लैंगिक समानता के दौर में स्त्री पुरुष दोनों को होना चाहिए पाक कला में दक्ष : कुलसचिव

गृहणियों हेतु हुआ विशिष्ट व्यंजन कार्यशाला का आयोजन

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झाँसी। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय व उत्तर प्रदेश सरकार के सौजन्य से पर्यटन एवं होटल प्रबंधन संस्थान में सेंटर फॉर एक्सीलेंस परियोजना के तहत गृहणियों हेतु विशिष्ट व्यंजन कार्यशाला का आयोजन हुआ, जिसमें सभी प्रतिभागी गृहणियों को एप्रन व किचन किट भेंट किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित वरिष्ठ समाजसेविका व राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित डॉ नीति शास्त्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि औरतों को अन्नपूर्णा कहा जाता है, क्योंकि क्योंकि जब पुरुष अपने कार्यस्थल से जब घर लौटता है तब उसे अपनी माँ, पत्नी, बहन अथवा बेटी से अपेक्षा रहती है कि वो उसे भरपेट पौष्टिक भोजन परोसेंगी। यहाँ तक कि जब स्त्री गर्भवती होती है तब भी वह पोषिका ही होती है क्योंकि उसपर गर्भ में पल रहे शिशु के पोषण की जिम्मेदारी होती है। उन्होंने कहा कि परिवारीजनों के लिए व्यंजन को पकाना व परोसना एक कला है जो पारिवारिक सम्बन्धों में मधुरता लाता है। स्त्री कितनी भी अधिक शिक्षित क्यों ना हो किन्तु यदि उसे पाक कला का ज्ञान नहीं है तो उसे अपने पारिवारिक संबंधों के निर्वहन में असहजता होती है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलसचिव विनय कुमार सिंह ने लोक कहावत का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रेम का रास्ता पेट से होकर गुजरता है, अत: व्यंजनों की विशिष्टता प्रेम संबंधों को प्रगाढ़ बनाती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर लैंगिक समानता का दौर है। अत: स्त्री पुरुष दोनों को पाक कला में दक्ष होना चाहिये। आईटीएचएम के निदेशक प्रो० सुनील काबिया ने कहा कि गृहणियाँ पाक कला में स्वत: दक्ष होती हैं क्योंकि इसका प्रशिक्षण उन्हें अपने परिवार में माँ अथवा बहन से मिला होता है। हम मात्र उन्हें आधुनिक दौर के नवीन व्यंजनों व तकनीकियों आदि से रूबरू कराते हैं, जिससे वे अपने परिवार को विभिन्न प्रकार के व्यंजन परोस सकें। संचालन सत्येन्द्र चौधरी व धन्यवाद ज्ञापन डॉ संजय निभोरिया ने किया। इस अवसर पर प्रो अपर्णा राज, दीपा काबिया, प्रो देवेश निगम, प्रो पूनम पुरी, प्रो पुनीत बिसारिया, डॉ अनु सिंघला, कमल सचदेवा, डॉ सुधीर द्विवेदी, रमेश चंद्रा, डॉ मो नईम, डॉ जीके श्रीनिवासन, डॉ शिप्रा मिश्रा, आशीष सेठ, डॉ प्रणव भार्गव, सत्येन्द्र चौधरी, हेमंत चन्द्रा, जयकिशन पुरोहित, अंकुर चाचरा, अभिषेक जोशी, निशांत पुरवार, समीन खान, मुकुल खरे, आयुष सक्सेना, रंजीत कुमार, अर्पिता मिश्रा, ऋषभ पराशर, मनीष कुमार आदि उपस्थित रहे।

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