वैवाहिक सम्‍बंधों की जटिलताओं को समझ कर ही करें दाम्‍पत्‍य जीवन में प्रवेश

सिफ्सा के सहयोग से ‘‘युवाओं की स्वास्थ्य समस्यायें’’ विषयक वाद-विवाद प्रतियोगिता का हुआ आयोजन ----------- प्रजनन स्वास्थ्य, विवाहपूर्व एवं पश्चात् होने वाली समस्याओं के विषय में स्वयंसेवकों ने रखे अपने विचार

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झाँसी। राष्ट्रीय सेवा योजना, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झाँसी द्वारा राज्य परिवार नियोजन सेवा अभिनवीकरण परियोजना एजेन्सी (सिफ्सा) के सहयोग से विश्वविद्यालय परिसर में संचालित ‘‘यूथ फै्रण्डली क्लीनिक’’ के तत्वावधान में जनसंख्या पखवाडे के अन्तर्गत ‘‘युवाओं की स्वास्थ्य समस्यायें’’ विषयक वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग स्थित वृन्दावनलाल वर्मा सभागार में सिफ्सा के मण्डलीय परियोजना प्रबन्धक डाॅ. आनन्द चौबे के मुख्य आतिथ्य में किया गया।
वाद- विवाद प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए सिफ्सा के मण्डलीय परियोजना प्रबन्धक डाॅ. आनन्द चैबे ने कहा कि आज के बदलते परिवेश में युवाओं को अपनी जिम्मेवारियों को समझकर ही दाम्पत्य जीवन में प्रवेश करना चाहिए, ताकि वे भविष्य के सफल दम्पत्ति बन सके। विद्यार्थी जीवन में यदि हम विवाह पूर्व तैयारी कर वैवाहिक सम्बन्धों की जटिलताओं को समझ लेंगें तो दाम्पत्य जीवन की जिम्मेवारियों का निर्वहन बेहतर तरीके से कर सकेंगें। उन्होनें कहा कि विद्यार्थी जीवन में ऐसी अनेकों समस्यायें होती हैं, जिन्हें हम आपस में भी सांझा करने में संकोच करते हैं, ऐसी स्थिति में इस प्रकार की प्रतियोगितायें व कार्यशालायें विद्यार्थियों को भावी जीवन के योग्य बनाते हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम समन्वयक डाॅ. मुन्ना तिवारी ने कहा कि एक स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए आवश्यक है कि हम तन और मन दोनों से स्वस्थ रहें। हम अपने मानसिक विकारों व बाहय आर्कषणों से दूर रहकर अध्ययन में अपना समय व्यतीत करें। उन्होनें कहा कि पाश्चात्य सभ्यता के वशीभूत होकर कभी- कभी विद्यार्थी असंयमित व्यवहार करने लगता हैं, जिससे न केवल उनकी पढाई प्रभावित होती है, अपितु वे उनका भावी जीवन भी संकट में पड जाता है। ऐसी स्थिति में, हमें अपनी पढाई और कैरियर की ओर ध्यान रखना चाहिए। उन्होनें कहा कि विवाह पूर्व सावधानियों से हम यौन रोगों से बच सकते हैं।
कार्यक्रम का प्रारम्भ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर तथा द्वीप प्रज्जवलित कर किया गया। समस्त अतिथियों का बैच लगाकर स्वागत स्वयंसेवकों अंशुल नामदेव, अमन नायक, रोहित प्रजापति, काजल, निर्मला देवी, प्रियांशु गुप्ता, अभिषेक अहिरवार आदि द्वारा किया गया।
कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम अधिकारी डाॅ. मुहम्मद नईम ने किया। अतिथियों का स्वागत डाॅ. उमेश कुमार ने व आभार डाॅ. पुनीत बिसारिया ने व्यक्त किया। वाद विवाद प्रतियोगिता के प्रारम्भ में ‘‘यूथ फै्रण्डली क्लीनिक’’ के परामर्शदाता डाॅ. मुहम्मद नईम ने प्रतियोगिता के उद्देश्यों व नियमों से प्रतिभागियों को अवगत कराया। प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने स्वास्थ्य के विभिन्न आयामों, पोषण, अल्परक्तता, किशोरावस्था के मध्य होने वाले परिवर्तनों, यौन सम्बन्धी भ्रान्तियों, लैंगिक भेदभाव आदि विषयों पर अपने विचार व्यक्त किये।
प्रतियोगिता के निर्णायकों डाॅ. पुनीत बिसारिया, डाॅ. अचला पाण्डेय, नवीन चन्द्र पटेल द्वारा प्रतिभागियों की प्रस्तुतिकरण के आधार पर प्रथम स्थान पर अमन नायक, द्वितीय निर्मला देवी, तृतीय सैजल जैन व सांत्वना पुरस्कार नन्दिनी कुशवाहा, मोहित कुमार विजयी घोषित किया। समस्त विजयी प्रतिभागियों को मंचस्थ अतिथियों पर पुरस्कृत किया गया। मुख्य अतिथि व निर्णायकगणों को स्मृति चिन्ह देकर कार्यक्रम समन्वयक डाॅ. मुन्ना तिवारी द्वारा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर महारानी लक्ष्मीबाई राजकीय महिला महाविद्यालय, झाँसी के संस्कृत विभागाध्यक्ष डाॅ. बी. बी. त्रिपाठी, डाॅ. अजय कुमार गुप्ता, डाॅ. जितेन्द्र कुमार बबेले, डाॅ. अमरेश कुमार, श्रीमती ऊषा सिंह भदौरिया, शोधार्थी सतीश कुमार, कमलाकान्त उपाध्याय, प्रीति तिवारी, शुचि मिश्रा, प्रीतिदेवी मौर्या, नितेश कुमार, ममता देवी, अंजनी उपाध्याय, इन्द्र यादव, जितेन्द्र कुमार उपाध्याय, पुनीत तिवारी सहित विभिन्न विभागों के शिक्षक, शिक्षिकाएं व विद्यार्थी उपस्थित थे।

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