क्‍विक वाटरिंग सिस्‍टम से मात्र 5 से 6 मिनट में ट्रेन के कोच में भर रहा पानी

मंडल रेल प्रबंधक द्वारा झाँसी यार्ड में नव संस्थापित इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग तथा क्विक वाटरिंग सिस्टम का निरीक्षण

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झांसी। मंडल रेल प्रबंधक आशुतोष द्वारा झाँसी यार्ड में संस्थापित की जा रही इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम का अवलोकन किया गया। इस प्रणाली का संस्थापन कार्य पूर्ण होने से झाँसी यार्ड मैकेनिकल इंटरलॉकिंग सिस्टम रहित हो गया है। इस प्रणाली के संस्थापन से स्टाफ / मैन पॉवर की बचत के साथ-साथ संरक्षा के स्तर में बढ़ोतरी होगी।

डीआरएम द्वारा स्टेशन पर नव संस्थापित क्विक वाटरिंग सिस्टम का निरीक्षण किया। क्‍यूडब्‍ल्‍यूएम को स्टेशन के पूर्व सर्कुलेटिंग क्षेत्र में 10 लाख लीटर की क्षमता के वाटर सप्लाई टैंक से जोड़ा गया है। अवगत कराया जाता है कि पहले अधिकतर गाड़ियों के ठहराव 10 से 20 मिनट के हुआ करते थे जो की धीरे-धीरे 10 मिनट से भी कम हो गए हैं। उक्त सिस्टम का संस्थापन इस परिकल्पना के दृष्टिगत किया गया है कि 05 मिनट के अन्दर गाडी के सभी कोचों में पानी पूरी तरह से भर जाए। रु. 3.5 करोड़ की लागत से संस्थापित इस सिस्टम से पानी के प्रेशर को 125 किलोवाट के तीन सेंटरीफूगल पंप के माध्यम से बूस्ट किया जाता है। यदि एक समय में सभी प्लेटफार्म पर गाडी आ जाये तब भी इसके प्रेशर व क्षमता पर कोई असर नहीं पड़ता है और यह सभी कोच में पानी उपलब्ध कराता है। इसमें लगे हुए वाल्व इलेक्ट्रिकली कंट्रोल्ड है जो की एक एसएमएस के माध्यम से भी ऑन/ऑफ किये जा सकते हैं। इससे 2.5 KG/CM² के प्रेशर से तथा 1000 मीटर क्यूब प्रति घंटा के दबाव से पानी दौड़ता है तथा हर गाडी के हर कोच में अधिकतम 5 से 6 मिनट के समय में पानी भरा जा रहा है। पानी की निर्बाध सप्लाई हेतु इसको 500 किलोवाट क्षमता के आटोमेटिक जनेरटर सेट से जोड़ा गया है।
निरीक्षण के दौरान अपर मंडल रेल प्रबंधक दिनेश वर्मा, वरिष्ठ मंडल यांत्रिक अभियंता करुणेश श्रीवास्तव, रघुनाथ वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता, सुधीर कुमार वरिष्ठ मंडल अभियंता सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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