जीएसटी का विरोध- व्‍यापार मण्‍डलों में घमासान तो बाजार बंद को लेकर व्‍यापारी असमंजस में

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झांसी। जीएसटी का विरोध अब झांसी महानगर के व्‍यापार मण्‍डलों के लिए अब अहम की लड़ाई सा बन गया है और एक व्‍यापार मण्‍डल द्वारा 26 फरवरी को बाजार बंद करने की घोषणा के बाद एक के बाद एक व्‍यापार मण्‍डल उसके विरोध में खड़े हो गए हैं। इधर, व्‍यापारियों में इसको लेकर असमंजस की स्‍थिति बनी हुई है कि किसका साथ दें और किसका न दें। ऐसे में 26 फरवरी को बाजार का बंद होना और न होना, व्‍यापार मण्‍डलों व उनके पदाधिकारियों की व्‍यापारियों के मध्‍य हैसियत तय करेगा और आने वाले समय में होने वाली व्‍यापारिक राजनीति पर भी बड़ा असर पड़ेगा। हालांकि अभी भी एक बड़े व्‍यापारिक संगठन ने इस मामले से दूरी ही बना रखी है और अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया है।
उल्‍लेखनीय है कि जीएसटी को लेकर व्‍यापारियों का विरोध कोई नया नहीं है और किसी न किसी विसंगति व सरकार पर दबाव बनाने को लेकर व्‍यापार मण्‍डल अपने अपने प्रयास करते रहते हैं। ऐसे में दिल्‍ली स्‍थित एक बड़े व्‍यापार मण्‍डल ने जीएसटी की विसंगतियों के विरोध को लेकर 26 फरवरी को भारत बंद का आह्वान किया था, जिसका झांसी स्‍थित प्रदेश स्‍तर के एक व्‍यापार मण्‍डल द्वारा बाजार बंद का समर्थन किया गया था। वहीं इसको लेकर झांसी महानगर के ही अन्‍य व्‍यापार मण्‍डल अलग अलग मंच से जीएसटी के विरोध को लेकर बाजार बंद करने के पक्ष में नहीं हें। वह जीएसटी के विरोध में तो हैं, लेकिन बाजार बंद करने का भी विरोध कर रहे हैं। हालांकि प्रदेश स्‍तर के उक्‍त व्‍यापार मण्‍डल का विरोध गाहे बगाहे अन्‍य संगठन हमेशा से ही करते रहे हैं। ऐसे में बाजार बंद करने को लेकर झांसी महानगर के व्‍यापारी असमंजस में हैं कि वह किसके साथ खड़े हों। फिलहाल व्‍यापारी दबी जबान से किसी का भी विरोध करने की स्‍थिति में नहीं दिखाई दे रहे हैं, जिसको लेकर कई व्‍यापारियों का कहना है कि वह थोड़ी देर बाजार बंद रखेंगे और बाद में दुकानें खोल लेंगे। वहीं कुछ व्‍यापारी कहते दिखे कि वह दुकान खोलेंगे, लेकिन यदि कोई संगठन वाले आए तब वह दुकान बंद कर देंगे। इधर, संगठनों द्वारा टास्‍क फोर्स टाइप बनाकर बाजार बंद करवाने वालों का विरोध करने का फैसला लिया है। फिलहाल देखना यह है कि उंट किस करवट बैठता है और किस व्‍यापार मण्‍डल के पक्ष में व्‍यापारी खड़े होते हैं। बाकी कोरोना काल में मंदी से त्रस्‍त व्‍यापारी वैसे ही परेशानी झेल रहा है, तो वह और परेशान होना नहीं चाहेगा और अपने विवेक से फैसला लेगा।

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