चुनावी बजट पर न लालीपॉप, न लुभावने वायदे

0
319

झांसी। केन्‍द्र सरकार का बजट आना एक सतत प्रक्रिया है, जो प्रति वर्ष होती है और उस पर सत्‍ता पक्ष के लोग उसके पक्ष में और विपक्ष के लोग उसके विरोध में अपनी प्रतिक्रिया देते हैं। पर आम जनता और विशेषज्ञ इस बजट को अपनी तरह से लेते हैं, जिनको अपने फायदे के साथ समाज के लिए कुछ अलग चाहिए होता है।
बजट में जहां प्राइवेट इन्वेस्टमेंट और विकास को बढ़ावा देने के लिए बजट में पूंजीगत खर्च को 35.4 प्रतिशत बढ़ाकर 7.50 लाख करोड़ रुपये किया गया है। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान रिजर्व बैंक (RBI) डिजिटल करेंसी की शुरुआत करेगा। निर्मला सीतारमण ने वर्चुअल डिजिटल एसेट्स यानी क्रिप्टो करेंसी और एनएफटी से होने वाली आय पर 30 फीसदी की दर से भारी-भरकम टैक्स लगाने का एलान भी किया है। देश में शिक्षा प्रदान करने के लिए एक डिजिटल यूनिवर्सिटी के गठन का प्रस्ताव रखते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इसका निर्माण हब एवं स्पोक मॉडल के आधार पर किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज अपने बजट में इनकम टैक्स चुकाने वाले करदाताओं को कोई राहत नहीं दी है। न तो पर्सनल इनकम टैक्स की दरों में कोई रियायत दी है और न ही आयकर के स्लैब में कोई बदलाव किया गया है। कैपिटल गुड्स पर इंपोर्ट ड्यूटी में मिल रही छूट हटाई गई। कैपिटल गुड्स इंपोर्ट पर अब 7.5 फीसदी की दर से इंपोर्ट ड्यूटी लगेगी। बजट पर विशेषज्ञों सहित आम जनता ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी।


खाती बाबा निवासी यशवंत सिंह चौहान उर्फ गुड्डू बताते हैं कि बजट में मिडिल क्‍लास के लिए सीधे तौर पर कोई घोषणा नहीं की गई है। कोरोना जैसी आपदा से परेशान लोगों को न तो रोजगार है और न ही उनकी आर्थिक स्‍थिति ही ठीक है। ऐसे में इस बजट से मिडिल क्‍लास को निराशा ही हासिल हुई है। कपड़े और चमड़े के सामान सस्‍ते होना अच्‍छी बात है।


सेवानिवृत्‍त रेलवे अधिकारी श्रीमती राधा भट्टाचार्य ने बताया कि पेंशन को टैक्‍स मुक्‍त रखना एक अच्‍छी बात है। हालांकि रसोई का बजट पहले से बिगड़ा हुआ है और यह लगातार बढ़ रही महंगाई के बाद बिगड़ता ही जा रहा है। कारपोरेट टैक्‍स को कम करने के बजाय सरकार ने उनको और राहत दी है। आयकर में भी किसी तरह का परिवर्तन नहीं किया गया है।


केन्‍द्र सरकार के बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए मनी यात्रा के विवेक जैन बताते हैं कि सरकार की मंशा साफ है और पांच राज्‍यों में चुनाव होने के बावजूद न तो जनता को कोई लालीपॉप पकड़ाया और न ही कोई लुभावना वायदा किया है। न तो कुछ फ्री में बांटने की बात की। उन्‍होंने बताया कि बजट में टैक्‍स का सरलीकरण करने की बात हुई है, जोकि सभी के लिए अच्‍छा होगा। बाकी तो सब ठीक ही है। इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर और कैपिटल एक्सपेंडिचर का विस्तार आगे बढ़ने का रास्ता है।

अध्‍यापिका श्रीमती मधु शर्मा बताती हैं कि क्रिप्‍टो करेंसी पर टैक्‍स लगाकर सरकार ने अच्‍छा काम किया है। अगले वर्षों में वह भी सेवानिवृत्‍त होने वाली हैं। ऐसे में पेंशन टैक्‍स मुक्‍त होना भी उनके लिए अच्‍छी खबर है। बाकी नई नौकरियां और आवास मिलने से देश के लोगों का विकास होगा। सरकार को महंगाई पर नियंत्रण करना चाहिए, जिससे कोरोना के खराब हुई आर्थिक स्‍थिति से लोग उबर पाएं। बजट में शिक्षा के लिए किए जा रहे प्रयास भी काफी अच्‍छे हैं, जिसके तहत सभी राज्यों को इससे क्लास 1 से 12 तक क्षेत्रीय भाषाओं में पूरक शिक्षा देने में मदद मिलेगी।

उ.प्र. व्यापार मंडल के प्रदेश अध्‍यक्ष व राष्ट्रीय मंत्री कैट संजय पटवारी कहते हैं कि वित्त मंत्री द्वारा घोषित किया गया यह एक बैलेंस बजट है। यह बजट देश को प्रगति की ओर ले जाएगा, एक और इस बजट में ड्यूटी से छूट से कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक आइटम, सोना चांदी सस्ते होंगे। वहीं दूसरी ओर स्टार्टअप को छूट देने के लिए विभिन्न क्षेत्र में 30 साल तक की छूट का प्रावधान से लघु और मध्यम उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। आयकर के रिटर्न में भी अगर कोई विसंगति होती है तो 2 साल के अंदर उसमें संशोधन का प्रावधान भी स्वागत योग है। जीएसटी एवं आयकर मैं किसी तरह की छूट ना मिलने से व्यापारी जरूर निराश हुआ है।

LEAVE A REPLY