झांसी। वीआईपी सड़क जहां झांसी मण्डल मुख्यालय का कार्यालय, मण्डल के मुखिया का आवास और अन्य कार्यालय सहित जिले के मुखिया का आवास है और उस मार्ग पर ही वीवीआईपी लोगों के रुकने का स्थान सर्किट हाउस भी है। इन सबके बावजूद उक्त सड़क खस्ताहाल है। ऐसे में महानगर की अन्य सड़कों की क्या हालत होगी यह समझा जा सकता है। गड्ढे होने पर टाट में पैबंद की तरह जोड़-तोड़कर इति कर ली जाती है। सीपरी बाजार में पुल बनने के चलते हालात खराब हैं। नगरा क्षेत्र में रेलवे की सड़क बनने के कारण गरिया फाटक से खाती बाबा क्षेत्र जाने वाले मार्ग पर दिन भर वाहन फंसते ही रहते हैं और जाम लगा ही रहता है। ऐसा ही हाल लगभग अधिकतर सड़कों का है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमन्त्री उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ द्वारा मुख्यमंंत्री पद की शपथ लेने के बाद से ही प्रदेश की सड़कों को गड्ढामुक्त करने को लेकर आए दिन निर्देश दिये जाते रहते हैं, लेकिन विभाग के अधिकारी मुख्यमंत्री की मंशा पर पलीता लगाते हुए सिर्फ माल बनाने में लगे हुए हैं और नई बनने वाली सड़कें छह माह भी सही से नहीं चल पा रही हैं। कहीं स्मार्ट सिटी, तो कहीं 14 वें वित्त आयोग तो कभी किसी और मद से इन सड़कों के निर्माण पर लाखों करोड़ों रुपए खर्च हो रहे हैं, लेकिन उसके बावजूद इन सड़कों की जिन्दगी छह माह से भी कम की होती है। उसके बाद गड्ढेे होने पर ठेकेदार उस सड़क पर जोड़तोड़ कर देता है और कुछ दिन बाद उन सड़कों पर इतने पैबंद लगाए जा चुके होते हैं, जो गड्ढों से भी खतरनाक हो जाते हैं। वर्तमान में बीकेडी चौराहे से चित्रा चौराहे तक जाने वाला मार्ग इतना अधिक दुर्दशाग्रस्त हो चुकने के बाद भी झांसी के जिम्मेदार विभाग उसकी मरम्मत कर औपचारिकता पूरी कर रहे हैं। इस सड़क पर वाहन चालक कई बार गिरकर चुटहिल हो जाते हैं। वहीं अतिक्रमण के कारण अधिकांश प्रमुख सड़कें बदहाल हैं। नगर निगम का अतिक्रमण विभाग भी फुटपाथ पर दुकान वालों के ही पीछे पड़ा हुआ है, लेकिन प्रमुख मार्गों पर जो अतिक्रमण है। उस पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है। हंसारी, रक्सा, सीपरी बाजार, खाती बाबा, नगरा या फिर कानपुर रोड ही क्यों न हो अधिकतर स्थानों पर अतिक्रमण के कारण लोगों का निकलना मुश्किल हो चुका है। गरिया फाटक से खाती बाबा मार्ग पर शुरुआत में ही लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है और वहां काफी उंचे उंचे गतिअवरोधक बना रखे हैं। नालियों के पत्थर भी टूटे हुए हैं, जिसके कारण वाहन निकलना काफी मुश्किल भरा हो रहा है, लेकिन इस पर जिम्मेदार विभाग का ध्यान ही नहीं है। फिलहाल झांसी की जनता इन सड़कों की दुर्दशा सुधरने के लिए उच्च अधिकारियों के ध्यानाकर्षित होने का इंतजार कर रही है।