झांसी। देश के प्रधानमंत्री द्वारा कही गई एक बात को लोगों से ज्यादा बड़ी कम्पनियां भुनाने में लगी है। ‘आत्मनिर्भर बनें और समस्या में अवसर खोजें’ यह बात प्रधानमंत्री ने कही थी, जिसको लेकर बड़ी कम्पनियों ने कई मौकों पर फायदा उठाना प्रारम्भ कर दिया है। अब इसी क्रम में प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ाने वाली दवाओं को बाजार में प्रचारित करना प्रारम्भ कर दिया है और कई चिकित्सकों ने भी उपचार में इनका इस्तेमाल बढ़ा दिया है। इसके अलावा कई बड़े अस्पतालों के पर्चे सोशल मीडिया पर जारी कर क्वारंटाइन के समय दी जाने वाली दवाओं के उपयोग करने और उन पर्चों को अधिक से अधिक शेयर करने की बातें भी की जाने लगी हैं। इसका पूरा फायदा उन इम्यूनिटी बढ़ाने वाली दवाएं बेचने वाली कम्पनियों को होगा। वहीं फलों और सब्जियों के डायरेक्ट उपयोग से लोग अपनी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकते हैं, लेकिन प्रचार के चलते इन दवाओं पर लोगों का विश्वास बढ़ता जा रहा है। इससे कई दवाओं की कीमतों में दो से चार गुना वृद्धि हो गई है, तो कई दवाएं गायब ही हो गई हैं। वहीं देशी दवाएं भी लोगों को प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी भा रही हैं।
कोरोना महामारी के चलते बाजारों में वैसे भले ही सन्नाटा छाया हुआ हो, लेकिन किराना स्टोर और मेडिकल स्टोर्स का बराबर जलवा कायम है। काला बाजारी के चलते पहले लॉकडाउन से किराने के अधिकतर सामानों में अप्रत्याशित वृद्धि हो गई थी, जो कि कई सामानों पर अभी तक कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। ऐसा ही हाल मेडिकल स्टोर्स का है, जहां मास्क और सेनेटाईजर महंगी कीमतों के बावजूद उड़ कर बिकते रहे। वहीं स्पिरिट, सेवलॉन और डेटॉल आदि भी दुकानों पर पहचान के आधार पर एहसान जताते हुए दुकानदारों द्वारा महंगी कीमतों पर बेचे जाते रहे। कोरोना काल में जहां एक ओर लोग मरते रहे या बीमार पड़ते रहे। वहीं दूसरी ओर लोग अवसर का लाभ उठाकर अमीर बनते रहे। अब कोरोना संक्रमण में प्रतिरोधक क्षमता को महत्व दिया जा रहा है, जिसके लिए विटामिन सी और विटामिन बी आदि को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह दोनों ही विटामिन घरों में आसानी से उपलब्ध खाद्य सामग्रियों में पाए जाते हैं, लेकिन उसके बावजूद लोग दवाओं पर ज्यादा विश्वास रहे हैं। ऐसे में इन विटामिन्स की दवाएं धीरे धीरे महंगी होती जा रही हैं। कई दुकानों पर यह ब्लैक में भी बिक रही हैं। अगर बात करें विटामिन सी की एक दवा जो पंद्रह रुपए में दस गोलियां आती थीं, वह अब पुराने प्रिण्ट वाले पैकेट 25 से 40 रुपए तक बाजार में बिक रहे हैं। वहीं अब उस दवा कम्पनी ने खपत को देखते हुए उक्त दवा की नई पैकिंग करते हुए कीमत 60 रुपए कर दी है। ऐसा ही कई मल्टी नेशनल कम्पनियों द्वारा किया जा रहा है। वहीं गिलोय, अश्वगंधा, शिलाजीत आदि जैसी देशी दवाएं भी अब कम्पनी मार्का में आने के कारण महंगी हो चली हैं। कम्पनियों द्वारा देशी दवाओं का अर्क, चूरन और रस आदि बेचा जा रहा हैै, जिनका इस्तेमाल हम स्वयं कर सकते हैं।
ऐसे खादय पदार्थ, जिनमें बड़ी मात्रा में पाया जाता है विटामिन बी
विटामिन बी को साधारण तौर पर हमको अलग से लेने की आवश्यकता नहीं होती है, क्योंकि हम अपने भोजन में अनाज, सब्जयों व फलों का आमतौर पर उपयोग करते ही रहते हैं। वर्तमान में कोरोना की स्थिति को देखते हुए बाजार से दवाएं खरीदने की जगह हमको अपने खाने में इन खाने की चीजों का इस्तेमाल करना जरुरी हो गया है।
0 विटामिन बी 1 : बादाम, मूंगफली, बीज, संतरा, दूध, अण्डे, फलियां, मटर, पालक और जौ
0 विटामिन बी 2 : अण्डे, पालक, हरी पत्तेदार सब्जियां, दूध व दही
0 विटामिन बी 3 : मशरुम, हरी मटर, पालक, जौ, मूंगफली, अण्डे
0 विटामिन बी 5 : आलू, टमाटर, अण्डे
0 विटामिन बी 6 : ब्रेड, दलिया, अण्डे, मछली
0 विटामिन बी 7 : चने, मटर, पालक और ब्रोकली
0 विटामिन बी 9 : हरी पत्तेदार सब्जी, अण्डे, फलियां, मटर, पालक, मशरुम, खट्टे फल, केला और जौ
0 विटामिन बी 12: दूध और उससे बनने वाले उत्पाद, दही, अण्डे
विटामिन सी है बहुत जरुरी
कोरोना के कहर के चलते सर्दी जुखाम आदि के संक्रमण को रोकने और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में विटामिन सी का काफी महत्व है। ऐसे में दवाओं की अपेक्षा विटामिन सी युक्त फल और सब्जियों का उपयोग अधिक करना चाहिए।
विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थों में अमरुद, कीवी, संतरा, पपीता, लीची, नींबू, आंवला, ब्रोकली, पालक, मटर, टमाटर, शिमला मिर्च, अन्नानास आदि शामिल हैं। इसका उपयोग करते रहने पर रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी।