पत्नी की मौत का गम और अपनों से दूरी हुई बर्दास्‍त से बाहर, की आत्‍महत्‍या

0 पत्नी की टीबी से ईलाज के दौरान हुयी मौत, कोरोना के भय के चलते लोगों ने नहीं दिया साथ 0 अपने खेत में पम्पसेट से साड़ी का फन्दा बना कर कुँए में लटक कर की आत्महत्या, क्षेत्र में मचा हड़कंप

0
1279

रिपोर्ट : रीतेश मिश्रा “राघवेन्द्र” टहरौली

टहरौली (झाँसी)। थानाक्षेत्र टहरौली के ग्राम पिपरा में आज तड़के दो शव मिलने से अफरातफरी मच गयी। सुबह जब लोग शौच क्रिया के लिये खेतों में निकले तो वहाँ दंपत्ति का शव मिलने से हड़कंप मच गया। आनन फानन में पिपरा निवासी समाजसेवी रामसिंह पटेल द्वारा थानाध्यक्ष टहरौली डॉ. आशीष मिश्रा को इस विषय में सूचना दी गयी। थानाध्यक्ष मौके पर पहुँचे और वहाँ का मुआयना किया। महिला का शव खेत में पड़ा हुआ था जबकि पुरूष का शव साड़ी के फंदे से कुँए में झूल रहा था।
छानबीन करने पर शव के पास ही कुछ दवाईयों के पर्चे मिले, जिसमें महिला की टीबी के ईलाज के समय के बिल और जाँचे आदि थे जिनसे स्पष्ट हुआ कि महिला टीबी के रोग से पीड़ित थी। वहीं एक पर्चे के पीछे ही आत्महत्या करने वाले युवक ने टूटी फूटी भाषा में अपना सुसाइड नोट भी लिखा हुआ था। युवक द्वारा अपने सुसाइड नोट में लिखा गया कि “हमारी जगह परिवार में नहीं जायेगी तो बुआ के पास जायेगी। इसके न बाप है और न ही माँ हैं, दिल्ली से शादी करके लाया था। टीबी की मरीज थी। न हमारा कोई, न हम किसी के।” थानाक्षेत्र टहरौली के ग्राम पिपरा निवासी रामस्वरूप रायकवार ने बताया कि उसके भतीजे ने अपनी पत्नी की मौत हो जाने के कारण आत्महत्या करके अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। रामस्वरूप रायकवार के अनुसार उनका भतीजा दिल्ली में मजदूरी करके अपना जीवनयापन करता था। वहीं मजदूरी कर रही शिवानी से उसने शादी कर ली। शिवानी के माता पिता की भी मृत्यु हो चुकी थी जबकि उसके भतीजे भगवत (उम्र 35 वर्ष) के पिता की मृत्यु उसके बचपन में ही हो गयी थी और उसकी माँ उसको छोड़ कर अलग रहने लगी थी। भगवत का बड़ा भाई गब्बर भी मजदूरी करके अपना भरण पोषण करता है। ग्रामवासियों द्वारा बताया गया मृतक काफी समय से दिल्ली में रह कर मजदूरी करता था और वहीं मजदूरी कर शिवानी से प्रेम हो गया और दोनों ने साथ जीने मरने की कसमें खा कर दिल्ली में ही शादी कर ली। लोगों द्वारा बताया गया कि शिवानी 2-3 माह की गर्भवती भी थी। लॉकडाउन हो जाने के बाद दोनों को दिल्ली में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था, जिसके बाद दोनों पैदल ही अपने घर के लिये निकल पड़े। झाँसी आते ही भगवत (35 वर्ष) की पत्नी शिवानी (28 वर्ष) की तबियत बिगड़ी और कुछ दिनों के ईलाज के दौरान ही शिवानी (28 वर्ष) की मृत्यु झाँसी में ही हो गयी। कोरोना के भय के चलते किसी भी अपने या ग्रामवासी ने उसका साथ नहीं दिया। लोगों को भय था कि शिवानी की मौत कोरोना से हुयी है तो किसी ने भी शव के पास जाना तक ठीक नहीं समझा। स्‍थानीय लोगों के अनुसार कुदरत की मार और लोगों की बेरुखी से परेशान होकर भगवत ने पहले तो अपनी पत्नी के शव को तकिया लगाया और फिर सुसाइड नोट लिखा। फिर अपनी पत्नी की साड़ी के एक छोर को खेत में कुँए के पास रखे पम्पसेट से बांधा जबकि दूसरे छोर को अपने गले मे बाँध कर कुँए में छलांग लगा दी। जिसके बाद उसकी भी मृत्यु हो गयी।
थाना प्रभारी टहरौली डॉ. आशीष कुमार मिश्रा द्वारा बताया गया कि सूचना मिलने पर तुरंत मौके पर पहुँच कर घटना की जांच की गयी। मृतक भगवत की पत्नी की मृत्यु टीबी के कारण हो गयी थी। इसके बाद भगवत ने अपने खेत पर फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली है । मृतक ने आत्महत्या के पहले अपना सुसाइड नोट भी छोड़ा है। दोनों शवों को कब्जे मे ले कर पंचनामा भरके पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

LEAVE A REPLY