झांसी। लगातार हो रही अनदेखी के चलते झांसी की महिला पार्षदों ने मुख्यमंत्री के समक्ष यह मांग रख दी कि नगर निकाय में पार्षद के चुनाव ही समाप्त कर दिए जाएं। महिला पार्षदों की अधिकारी व अन्य जनप्रतिनिधि बात सुनते ही नहीं हैं। ऐसे में उनके क्षेत्र में विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं और जनता उनसे सवाल पूछ रही है। इसको लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर गुहार लगाई है।
पत्र में कहा गया है कि नगर निकाय चुनावों में महिलाओं को समानता भाव में लाने के लिए उप्र सरकार व भारत सरकार ने महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने का प्रावधान किया गया है। साथ ही संविधान द्वारा अधिकार भी दिया गया है। इसके बावजूद नगर निगम झांसी में महिला पार्षदों की अनदेखी की जाती है। महिला पार्षदों द्वारा दिए गए प्रस्तावों को अधिकारी कचरे की पेटी में डाल देते हैं। छोटे से लेकर बड़े अधिकारी तक कोई सुनवाई ही नहीं होती। अधिकतर अधिकारी शाम चार बजे के बाद अपनी सीटों पर बैठते हैं, जिससे उनसे महीनों मुलाकात ही नहीं हो पाती है। महिला पार्षद अपने वार्डों में विकास कार्य ही नहीं करा पा रही हैं और जनता उनसे सवाल खड़े कर रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि नगर निगम झांसी में महिला पार्षदों की अनदेखी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ या तो कड़ी कार्रवाई की जाए। या फिर नगर निकाय चुनाव रद्द करके सारे अधिकार अधिकारियों को ही दे दिए जाएं। पत्र में पार्षद प्रियंका साहू, श्रीमती जामवती पत्नी रविन्द्र गैस वाले, रमा कुशवाहा, गीता देवी, इंदू वर्मा, राजकुमारी सहित किशोरी रायकवार के हस्ताक्षर हैं।