JHANSI. विकास भवन सभागार में देर शाम जिलास्तरीय उद्योग बन्धु समिति की बैठक में अध्यक्षता करते हुये जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने कहा कि बुंदेलखंड में निवेश की वृद्धि हेतु औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने वाले निवेशकों का पूर्ण रूप से संबंधित विभागीय अधिकारी सहयोग करें। धारा 80 एवं निवेश मित्र पोर्टल के प्रकरणों का संवेदनशील होकर निस्तारण करना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने विकास भवन में आयोजित जिला उद्योग समिति की बैठक में कहा कि मुख्यमंत्री की प्राथमिकता बुन्देलखण्ड के चहुंमुखी विकास पर केन्द्रित है। इसी को दृष्टिगत रखते हुए नई पर्यटन नीति और उद्योग नीति को तैयार किया गया है, जिसके माध्यम से बुंदेलखंड क्षेत्र का आर्थिक और सामाजिक विकास हो। उन्होंने कहा कि अनेकों योजनायें केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा बुंदेलखंड क्षेत्र के नव सृजन हेतु संचालित की जा रही हैं, जिसका सीधा लाभ क्षेत्र के उद्यमियों को प्राप्त होगा ताकि बुन्देलखण्ड में उद्योगों का सृजन हो और लोगों को रोजगार मिले। उन्होने केन्द्र सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की बिंदुवार जानकारी उद्यमियों को उनके व्हाट्सएप ग्रुप पर उपलब्ध कराए जाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि बैंकर्स अपने कार्याे की स्वयं समीक्षा करें और उद्यमियों को योजनाओं का लाभ दिलायें।
निवेश मित्र योजना की समीक्षा करते हुये उन्होने निवेश मित्र पोर्टल पर लम्बित आनलाइन आवेदन पत्र पर नाराजगी व्यक्त करते हुए नगर निगम, यूपीडा, यूपीसीडा, जेडीए, विद्युत विभाग, ग्राउंड वाटर डिपार्टमेंट और मुख्य चिकित्सा अधिकारी व अन्य विभागों को तत्काल ऑनलाइन आवेदन पत्र को निस्तारण करने के निर्देश देते हुए कहा कि जनपद की रैंकिंग आपके प्रपत्रों के निस्तारण न करने से प्रभावित हो रही है। सबसे अधिक 04 प्रकरण यूपीसीडा के होने पर उन्होंने सभी का निस्तारण समयावधि में किए जाने व योजना के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की शिथिलता ना बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि निवेश मित्र योजना अंतर्गत 39 विभागों से स्वीकृतियां/ लाइसेंस/अनापत्तियों से संबंधित 350 से अधिक सेवाओं के त्वरित निस्तारण हेतु निवेश मित्र पोर्टल के अंतर्गत ऑनलाइन किया कार्य किया जा रहा है, इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही अथवा शिथिलता को जनपद में रोजगार सृजन में बाधा मानते हुए कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। जिला स्तरीय उद्योग बंधु समिति की बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि उद्यमियों द्वारा लगातार जनपद की तहसील सदर, टहरौली एवं मोंठ तहसीलों में एसडीएम न्यायालय स्तर लंबे समय से भू- उपयोग परिवर्तन के प्रकरण लंबित हैं। उन्होंने जनपद में औद्योगिक विकास को गति प्रदान करने के लिए निर्देश दिए कि धारा 80 के अंतर्गत एमओयू से आच्छादित प्रकरणों पर विशेष ध्यान देते हुए अति शीघ्र निष्पादन कराया जाए ताकि जनपद में उद्योगों के सृजन तेजी आ सके। बैठक में जिलाधिकारी ने एमएसएमई वार्षिक क्रेडिट प्लान के क्रम में जनपद में 1249 लाभार्थियों को 101 करोड़ 81 लाख रुपए का ऋण वितरण करने पर प्रसन्नता व्यक्त की, उन्होंने ऋण वितरण की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि जनपद में अभियान चलाते हुए पंजीकरण में तेजी लाए। उन्होंने कहा कि विभाग के आपसी समन्वय और संवाद की कमी होने के कारण इच्छुक उद्यमी योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। इस कमी को तत्काल दूर किया जाए।उन्होंने कहा कि योजनाअंतर्गत अभी और सुधार लाए जाने की जरूरत है,प्रगति अपेक्षाकृत कम है। उन्होंने उपस्थित उद्यमियों से फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने के लिए आगे आने का आव्हान किया।
बैठक में भू-गर्भ जल के प्रबन्धन और विनियमन के सम्बन्ध में समस्त एमएसएमई इकाइयों जो कि 10 क्यूबिक मीटर प्रतिदिन से कम जलदोहन करती है उन्हें अनापत्ति प्रमाण-पत्र नहीं देना है परन्तु पंजीकरण कराना अनिवार्य है। ऐसी इकाइयों जिन्होने पंजीकरण नही कराया है। जिन्होंने अब तक पंजीकरण कराना सुनिश्चित नहीं किया है वह सभी अपना पंजीकरण कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि ग्राउंड वाटर को सुरक्षित रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। जिलाधिकारी ने अंडर ग्राउंड वाटर विभाग के अधिकारी को अधिक से अधिक इकाइयों का पंजीकरण किया जाना सुनिश्चित कराए जाने के निर्देश दिए। इस मौके पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/ एसडीएम सदर शाहिद अहमद, एडीएम एके सिंह, एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार सिंह, उपायुक्त उद्योग मनीष चौधरी, अशोक आनंदानी, धीरज खुल्लर सहित अन्य उद्यमी/व्यापारी एवं व्यापारी संगठन के पदाधिकारी तथा विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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** जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित हुई जिला स्तरीय उद्योग बंधु समिति की बैठक ** औद्योगिकरण के लिए जिलाधिकारी ने अधिकारियों को आपसी समन्वय स्थापित करते हुए कार्य करने के दिए निर्देश ** निवेश मित्र पोर्टल पर विभिन्न विभागों की लंम्बित शिकायतों पर जिलाधिकारी ने की नाराजगी व्यक्त, समय सीमा में निस्तारण के दिए निर्देश ** धारा 80 के अंतर्गत तहसीलों में परगनाधिकारी न्यायालयों में लंबित प्रकरणों की समीक्षा करते हुए जल्द निस्तारण करना सुनिश्चित करें ** इन्वेस्टर्स के साथ विभागीय अधिकारी संवाद स्थापित करते हुए इकाई के स्थापन हेतु प्राथमिकता से कार्य करना सुनिश्चित करें ** इन्वेस्टर फ्रेंडली कार्य न करने पर संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध होगी कार्यवाही