डीएम के जीवन संघर्ष व प्रेरणादायक व्यक्तित्व पर आधारित उपन्यास ”सपनों का सारथी” का हुआ विमोचन

• कुलपति ने बताया सतत संघर्ष व सकारात्मक सोच सफलता की कुंजी

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झाँसी। एक व्यक्ति की सफलता के लिए उसे प्राथमिक शिक्षा के सही अवसर, परिवेश व असामान्य परिस्थितियां कभी बाधा नहीं बनती यदि वह सकारात्मक सोच से अपने जीवन की सभी सीढ़ियों को संघर्ष के साथ चढ़ते रहे।

उक्त बातें बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो मुकेश पांडेय ने जिलाधिकारी रविंद्र कुमार के जीवन संघर्ष पर आधारित उपन्यास सपनों का सारथी के विमोचन समारोह में कहीं। उन्होंने बताया कि रविंद्र कुमार एक ग्रामीण परिवेश से मध्यमवर्गीय परिवार के होने के बावजूद जीवन में अनेक कठिनाइयों का सामना करते हुए सकारात्मक सोच से शिफर से शिखर की ओर पहुंचे। उन्होंने अपने जीवन में अनेक विपरीत परिस्थितियों का सामना किया परंतु दृढ़ इच्छाशक्ति से उन्होंने उन विपदाओं को अवसरों में बदल लिया और सफलताओं की ओर बढ़ते चले गए।

डॉ अनिरुद्ध रावत व आनंद चौबे ने मिलकर रविंद्र कुमार के जीवन के उन अनछुए पहलुओं को उपन्यास के रूप में गढ़कर आम जनमानस के सामने इस उद्देश्य से रखा है कि उनके जीवन संघर्ष से युवा प्रेरणा ले सकें। जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि सपनों का सारथी उपन्यास लिख कर आनंद चौबे व अनिरुद्ध रावत ने मेरे जीवन के अनेक पहलुओं को सबके सामने प्रस्तुत किया है। इस पुस्तक की सफलता त•ाी सिद्ध होगी जब युवा इस पुस्तक का अपने जीवन में रूपांतरण के लिए उपयोग कर सकें। विमोचन समारोह के अवसर पर उपन्यास के लेखक डॉ अनिरुद्ध रावत ने कहा कि रविन्द्र कुमार के जीवन में कठिन परिस्थितियों ने उन्हें पीछे न ढकेलकर आगे बढ़ने की ओर ले गए। लेखक आनंद चौबे ने बताया कि कथा साहित्य का जीवन के परिमार्जन में मूल्यवान योगदान होता है। हर व्यक्ति को प्रेरणादायक साहित्य व सफल व्यक्तियों की जीवनीयों का अध्ययन अवश्य करना चाहिए। यह सौभाग्‍य है कि इस जिले के जिलाधिकारी एक ऐसे व्यक्ति हैं जिनका जीवन प्रेरणास्पद है।

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