कृषि आधारित आजीविका हेतु महिला संगठन का निर्माण प्राथमिकता से कराएं- महाप्रबंधक नाबार्ड

*वर्षा जल की एक-एक बूंद का संचय ही गांव के विकास का एक मात्र उपाय ** ** जलागम विकास योजना ग्राम रौरा के लिए वरदान

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झांसी। वर्षा जल संचय ही एक मात्र एक उपाय हैं। उक्त उद्गार मुख्य महाप्रबन्धक शंकर ए पांडे नाबार्ड द्वारा जलागम विकास परियोजना, रौरा विकास खण्ड, चिरगाँव के ऑनलाइन उद्घाटन अवसर पर प्रभुदत्ता साहू डी0 जी0एम0 नाबार्ड द्वारा व्यक्त किए गए।
नाबार्ड उ0प्र0 के सहयोग से जलागम विकास परियोजना ग्राम पंचायत रौरा वि0 खण्ड चिरगाँव में स्वंय सेवी संस्था व विकास उद्योग समिति चिरगाँव के तकनीकि सहयोग से संचालित की जा रही है। परियोजना के अन्तर्गत रौरा वाटरशेड में 1173 हे0 भूमि ली गई जिसमें ग्राम रौरा, ग्राम बकायन, ग्राम मजराताई व ग्राम ताईजागीर की भूमि शामिल हैं। उक्त भूमि में वर्षा जल संरक्षण हेतु मेड़बन्धी, चैकडेम, स्टापडेम व अर्धनडेम के साथ साथ वृक्षरोपण कार्य वृहद स्तर पर कराये जाने का प्रस्ताव है। परियोजना के अन्तर्गत नवीन कृषि तकनीकि को बढावा के अतिरिक्त नये बीज उपलब्ध कराने हेतु एग्रोहोर्टी माडल विकसित करना परियोजना का लक्ष्य है। परियोजना के अन्तर्गत जैविक खेती को बढावा देने हेतु वर्मीए नाडेप, जीरो बजट खेती पर भी किसानो को प्रशिक्षित कर मॉडल तैयार किये जायेगे। कृषि आधारित आजीविका हेतु महिला संगठन का निर्माण तथा इनके साथ जुडकर बकरी पालन तथा अन्य छोटे कुटीर उद्योगो का निर्माण कर ग्रामीण आजीविका प्रदान करने हेतु एक स्थाई प्रयास करना परियोजना का मूल लक्ष्य रहेगा।
डी0जी0एम0 नाबार्ड द्वारा अपने उद्वोधन में ग्राम वासियो को सन्देश दिया कि जब तक हम खेत का पानी खेत में तथा गाँव का पानी गाँव में नही रोकते तब तक कृषि करना मुश्किल हैं। कुँओ अथवा बोर को पानी तभी मिलेगा जब हम खेत का पानी खेत में संरक्षित करेगे। यह कार्य बिना जन सहयोग के सम्भव नही है। किसानो की आमदनी बढाने के लिए परियोजना के अन्तर्गत अनेक गतिविधियॉ है। लेकिन इनके सफलतम संचालन में विकास उद्योग समिति के साथ साथ आप सभी के बराबर सहभागिता करते हुये कार्य करना होगा।
जिला विकास प्रबन्धक नाबार्ड भूपेश पाल ने बताया की जलागम विकास परियोजना रौरा जैसे ऊचे नीचे नालो से घिरे ग्रामों के लिए ही है ग्राम रौरा चिरगाँव ब्लाक का अति पिछडा ग्राम है। यहाँ सिंचाई के कोई स्थाई संसाधन नही है। अतः पूरी खेती वर्षा जल पर निर्भर है। इसलियें इस परियोजना की महत्वता और बढ़ जाती है। इस परियोजना के पूर्ण होने के पश्चात यहां का जल स्तर इतना बढ़ जायेगा कि किसान समुचित उपयोग कर वर्ष भर खेती कर सकता है। परियोजना के अन्तर्गत संचालित गतिविधियो में जन सहयोग का विशेष महत्व है। नाबार्ड ग्रामीणअंचल के लिए अनेक परियोजना संचालित करता है। किसान आगे आ कर एफ0पी0ओ0 संगठन बनाये और अपने उत्पाद का प्रोसिज कर अधिक मूल्य प्राप्त करें। मेरा प्रयास रहेगा कि नाबार्ड की अन्य आजीविका एंव कृषि सम्बन्धित परियोजनाओ से इस ग्राम को जोडा़ जायें। उद्घाटन अवसर पर जी0एस0 रावत (रीजनल मैनेजर) प्रथमा यू0पी0 गामीण बैंक ने समुदाय को सम्बोधित करते हुयें कहा कि सरकार नाबार्ड व बैंको का प्रयास किसान व कृषि को सशक्त करना है किसान जब दिन रात एक कर खेती करता है तभी पूरे देश का पेट भरता है बैंक उन्मुक्त रूप से के0सी0सी0 व कृषि आधारित लोन दे रहे है के0सी0सी0 अदायगी समय से कर किसान उसका सही लाभ उठाये। सूखा प्रभावित क्षेत्र होने कारण श्री रावत द्वारा कम पानी वाली फसल उत्पादन तथा गेहूँ के कम पानी वाले बीज चयन करने हेतु किसानो को सलाह दी।
कार्यक्रम के अन्तर्गत आठ महिला लाभर्थियों बकरी पालन हेतु चैक वितरित की गई। कार्यक्रम का संचालन विनोद मिश्रा सचिव विकास उद्योग समिति द्वारा किया गया इस अवसर पर व्रद्वावन गुप्ता, गोविन्दास पांचाल, सौरभ नामदेव आदि उपस्थित रहें। कार्यक्रम के अन्त में कैलाश नारायण अध्यक्ष जलागम विकास समिति ने आभार व्यक्त किया।

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