देश विदेश में मांग के चलते बुन्‍देलखण्‍ड में मोटा अनाज उगाएं किसान- कृषि मंत्री

प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में छोटी छोटी राइस मिल, दाल मिल, पैकेजिंग मिल, तेल मिल लगाए जाने का सुझाव दिया

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झांसी। संपूर्ण प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में लगभग एक हजार छोटी प्रोसेसिंग इकाई लगाए जाने का लक्ष्य है। जिप्सम का किसान अधिक प्रयोग करें ताकि मृदा का स्वास्थ्य बेहतर हो सके। प्रदेश में एफपीओ को प्रमोट किया जाएगा। जनपद झांसी में एफपीओ का कार्य सराहनीय है। बुंदेलखंड क्षेत्र में गेहूं क्रय की प्रगति संतोषजनक नहीं है इसे बढाये जाने के प्रयास किए जाएं। जहां पानी की पर्याप्त उपलब्धता है वहां धान को प्रोत्साहित किया जाए।
उक्त उद्गार कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने योजना भवन वीसी कक्ष से राज्य स्तरीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी- 2020 का शुभारंभ करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने लॉक डाउन में खाद्यान्न की निरंतर आपूर्ति बनाए रखने पर सभी को धन्यवाद दिया। राज्य स्तरीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी में कृषि मंत्री ने गेहूं क्रय की समीक्षा करते हुए कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र में गेहूं खरीद कम हो रही है। अभी तक 35000 मैट्रिक टन की खरीद की गई जो कम है। उन्होंने कहा कि किसानों को समस्या ना हो अपनी उपज को केंद्र तक लाने में, यह सुनिश्चित कर लें। ऑनलाइन कूपन के संबंध में किसानों का सहयोग किया जाए। उन्होंने दलहन खरीद में भी तेजी लाए जाने के साथ चना की एमएसपी से कम में खरीद होने पर चिंता व्यक्त की। प्रदेश में विगत 3 वर्षों में उत्पादन बढ़ा है। इस वर्ष खरीफ में 235 मैट्रिक टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।

कृषि मंत्री ने बुंदेलखंड में मोटा अनाज की बुवाई पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए श्रम भी कम लगता तथा पानी की आवश्यकता भी कम होती है और इसकी मांग देश के साथ विदेश में भी अधिक है। इसे प्रमोट किया जाए ताकि किसान को लाभ प्राप्त हो सके। प्रदेश में मल्टी क्रॉप को भी प्रमोट करने का सुझाव मंत्री ने दिया और इससे होने वाले लाभ की जानकारी दी। उन्होंने प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में छोटी छोटी राइस मिल, दाल मिल, पैकेजिंग मिल, तेल मिल लगाए जाने का सुझाव दिया और कहा कि यदि ऐसा करते हैं तो हमको कोरोना महामारी से अपने आप को बचा सकते हैं और आर्थिक स्थिति सुधार सकेंगे। गोष्ठी में कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा ने किसानों से कहा कि संपूर्ण प्रदेश में एफपीओ को बढ़ावा दिया जाएगा। किसान बाजार विकसित किए जाएंगे जहां किसान अपनी उपज को बेच सकें। उन्होंने कहा कि किसान की मेहनत का ऐसे उपयोग किया जाए जिससे ग्रामीण आर्थिक व्यवस्था में सुधार आ सके। वीसी के माध्यम से आयोजित गोष्ठी में प्रमुख सचिव कृषि, प्रमुख सचिव पशुपालन, आयुक्त ग्राम्य विकास सहित अन्य अधिकारियों ने विभागीय योजना की जानकारी दी। गोष्ठी में विभिन्न मंडलों से किसानों ने भी सुझाव व मांग प्रस्तुत की। झांसी एनआईसी में मंडलायुक्त सुभाष चंद्र शर्मा, जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी, जेडीसी चंद्रशेखर शुक्ला, जेडीए एके पांडे, डीडी मंडी सी पी तिवारी, डी डी उद्यान भैरम सिंह सहित पंचायती राज, पशुपालन, सहकारिता विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

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