गुरु का महत्‍व आदिकाल से लेकर आधुनिक काल तक सर्वश्रेष्‍ठ : प्रो. एसपी सिंह

कलाकार दिलीप कुमार के चित्रों की तीन दिवसीय कला प्रदर्शनी "अर्पण" का हुआ शुभारंभ

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झाँसी। “गुरु का महत्व आदिकाल से लेकर आधुनिक काल तक सर्वश्रेष्ठ रहा है। शास्त्रों में भी गुरु प्रथम पूजनीय रहे हैं।” उक्त वक्तव्य बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति प्रो एस पी सिंह ने अपने अध्यक्षीय उद्धबोधन में कहे। प्रो एस पी सिंह चित्रकार दिलीप कुमार द्वारा अपने गुरुओं प्रो मनोज कुमार सिंह और प्रो सी पी पैन्यूली की स्मृति में आयोजित एकल चित्रकला प्रदर्शनी “अर्पण” के उदघाटन सत्र की अध्यक्षता कर रहे थे। प्रो सिंह ने प्रो पैन्यूली को याद करते हुए कहा कि वह एक सरल और सहज स्वभाव के धनी व्यक्तित्व थे। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि वरिष्ठ समाज सेविका और मुख्य विकास अधिकारी, झांसी की धर्म पत्नी स्नेहा ने दिलीप कुमार के सोच की सराहना करते हुए कहा कि आज के समय भी अपने गुरु के प्रति ऐसी सच्ची श्रद्धाभाव रखने वाले शिष्य विरले ही देखने को मिलते हैं।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रो एमएम सिंह ने प्रो पैन्यूली को याद करते हुए कहा कि वह एक अच्छे शिक्षक, एक शानदार मित्र और एक बेहतरीन अभिभावक थे। भौतिक विज्ञान के क्षेत्र से शुरुआत करने के बाद भी उन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में जिस प्रकार का नाम कमाया, यह उनके बहु आयामी व्यक्तित्व को साबित करता है। कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि डॉ नीति शास्त्री ने दिलीप कुमार की कलाकृतियों में छुपी गहराई की सराहना करते हुए कहा कि अपने गुरु का सम्मान करने वाले शिष्य हमेशा यश कमाते हैं। विशिष्ट अतिथि के रूप में राजकीय महिला महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ बीबी त्रिपाठी और राजकीय संग्रहालय, झांसी के उपनिदेशक डॉ एसके दुबे भी उपस्थित रहे। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के ललित कला संस्थान की पूर्व समंवयक डॉ श्वेता पांडेय ने प्रो मनोज कुमार सिंह को याद करते हुए कहा कि वह कला के प्रति पुरी तरह समर्पित थे। उनके पढ़ाए हुए विद्यार्थी आज पूरी दुनिया में उनका नाम रोशन कर रहे हैं।
अतिथियों का स्वागत करते हुए दिलीप कुमार ने कहा कि प्रो मनोज कुमार सिंह ने जहां उन्हें कला के गुर सिखाए तो वही प्रो सी पी पैन्यूली से उन्होंने व्यवहारिकता के गुर सीखे। इस प्रदर्शनी का उद्देश्य इन गुरुओं द्वारा सीखी गई कला को उन्हें “अर्पण” कर देना है। यह एकल चित्रकला प्रदर्शनी “अर्पण” तीन दिनों तक राजकीय संग्रहालय झांसी में लोगों के अवलोकन हेतु लगी रहेगी। इस प्रदर्शनी में कुल 52 पेंटिंग को दर्शाया गया है। अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए डॉ उमेश कुमार ने कहा कि प्रो सी पी पैन्यूली हमेशा से अपने छात्रों को प्राथमिकता देते थे और अन्य शिक्षक साथियों को भी ऐसा ही करने के लिए कहते थे। कार्यक्रम का संचालन शाश्वत सिंह ने किया। इस अवसर पर उमा पाराशर, गजेंद्र सिंह, निकेता आदि उपस्थित रहे।

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