गणतन्त्र दिवस पर 34 विभागों में हुए बुन्देली सांस्कृतिक कार्यक्रम

कमिश्नर द्वारा बुन्देली कलाओं को बचाने की रोजगारपरक पहल

0
308

झाँसी। बुन्देली लोक सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में मण्डलायुक्त द्वारा एक नई पहल का आगाज किया गया। बनाई गई योजना के अनुसार गणतन्त्र दिवस के अवसर पर विभिन्न शासकीय कार्यलयों में किसी एक बुन्देली विधा का कार्यक्रम आयोजित कराया गया। 26 जनवरी को 34 कार्यालयों में लगभग 200 बुंदेली कलाकारों द्वारा ध्वजारोहण के उपरान्त बुन्देली सांस्कृतिक धुनों के रंगा-रंग प्रस्तुतियाँ दी गई।
बुन्देलखण्ड की लोक कलाओं व कलाकारों के संरक्षण एवं उत्थान के इस सिलसिले को आगे बढ़ाने की दिशा में मण्डलायुक्त डा. अजय शंकर पाण्डेय द्वारा किये जा रहे प्रयासों के क्रम में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पर्व पर स्थानीय लोक कलाकारों को आमंत्रित कर उन्हें सम्मानित करने व अपनी प्रस्तुतियाँ देने का अवसर दिया जाना आवश्यक है। बुन्देलखण्ड में राई, डिमरियाई, आल्हा, मोनियाँ, लोक गायन-वादन, स्वांग नृत्य, बांसुरी वादन आदि की प्रस्तुतियाँ दी गई। बुन्देलखण्ड के लोकभूषण साहित्यकार डॉ पन्नालाल असर ने बताया कि मण्डलायुक्त की यह पहल एतिहासिक व कलाकारों को अवसर प्रदान करने वाली है हम आयुक्त के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं। बुंदेली कला और कलाकारों को संरक्षण ना मिलने से अनेक कलाएँ विलुप्त होने की कगार पर जा रही है, ऐसे समय में आयुक्त द्वारा लोक कलाकारों को प्लेटफार्म उपलब्ध कराए जाने से कलाकार संवर्ग उत्साहित है। कलाकारों के समूह में भगवत नारायण समाधिया, लतीफ अहमद, माताप्रसाद शाक्य, सीताराम कुशवाहा, राधा प्रजापति, बेबी इमरान सहित अन्य कलाकार भी उपस्थित रहे । कार्यक्रम का संचालन आनन्द चौबे मण्डलीय परियोजना प्रबंधक एन.एच.एम. ने किया।

LEAVE A REPLY