बुन्देलखण्ड में पानी की कमी नही, ड्रिप इरीगेशन को प्रमोट करते हुये किसान उत्पादन बढ़ायें: कैबिनेट मंत्री

****कृषि कार्य से ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हुई और हमारी जीडीपी में भी बढ़ोत्तरी दर्ज हुई *****फ्लैटिड फैक्ट्ररी को क्षेत्र में प्रोत्साहित करें ताकि विकास को गति मिले *******जनपद ललितपुर में 2 हजार एकड़ फार्मास्युटिकल पार्क का निर्माण होगा *********बुन्देलखण्ड में कृषि आधारित उद्योगों के लिये अपार सम्भावनायें ***********खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में युवाओं के लिये बेहतरीन मौका है

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झाँसी। आज पं. दीनदयाल उपाध्याय सभागार में कैबिनेट मंत्री, सूक्ष्य लघु एवं मध्यम उद्योग उप्र. शासन सिद्वार्थ नाथ सिंह ने जनपद में एग्रो बेस्ड प्रोडक्टस पर आधारित उद्योगों की स्थापना हेतु जिला प्रशासन और बुन्देलखण्ड चैम्बर आफ कामर्स एण्ड इन्डस्ट्री तथा महारानी लक्ष्मीबाई कृषि विश्वविद्यालय झाँसी के तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय सेमीनार में मुख्य अतिथि के रुप में वर्चुअल सम्बोधित करते हुये कहा कि यह सेमीनार बुन्देलखण्ड की धरा को हरा-भरा व उत्पादन बढ़ाने के साथ किसानों की आय बढ़ाने में अनूठी पहल के रुप में सिद्व होगा। उन्होने कहा कि यहां पर पैदा होने वाली कृषि उपजों को गुणवत्तापरक बनाने व उन पर आधारित उद्योगों की स्थापना से ही किसानों के जीवन स्तर को सुधारा जा सकेगा।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि बुन्देलखण्ड में कोई उद्यमी आता नही था। पानी की कमी के कारण उद्योग कैसे लगेंगे, लेकिन ऐसा नही है, इस क्षेत्र में पर्याप्त पानी है पर बस मैनेजमेन्ट की जरुरत है ताकि जितना पानी है उसका सही इस्तेमाल करते हुये उपज में बढ़ोत्तरी लायें। उन्होने झाँसी में स्ट्रॉबेरी की खेती पर बधाई देते हुये कहा कि जज्बा और मेहनत से कोई भी कार्य किया जा सकता है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में इजराइल की तरह ड्रिप इरीगेशन से खेती करने पर जोर देते हुये कहा कि ऐसा करने से लाभ में बढ़ोत्तरी होगी। कैबिनेट मंत्री ने सेमीनार में शामिल उद्यमियों/किसानों को सम्बोधित करते हुये कहा कि एमएसएमई का लाभ लेने के लिये आगे आये। उन्होने कहा कि ऑनलाइन आवेदन करें ताकि विभिन्न विभागों में चक्कर न लगाने पड़े और जल्द ही योजनाओं का लाभ मिल सके। जनपद में डिफेंस कॉरीडोर में भी एमएसएमई के तहत जमीन उपलब्ध है आवेदन करते हुये योजनाओं का लाभ उठायें, इसमें 90 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। उन्होने कहा कि कोरोना काल में चारों ओर उद्योग सहित समस्त कार्य बन्द हो गये, परन्तु हमारे किसान फिर भी खेतों में काम करते रहे। उन्होने कहा कि कृषि कार्य से ही हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत हुई और जीडीपी में सुधार आया है।
एग्रो बेस्ड प्रोडेक्शन पर आधारित उद्योगों की स्थापना सम्बन्धित दो दिवसीय सेमीनार में विशिष्ट अतिथि सांसद झाँसी-ललितपुर अनुराग शर्मा ने कहा कि जहां भी जायें वहां बुन्देलखण्ड में पानी की कमी की बात होती है, परन्तु यहां पानी की कोई कमी नही है, बस पानी का सही मैनेजमेंट होना जरुरी है। हमारे पास अपार सम्भावनायें है, क्षेत्र को कृषि के द्वारा विकसित करने के लिये। क्षेत्र की मूंगफली यहां से गुजरात, अलवर व महाराष्ट्र जाती और वहां से तेल फिर झाँसी आता है। यदि प्रोसेसिंग यूनिट यहां लगी होती तो किसानों को लाभ होगा। उन्होने बताया कि जनपद में बैद्यनाथ का 11वां प्लांट आ रहा है यह सब योगी के आने से हुआ क्योंकि यूपी का माहौल बदल गया, यहां नीति और नियत बदल गयी है, अब उद्योग लगाना आसान हो गया हैं। उद्योग लगाये जाने पर सुविधायें मिल रही हैं। उन्होने फ्लैटिड फैक्ट्ररी को प्रमोट करने बात कहते हुये बताया कि ओडीओपी में टैडीवियर, रानीपुर टैरीकाट फैक्ट्ररी के लिये सोलर हैण्डलूम, जखौरा में मैटिल आर्टस, चन्देरी साड़ी की अधिक सम्भावनायें है। सोलरलूम दिये जाये इसमें छूट का प्रावधान है।


सांसद अनुराग शर्मा ने कहा कि मन की बात में पीएम द्वारा झाँसी में स्ट्रॉबेरी की खेती को प्रोत्साहित किया। उन्होने कुलपति बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय एवं केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय से आग्रह करते हुये कहा कि दोनो विश्वविद्यालय क्षेत्र के विकास में भूमिका निभायें, व्यवसायीकरण करें। एग्रो इन्डस्ट्रीज के सम्बन्ध में उन्होने कहा कि यहां अदरक होता है लेकिन सोंठ नही होती, अदरक कम दामों में मिलता, जबकि सोंठ का दाम अधिक है। उन्होने बांदा-ललितपुर में रिसर्च वाले कृषि फॉर्म बनाये जाने की जानकारी दी। सेमीनार को सम्बोधित करते हुये किसानों से कहा कि मैंथा नही लगाये इसमें पानी की अधिक जरुरत पड़ती है। उन्होने कहा कि नागर मैंथा या स्नाय का उत्पादन करें जो कम पानी में भी लग जाता है और अधिक लाभ देता हैं।
मण्डलायुक्त सुभाष चन्द्र शर्मा ने कहा कि बुन्देलखण्ड में सम्भावनाओं की कमी नही है, यदि उत्पाद में कुछ बदलाव करते है तो क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार नजर आयेंगे। ललितपुर में दाल मिल जो उड़द दाल की प्रोसेसिंग करती है और वह दाल दक्षिण भारत तक जाती है इसी प्रकार अदरक, नीबू, आंवला की प्रोसेसिंग से भी किसान लाभ उठायें।
कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा ने कहा कि कृषि आधारित प्रोसेसिंग उद्योग की स्थापना से किसान को सीधा लाभ होगा, यहां का उत्पादन एकदम शुद्व है रसायनमुक्त खेती होती है। किसान की आय दोगुनी हो तो जरुरी है कि जो फसल पैदा हो उसकी वैल्यू एडीशन करना होगा, उसका उपभोग करें। कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में अपर अपर मुख्य सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग उप्र. शासन मनोज सिंह ने अपने सम्बोधन मे कहा कि बुन्देलखण्ड में कृषि आधारित उद्योगों के लिये अपार सम्भावनायें है। खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में युवाओं के लिये बेहतरीन मौका है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र को ड्रिप स्प्रिंकलर योजना का भरपूर लाभ मिलेगा। उन्होने जिलाधिकारी तथा सीडीओ से कहा कि इसके लिये लक्ष्य की कोई सीमा निर्धारित नही है इसलिये इस योजना का लाभ अधिक से अधिक कृषकों को उपलब्ध कराया जाये।
बुन्देलखण्ड में कृषि आधारित प्रसंस्करण उद्योग के सम्बन्ध में आयोजित सेमीनार में डॉ सत्येन्द्र यादव ने कृषि उपज, चन्द्रभूषण सिंह, यूपीडा द्वारा बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे एवं कमाण्डर महेन्द्र सिंह द्वारा यूपीडा द्वारा डिफेंस कॉरीडोर की जानकारी पावरप्वांइट प्रोजेन्टेशन के द्वारा दी गयी। इस मौके पर विधायक सदर रवि शर्मा, विधायक बबीना राजीव सिंह पारीछा, विधायक गरौठा जवाहर लाल राजपूत, विधायक मऊरानीपुर बिहारीलाल आर्य, जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी, मुख्य विकास अधिकारी शैलेष कुमार, नगर आयुक्त अवनीश कुमार राय, उपाध्यक्ष जेडीए सर्वेश कुमार दीक्षित, कुलपति बुन्देलखण्ड विवि झाँसी डॉ जेवी वैशम्पायन, कुलपति केन्द्रीय कृषि विवि डॉ अरविन्द्र कुमार, बुन्देलखण्ड चैम्बर ऑफ कामर्स के धीरज खुल्लर, वीरेश्वर शुक्ला, अमित सिंह, अतुल अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में उद्यमी, स्वयं सहायता समूह तथा कालेजों की छात्र-छात्रायें उपस्थित रही।

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