नए सीडीओ के आने पर ही हुई लापरवाही या पहलेे सब सेट था

महारानी लक्ष्मीबाई नेत्र चिकित्सालय के कार्यालय अधीक्षक को तत्काल हटाये जाने के आदेश **नेत्र चिकित्सालय की दुकानों को खाली कराये जाने हेतु नोटिस दिये जाने के निर्देश **नेत्र चिकित्सालय का कार्य प्रभावित न हो, शासकीय कर्मचारी को कार्यालय अधीक्षक बनाये जाने के निर्देश

0
636

झांसी (सू0वि0)। महारानी लक्ष्मीबाई नेत्र चिकित्सालय झांसी की जिला नेत्र सुरक्षा समिति बैठक कैम्प कार्यालय में जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी की अध्‍यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने तत्काल कार्यालय अधीक्षक को हटाये जाने के आदेश दिये। उन्होने चिकित्सालय द्वारा संचालित दुकानों को खाली कराये जाने हेतु नोटिस दिये जाने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने कहा कि महारानी लक्ष्मीबाई नेत्र चिकित्सालय एक ऐसी संस्था है जो बुन्देलखण्ड क्षेत्र के निर्बल, असहाय व निर्धन की सेवा में समर्पित है। इस सेवाभाव को बनाये रखना होगा ताकि संस्था की कीर्ति दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ती रहे। आज बैठक में कार्यालय अधीक्षक शशिकान्त (संविदा कर्मी) को कार्यालय कार्यो में असंवेदनशीलता बरतने, उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने व संस्था के प्रति बेहद निष्क्रियता बरतने पर तत्काल हटाये जाने के आदेश दिये। उन्होने संस्था का कार्य प्रभावित न हो इसके लिये शासकीय कर्मचारी को तैनात किये जाने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी द्वारा नेत्र चिकित्सालय की दुकानों को खाली कराये जाने हेतु सचिव नगर मजिस्ट्रेट द्वारा दुकानदारों को नोटिस दिये जाने के निर्देश दिये। उन्होने दुकानदारों द्वारा काफी समय से किराया जमा न करने पर भी नाराजगी व्यक्त की और वर्तमान समय में निर्धारित सर्किल रेट के हिसाब से किराया नवीनीकरण के आदेश दिये। बैठक में सीडीओ/उपाध्यक्ष महारानी लक्ष्मीबाई नेत्र चिकित्सालय शैलेष कुमार ने जिलाधिकारी को बताया कि विगत 4 अगस्त 2020 को आयोजित बैठक का कार्यालय अधीक्षक द्वारा अब तक कार्यवृत्त नही बनाया गया। कैशबुक को भी पूर्ण नही किया गया है। उन्होने कहा कि चिकित्सालय में तैनात चिकित्सकों व स्टाफ को कोविड-19 के बचाव हेतु किट दी जानी थी। वह भी अभी तक कार्यालय अधीक्षक द्वारा नही दी गयी, जबकि किट उपलब्ध है। उन्होने कहा कि पूर्व बैठक में दिये गये निर्देशों का अनुपालन न करना शाशिकान्त कार्यालय अधीक्षक की लापरवाही व शिथिलता को प्रदर्शित करता है। बैठक में जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी द्वारा समिति के सदस्यों से कार्यालय अधीक्षक की कार्य प्रणाली की जानकारी ली। सभी सदस्यों ने उनके कार्यो पर नाखुशी व्यक्त की और तत्काल हटाये जाने के सुझाव को स्वीकृति प्रदान की। इस मौके पर संजीव कुमार मौर्य, नगर मजिस्ट्रेट सलिल पटेल, संयुक्त सचिव सुभाष कुमार जैन, डा कुमार ढीगंरा, रामेश्वर राय, प्रकाश गुप्ता, रामबाबू शर्मा, शैलेन्द्र अग्रवाल, डा जिनेन्द्र जैन, जितेन्द्र नरवरिया आदि उपस्थित रहे।

आखिर एकदम से कैसे कोई लापरवाह हो गया

महारानी लक्ष्‍मीबाई नेत्र चिकित्‍सालय के कार्यालय अधीक्षक एकदम से कैसे लापरवाह हो गए और दुकानों का मामला तो पुराना है। बैठक का कार्यवृत्‍त नहींं बनना या किट का वितरण कोई बहुत बड़ी बात नहीं। क्‍योंकि ऐसा ही नगर निगम में भी हुआ है, एक माह पूर्व मांगी गई किट उनको स्‍वतंत्रता दिवस से एक दिन पूर्व मिली है। आखिर उनकी पोल नए सीडीओ के आते ही क्‍यों खुली। आखिर सवाल यह बनता है कि क्‍या पहले सब कुछ सही था और उक्‍त अधिकारी एकदम से ही लापरवाह हो गया। जिला प्रशासन को मामले की जांच करानी चाहिए और अन्‍य दोषियों पर भी कार्रवाई करनी चाहिए।

LEAVE A REPLY