आखिर सभासद से उप सभापति बन ही गईं श्रीमती सुशीला गोकुल दुबे

******छह बार की पार्षद बनी उपसभापति, विपक्ष ने नहीं उतारा प्रत्याशी ******* सर्वाधिक 9 सदस्यों के साथ कार्यकारिणी में भाजपा का बर्चस्व, विपक्ष को नहीं छोड़ा कोई विकल्प

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झाँसी। राजनीति में तमाम पापड़ बेले और एक उच्‍च पद के लिए जाने क्‍या क्‍या किया। हर पार्टी में शामिल हुए, अपनी धर्मपत्‍नी को उच्‍च पद पर बैठाने के लिए उनके पति गोकुल दुबे ने वो सब कुछ किया, जो राजनीति में जायज होता है। अपने पति के साथ नित नई उंचाईयां चढकर श्रीमती सुशीला गोकुल दुबे को आज निर्विरोध उपसभापति चुन लिया गया। नगर निगम कार्यकारिणी गठन के बाद शुक्रवार को उपसभापति पद का चुनाव भी निर्विरोध सम्पन्न हुआ। भाजपा ने छह बार की पार्षद सुशीला दुबे को उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा था। कमजोर विपक्ष के पास कोई अन्य विकल्प न होने के कारण सुशीला दुबे को निर्विरोध निर्वाचित कर दिया गया। गौरतलब है कि उपसभापति पद पर महज कार्यकारिणी सदस्य ही वोट डाल सकते हैं। जबकि 12 सदस्यीय कार्यकारिणी में सर्वाधिक 9 सदस्य भाजपा के हैं।
नगर निगम चुनाव के बाद 12 सदस्यीय कार्यकारिणी गठन को लेकर गुरुवार हुये चुनाव में भाजपा ने सर्वाधिक 9 सदस्यों को निर्विरोध जीत दिलाकर कार्यकारिणी में दबदबा कायम कर लिया। जबकि विपक्ष की ओर से बसपा एवं आप पार्टी से एक-एक पार्षद के अलावा एक निर्दलीय पार्षद जीतकर कार्यकारिणी में पहुंच सका। पूर्ण बहुमत से कार्यकारिणी चुनने के बाद तय हो गया था कि उपसभापति की सीट पर भाजपा का ही उम्मीदवार बैठेगा। शुक्रवार सुबह चुनाव प्रक्रिया शुरू होते ही भाजपा ने छह बार की चुनी पार्षद सुशीला दुबे को उम्मीदवार के रूप में पेश किया। विपक्ष के पास महज तीन वोट होने के कारण कोई विकल्प न होने पर हाथ पीछे ही खींचना मुनासिब समझा। इधर महज एक नामांकन होने के कारण चुनाव अधिकारी सुशीला दुबे को निर्विरोध उपसभापति चयन की घोषणा कर दी। इस मौके पर सांसद अनुराग शर्मा, सदर विधायक रवि शर्मा सहित तमाम भाजपाईयों व पार्षद सहित निगम अफसरों ने नवनिर्वाचित उपसभापति को बधाई देते हुये फूल मालाओं से स्वागत किया।

कार्यकारिणी की बैठक 19 व बोर्ड की बैठक 23 मई को

कार्यकारिणी गठन के बाद पहली नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक आगामी 19 मई को प्रस्तावित है। इस सम्बंध में मेयर बिहारी लाल आर्य ने अफसरों से चर्चा की है। जबकि कार्यकारिणी की बैठक के बाद 23 मई को बोर्ड की बैठक बुलायी जाएगी। पहली कार्यकारिणी की बैठक में वित्तीय वर्ष के बजट को लेकर चर्चा होगी। लेखा विभाग ने वित्तीय वर्ष के बजट को लेकर पूरी तैयारी कर ली है। कार्यकारिणी में बजट के पास के बाद बोर्ड बैठक में स्वीकृत के लिये रखा जाएगा।

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