मौलिक कर्तव्यों का पालन सजगता से करें: निसामुददीन

बुविवि में संविधान दिवस पर आयोजित हुई विशेष संगोष्ठी

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झांसी। जिला न्यायाधीश न्यायमूर्ति निसामुद्दीन ने युवाओं का आह्वान किया कि वे अपने मौलिक कर्तव्यों का पालन सजगता से करके देश के विकास को और गति देने का काम करें। वे सोमवार को संविधान दिवस पर बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के गांधी सभागार में मौलिक अधिकारों पर आयोजित विशेष संगोष्ठी में जुटे अधिकारियों, शिक्षकों और विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने देश के संविधान की विशिष्टताओं का बखूबी उल्लेख करते हुए युवाओं को मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि देश के संविधान की रक्षा करना हर व्यक्ति का परम कर्तव्य है। जिला न्यायाधीश ने कहा कि हर व्यक्ति का यह दायित्व है कि वह भाईचारा और बंधुत्व के भाव को पुष्ट करे। देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए यह बहुत जरूरी है। उन्होंने चिंताभरे लहजे में कहा कि हम अपने अधिकारों के प्रति तो सजग रहते हैं लेकिन कर्तव्यों के पालन के प्रति उदासीन रहते हैं। गांवों के तालाबों पर लगातार हो रहे कब्जों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं कुछ लोगों की मनमानी और अधिकांश लोगों की उदासीनता का ही नतीजा होती हैं। हर कोई सरकार से ही कार्रवाई की अपेक्षा रखता है। वह यह नहीं सोचता है कि उसकी मनमानी दूसरों के लिए बडे़ संकट का कारण बन सकती है। तालाबों पर कब्जे के कारण आज जगह जगह जलसंकट की समस्या देखने को मिल रही है। उन्होंने विविध उदाहरण देकर लोगों से सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा करने का भी आहवान किया। उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि आप कोई भी ऐसा कार्य न करें जो खुद को अच्छा नहीं लगता है क्योंकि वे कार्य दूसरों के लिए मुश्किल ही पेश करेंगे। सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा नारा देते हुए उन्होंने उम्मीद जताई कि युवा अपने कर्तव्यों का पालन कर समाज को सही प्रेरणा देंगे।
इससे पहले सीजेएम सुशील कुमार, बुविवि के कुलसचिव डा. चतुर्भुजी गुप्त, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो देवेश निगम, डीन ला डा. डीपी गुप्ता, जिला बार के अध्यक्ष उदय सिंह राजपूत, सचिव केपी श्रीवास्तव ने भी संविधान की खूबियों और मौलिक अधिकारों एवं कर्तव्यों के बारे में विचार रखे। इन सभी ने मौलिक कर्तव्यों के पालन पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि सभी अपने कर्तव्यों का पालन ठीक से करेंगे तो देश के विकास की गति और तेज होगी। उन्होंने विकसित देशों का उदाहरण भी दिया। सभी वक्ताओं ने संविधान दिवस के महत्व को भी रेखांकित किया। शुरुआत में सभी अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण किया। बाद में इन सभी ने दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। संगोष्ठी की शुरुआत और अंत में राष्ट्रगान गाया गया। सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों आकाश गुप्ता, भावना यादव, प्रशांत शर्मा और शिक्षक डा. महेंद्र कुमार ने भी विचार रखे। कार्यक्रम में एडीएम हरिशंकर, एएसपी मो. मुश्ताक, कार्यक्रम के संयोजक सरोज कुमार, डा. प्रशांत मिश्र, डा. मंजू कौर, रीतेश अग्रवाल, डा. राजेश कुमार, डा. संदीप वर्मा, विनोद कुमार, डा. सीपी पैन्यूली, उमेश शुक्ल, अपर्णा अग्रवाल, सतीश साहनी, डा. मुहम्मद नईम आदि उपस्थित रहे। अंत में बुविवि के संपत्ति अधिकारी डा. डीके भट्ट ने आभार जताया। संचालन डा. रेखा लगरखा ने किया। इस कार्यक्रम में सरोज कुमार, रीतेश अग्रवाल और डीएलएसए के सचिव मनोज तिवारी को विशेष योगदान के लिए स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।

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