झांसी। कंटेनमेण्ट व बफर जोन के तहत शहर क्षेत्र की बंद दुकानों को खोले जाने को लेकर नगर निगम में आयोजित बैठक आज हंगामे की भेंट चढ़ गई, जिसमें व्यापारियों व प्रशासनिक अधिकारियों में सहमति नहीं बन पाई। हालांकि कुछ व्यापारी संगठन प्रशासन की बातों से सहमत नजर आए तो कुछ अपना अड़ंगा लगाने से पीछे नहीं हटे। फिलहाल बैठक में और बैठक के बाद अधिकतर व्यापारी हंगामा करते ही नजर आए।
बता दें कि शहर क्षेत्र में कोरोना महामारी का सबसे अधिक प्रकोप देखने को मिला, जिसके चलते वहां सबसे अधिक कंटेनमेण्ट जोन बने हुए हैं। इन कंटेलमेण्ट जोन के आसपास के क्षेत्र को प्रशासन ने बफर जोन घोषित करते हुए वहां के बाजार को भी खोलने पर प्रतिबंध लगा दिया था। अब इसको काफी समय हो गया है, जिसके कारण व्यापारियों का धैर्य जवाब देने लगा है। इसको लेकर जिलाधिकारी के निर्देश पर नगर आयुक्त अवनीश राय व नगर मैजिस्ट्रेट सलिल पटेल की संयुक्त अध्यक्षता में व्यापारियों की एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में बाजार खोले जाने पर चर्चा की गई। बैठक में अधिकारियों ने कहा कि कोरोना महामारी का प्रकोप प्रतिदिन बढ़ रहा हैै और कंटेनमेण्ट जोन के आसपास बफर जोन बनाए गए हैं। इसके कारण वहां अब मरीज कम निकल रहे हैं। ऐसे में बाजार खोले जाने से पूर्व सभी व्यापारियों और उनके स्टाफ का भी कोरोना टेस्ट किया जाएगा। अभी 30 टीमें जांच कर रही हैं। जांच के बाद व्यापारियों व उनके दुकान पर रहने वाले स्टाफ को एक प्रमाण पत्र दिया जाएगा, जिसके आधार पर वह दुकानें खोल सकते हैं। इस पर व्यापारी भडक उठे और उन्होंने कोरोना टेस्ट कराने पर असहमति जताई। व्यापारियों का कहना है सोमवार को बाजार खुल जाने दिजिए और बाजार में ही कैंप लगाकर सभी दुकानदारो व स्टाफ की कोरोना जांच कर ली जाए। जांच के बाद शाम को जांच रिपोर्ट और सर्टिफिकेट दुकानदारों को दें, लेकिन प्रशासन का कहना है पहले टेस्ट होगा और उसके बाद बाजार खोले जाएंगे। अधिकारियों ने शर्त रखी कि पहले सभी दुकानदारों एवं कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट करना अनिवार्य है। यदि कोई व्यापारी टेस्ट नहीं कराएगा, तो वह अपनी दुकान नहीं खोल सकता है। व्यापारियों ने इसका विरोध जताते हुए झांसी प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाए और प्रदर्शन किया। हालांकि व्यापारियों का एक पक्ष प्रशासन से सहमत दिखा, लेकिन अन्य व्यापारियों के विरोध के कारण वह भी कुछ न कर सके।
क्यों खुले हैं अन्य बाजार
व्यापारियों ने शहर क्षेत्र के बाजार बंद होने का तो विरोध किया ही साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आखिर अन्य क्षेत्रों के बाजार क्यों खोले जा रहे हैं। सबसे ज्यादा सीपरी बाजार के खुलने का विरोध जताया गया। इस पर अधिकारियों ने व्यापारियों को बताया भी कि सीपरी बाजार या अन्य क्षेत्रों में कोरोना महामारी का प्रकोप कम है, जिस कारण वहां बाजार खोले जा रहे हैं। इस पर भी व्यापारी नहीं माने और विरोध प्रदर्शन करते रहे।
सदर विधायक ने भी प्रशासन को लिखा पत्र
शहर क्षेत्र की दुकानो को खोले जाने को लेकर सदर विधायक रवि शर्मा भी चिंतित नजर आए। इसको लेकर उन्होंने प्रशासन को पत्र लिखकर व्यापारियों की समस्या पर एक बार पुन: समीक्षा करने को कहा है। पत्र में उन्होंने कहा है कि बफर जोन में दुकानें बंद होने को लेकर काफी समय हो चुका है और अब व्यापारी काफी परेशान है। प्रशासन मामले की समीक्षा कर व्यापारियों को दुकानेंं खोलने की परमीशन दे।
व्यापारी नेताओं ने ही सबसे अधिक की थी बाजार बंद रखने की मांग
बफर जोन या कोरोना महामारी के कारण बाजार बंद रखे जा रहे हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा छूट दिये जाने के बाद सबसे अधिक मांग इस मामले में व्यापारी नेताओं द्वारा ही की गई थी। हर व्यापारी स्वयं से बाजार बंद रखने की मांग कर रहा था। आज जब महामारी का प्रकोप और ज्यादा हो गया है, तो अब उन नेताओं व व्यापारियों को बाजार खोले जाने को लेकर जल्दी मची हुई है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि पहले व्यापारियों द्वारा एक महीने तक लॉकडाउन आदि की मांग क्या दिखावा थी। अब उनको अपना व्यापार दिख रहा है। फिलहाल प्रशासन इस पर क्या निर्णय लेता है। यह अभी सामने नहीं आया है।