेलवे बोर्ड ने जारी गई नई गाइड लाइन, 15 प्रतिशत वोट मिलने वाली यूनियन को मिलेगी मान्यता, रिटायर्ड रेलवे कर्मचारी शाखा से लेकर केन्द्रीय दल में नहीं बने पदाधिकारी

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झाँसी। रेलवे में नई गाइड लाइन से चुनाव कराने की तैयारी की जा रही है। चुनाव में अधिकतम 3 यूनियन होंगी, रेलकर्मी इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन ( ईवीएम) से वोट डालेगें और जिस यूनियन को 15 प्रतिशत वोट मिलेगें उसे मान्यता प्राप्त होगी।
जानकारी के मुताबिक भारतीय रेल में अब तक मान्यता प्राप्त दो ही फेडरेशन है। एनएफआईआर और एआईआरएफ। अब तक इनके चुनाव वेलेट पेपर से होते रहे हैं, जिसमें 35 प्रतिशत वोट प्राप्त करने वाले फेडरेशन को मान्यता देने का प्रावधान रेलवे बोर्ड ने किया है।

चुनाव प्रक्रिया को बदलने का लिया निर्णय

सूत्र बताते हैं कि रेलवे ने फेडरेशन चुनाव प्रक्रिया को बदलने का निर्णय लिया है। न्यू गाइड लाइन फॉर यूनियन इलेक्शन के तहत रेलवे में अधिकतम 3 यूनियन रहेंगी। उनके चुनाव ईवीएम से होगें और मान्यता के लिए 15 प्रतिशत वोट अनिवार्य करने का निर्णय लिया गया है। रेलवे बोर्ड का मानना है कि यदि यूनियन को 15 प्रतिशत वोट नहीं मिलते तो उस स्थिति पर 10 प्रतिशत से ऊपर वाले प्रथम 3 यूनियन को मान्यता देने का प्रावधान किया जाएगा।

जोनल पदाधिकारियों की संख्या में होगी कटौती

बताया जाता है कि रेलवे बोर्ड ने चुनाव प्रक्रिया बदलने के साथ जोनल पदाधिकारियों की संख्या में भी कटौती करने का निर्णय लिया है। डिवीजन स्तर पर 10 की जगह 12 और ब्रांच में सिर्फ 4 पदाधिकारी ही होगें। इसके अलावा 1000 मेम्बर पर 1 ब्रांच होगी। सेवानिवृत कोई भी कर्मचारी ब्रांच से सेन्ट्रल लेवल तक नहीं रहेगें। यूनियनों के साथ-साथ सेवानिवृत स्टाफ एससीएसटी, ओबीसी, एएसएसओ में भी नहीं रहेंगे। चुनाव में किसी भी यूनियन को खुला समर्थन नहीं दिया जाएगा। यदि ऐसा होगा तो राष्ट्रीय स्तर पर एसोसिएशन की मान्यता रद्द करने का निर्णय बोर्ड द्वारा लिया जा सकता है।

आचार संहिता छह माह पहले लागू होगी

बताया जा रहा है कि रेलवे में फेडरेशन चुनाव के समय अब 6 माह पहले आचार संहिता लागू करने और तत्काल सभी यूनियनों की मान्यता समाप्त करने का भी निर्णय बोर्ड द्वारा लिया जा रहा है।

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