गरीब व्यक्तियो को न्याय दिलाने के दृष्टिगत कार्य करें एसडीएम व तहसीलदार:- जिलाधिकारी

*** भू-माफियाओं को चिहिन्त कर करें कार्यवाही ** वादों के निस्तारण में लायें तेजी पुराने लम्बित वाद के निस्तारण में दें प्राथमिकता ** राजस्व वसूली के निर्धारित लक्ष्य को करें पूर्ण, अन्यथा होगी कार्यवाही ** राजस्व, कर-करेत्तर एवं मुख्य देय वसूली की समीक्षा कर जिलाधिकारी ने दिए निर्देश

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झांसी। सभी उपजिलाधिकारी, तहसीलदार, लेखपाल सहित सभी राजस्व कर्मियो को निर्देशित करते हुये जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने कहा कि गरीब व्यक्तियों को न्याय दिलाने के दृष्टिगत अपनी कार्य प्रणाली में सुधार लाते हुये कार्य करें। उन्होने कहा कि किसी गरीब के जमीन पर कूटरचित तरीके से कब्जा करने वाले भू- माफियाओं को चिहिन्त करते हुये कड़ी से कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जाय।
जिलाधिकारी ने कहा कि सभी उपजिलाधिकारी अपने तहसील से कम से कम पाॅच-पाॅच ऐसे केसो को चिहिन्त करें जो अवैध रूप से किसी गरीब या सरकारी ज़मीनों पर कब्जा कर किये हों। ऐसे लोगो को चिहिन्त करते हुये नियमानुसार कड़ी से कड़ी कार्यवाही करे ताकि पीड़ित व्यक्ति को न्याय मिल सकें। जिलाधिकारी ने कर-करेत्तर, मुख्य देय, विविध देय के राजस्व वसूली प्रगति समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि अपने अधीनस्थ सभी राजस्व निरीक्षक व लेखपालों को एक बार बैठक कर यह अवगत करा दें कि यदि उनके द्वारा किसी भू- माफिया से मिलकर राजस्व कार्यो व खसरा खतौनी/अभिलेखो में हेराफेरी की जाती हैं तो उनके विरूद्ध एफ0आई0आर0 दर्ज कर कार्यवाही की जायेगी। उन्होने कहा कि कोई भी राजस्वकर्मी ऐसे कार्यो में संलिप्त न हो। राजस्व वसूली की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने निर्देशित करते हुये कहा कि अपने-अपने क्षेत्र के 10 बड़े बकायेदारो को चिहिन्त करते हुये बकाया राजस्व धनराशि जमा करें अन्यथा नियमानुसार नीलामी व कुड़की करते हुये सम्पत्ति जब्त करने की कार्यवाही सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि वसूली के निर्धारित मासिक लक्ष्य को प्रत्येक दशा में पूर्ण करना सुनिश्चित किया जाय। लक्ष्य पूर्ण न करने वाले अमीन, नायब तहसीलदार व तहसीलदार के विरूद्ध भी कार्यवाही की जायेगी। उन्होने कहा कि न्यायिक मजिस्ट्रेट अपने न्यायालयों में बैठे तथा अधिक से अधिक वादो का निस्तारण करने का प्रयास करें। उन्होने कहा कि 03 वर्ष व 05 वर्ष से अधिक लम्बित वादो को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित करें। उन्होने कहा कि प्रत्येक मजिस्ट्रेट के लिये जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है, उससे अधिक वाद निस्तारित करने का प्रयास करें। जिलाधिकारी ने कहा कि धारा-34 के मुकदमों को विशेष प्राथमिकता देते हुये निस्तारण करें ताकि गरीबो को बार-बार न्यायालय के चक्कर न लगाने पड़े। इसी प्रकार धारा-80, धारा-116, धारा-24 आदि मामलों में पूरी मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुये निस्तारण करें।
उन्होने कहा कि किसी के पट्टे की जमीन अथवा अवैध कब्जा वाली जमीन को लेखपाल या राजस्व अधिकारी के सामने प्रकरण आने पर प्राथमिकता के आधार जांच कर खाली करायें। एक बार जमीनो को खाली कराने के उपरान्त यदि पुनः किसी के द्वारा अवैध कब्जा किया जाता है तो उसके विरूद्ध एफ0आई0आर0 दर्ज कर कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। वरासत व अवैध कब्जा खाली कराने के मामलों में राजस्व निरीक्षक/लेखपाल के द्वारा जो रिपोर्ट भेजे जा रहे उसे उपजिलाधिकारी भली भांति पढ़ने के बाद ही निर्णय सुनिश्चित करें।
समस्या के दौरान जिलाधिकारी ने विभागीय कार्यवाही, आनलाइन खसरा फीडिंग, आपदा राहत, सम्पूर्ण समाधान दिवस, भू-आवंटन, आडिट आपत्तियों के निस्तारण, आयोग से सम्बन्धित संदर्भ, चकबन्दी सहित आबकारी, परिवहन, खन्न व वन, सिंचाई विद्युत आदि विभागों के बिन्दुवार राजस्व वसूली प्रगति समीक्षा की गयी तथा लक्ष्य पूर्ण करने का निर्देश दिया गया।

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