राष्ट्रीय कृत बैंक पूरी तरह से रहे बंद, कर्मचारी रहे हड़ताल पर

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झाँसी। निजीकरण के विरोध में दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल के प्रथम दिवस आज जिले भर के बैंकों की समस्त यूनियनों के सभी सदस्य यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर हड़ताल पर रहे ।
समस्त बैंक कर्मी प्रातः 10:00 बजे से भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा, ध्यानचंद स्टेडियम के सामने भारी संख्या में एकत्रित होने लगे। जहां पर साथी सुशील तिवारी की अध्यक्ष और साथी सीपी सरावगी, शाखा सचिव स्टेट बैंक ऑफ इंडिया मुख्य शाखा झाँसी की संयुक्त अध्यक्षता में सभा कर प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार के बैंकों के निजीकरण के निर्णय के विरोध में भारी रोष और आक्रोश व्यक्त करते हुए जमकर नारेबाजी की ।
यूफबीयू के जिला संयोजक अशोक कुमार महावर ने बताया कि भारत सरकार की विभिन्न सरकारी क्षेत्र के उद्यमों को निजीकरण करने की विस्तृत योजना के प्रस्ताव से आम जनता, बैंक कर्मचारियों एवं ग्राहकों में चिंता एवं बेचैनी व्याप्त हो गई है बैंकों के निजीकरण से आम जनता की मेहनत की कमाई जो बैंकों में जमा है, के डूबने का खतरा बढ़ जाएगा साथ ही अधिकारी कर्मचारियों को छटनी का सामना भी करना पड़ सकता है ।
उप संयोजक जेपी किलेदार ने कहा कि यदि निजी क्षेत्र में बैक सौंप दिए गए तो आम जनता और छोटे व्यापारियों को निजी एवं व्यवसाय की आवश्यकता के लिए ऋण प्राप्त करना मुश्किल हो जाएगा और अधिक ब्याज का भुगतान भी करना होगा। सह संयोजक ज्ञानेंद्र मोहन अवस्थी ने कहा कि बैंकों के कारपोरेट मालिक सामाजिक हितों के सरोकार से बैंकों का व्यवसाय नहीं चलाएंगे और इस में जमा धन का अपने हितों के लिए उपयोग करेंगे ।
आयबाक के जिला मंत्री साथी सी बी आर्या ने कहा कि बैंकों के निजीकरण से आर्थिक गतिविधियों में कमी आएगी जिससे जनता की आय और रोजगार पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा एवं बेरोजगारी बढ़ने से अर्थव्यवस्था कमजोर होगी । एनसीबीई के जिला मंत्री साथी भान सिंह कुशवाहा ने बताया कि सरकार अनेक मौजूदा श्रम अधिकारों को कमजोर कर रही है और उन्हें समाप्त करने के लिए प्रयासरत है जिस का डटकर विरोध किया जाएगा पीएनबी प्रोग्रेसिव यूनियन के साथी विनय कृष्ण यादव ने बताया कि निजी करण से पहले से ही कमजोर अर्थव्यवस्था को और अधिक नुकसान होगा। यूपी बैंक एंप्लाइज यूनियन के जिला मंत्री साथी अविनाश पाठक ने कहा कि बैंक के दिवालिया होने की स्थिति में जनता की बचत की गारंटी मात्र ₹500000 तक की होगी इससे जमा पूंजी की लूट और जनता पर बैंकिंग का विश्वास कम होगा। संयुक्त मंत्री साथी अजय कुशवाहा ने कहा कि निजी बैंकों में स्थाई नौकरी के स्थान पर अनुबंध नौकरियों को बढ़ावा मिलेगा ।
एनसीबीई के क्षेत्रीय सचिव रामानुज अग्निहोत्री ने बताया कि रोजगार के अवसरों में कमी आएगी जिससे रोजी-रोटी की समस्या बढ़ेगी । वी के कारण ने बताया कि निजी बैंक बनने पर लघु बचत पर ब्याज की दर और कम होगी और सेवा शुल्क में भारी बढ़ोतरी हो जाएगी। इंडियन ओवरसीज बैंक के साथी जितेंद्र कुमार झा ने जानकारी दी कि निजी बैंकों में कारपोरेट और बड़े घरों की मनमानी और आम जनता की 145 लाख करोड़ की जमा पूंजी पर लूट होगी। बैंक ऑफ इंडिया के देवेंद्र भारद्वाज ने बताया कि आर्थिक सुधारों की आड़ में निजीकरण किया जा रहा है जो जनता के साथ धोखा है ।
सभा को पंकज ओझा, साधना सिंह दांगी, रौनक जैन, नेहा ठकरानी, अभिनव गुप्ता, राघवेंद्र सिंह यादव, अनूप सक्सेना, संजय पोरवाल, निहारिका श्रीवास्तव, अनुराग, अवनीश, आशीष सोनी अभिषेक वर्मा, एसपी सिंह, आरती गुप्ता, आदि ने संबोधित किया । सभा प्रदर्शन में राजेश सोनकर, प्रमोद दुबे, महेंद्र पाठक वीरेंद्र सिंह कुशवाहा, गणेशी लाल, संजय सिंह चौहान, नरेंद्र कुमार, मनोज यादव, माधुरी चौधरी, मोनिका जैन, बरखा, अजय सिंह राठौड़, मनीष कुमार, आशीष तिवारी, घनश्याम दास अग्रवाल, सोमनाथ, जावेद अहमद, संदीप राम, पूर्वी गुप्ता प्रशांत रावत, निलेश कुमार, अनु शर्मा, अमिताभ निगम, पीतक दास, अजय सिंह चौहान, पुरुषोत्तम कुशवाहा, ओपी कुशवाहा, बालक दास, आशीष खरे, प्रियंका अग्निहोत्री आदर्श वर्मा, नीरज कुमार, सुमन राठौर, ठाकुरदास, धर्मेंद्र अभिषेक, विवेक सेन, मनोज कुमार, शुभां सैनी, श्याम सुंदर, आर के तिवारी आदि सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
कल 16 मार्च, 2021 को सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, क्षेत्रीय कार्यालय, ग्वालियर रोड, झांसी के समक्ष प्रातः 10:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक पुनः प्रदर्शन किया जाएगा । इसके बावजूद भी सरकार अगर बैंक निजी करण करने के अपने प्रस्ताव को वापस नहीं लेती है तो आगे और जोर शोर से आंदोलन कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे और अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी सभा का संचालन भी की जाएगी। सभा का संचालन जिला संयोजक अशोक कुमार महावर ने किया और अध्यक्षता संयुक्त रुप से सुशील तिवारी और सीपी सरावगी ने की ।

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