‘ द गेम ऑफ माइंड्स’ लिखकर 18 वर्ष की मिली ने दर्ज कराया इंडिया बुक आफ रिकार्ड में नाम

- द गेम आफ माइंडस के नाम से लिखी गई है 100 पेज की किताब - कवर पेज पर लगी श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन के उपदेश देने की तस्वीर

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हमीरपुर। कभी कभी लोग ऐसा काम कर गुजरते हैं, जो कभी किसी से सोचा ही नहीं होता है और फिर छा जाते हैं दुनिया पर। ऐसा ही हमीरपुर निवासी सत्‍यप्रकाश गुप्‍ता की होनहार बेटी मिली गुप्‍ता ने एक कारनामा कर डाला, जिसे जिसने जाना उसने सराहा और तो और उसने 18 वर्ष चार माह की उम्र में इंडिया बुक आफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करवा लिया। उसने ‘द गेम आफ माइंडस’ के नाम से एक सेल्‍फ बुक लिख डाली और उसके कवर पेज पर श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को उपदेश देने वाली तस्वीर है। मिली की इस उपलब्धि पर उसके घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।
उल्‍लेखनीय है कि हमीरपुर के गोशाला रमेड़ी मोहल्ला निवासी गुरुकुलम स्कूल के प्रबंधक सत्यप्रकाश गुप्ता की पुत्री मिली गुप्ता ने यह कारनामा कर दिखाया है। मिली ने बताया कि उसे यह बुक लिखने में उसे चार साल का वक्त लग गया। सौ पेज की बुक में दस अध्याय है। मिली की पूरी किताब मोटीवेशन से भरी हुई है। इस किताब में कामयाबी और नाकामयाबी के बीच चलती कशमकश को उजागर किया गया है। किसी एग्जाम या जीवन के किसी मोड़ पर आकर खुद को हारा महसूस करने वालों को किताब से काफी मोटीवेशन मिलेगा। मिली ने बताया कि उसने अपने जीवन के कुछ अंश भी किताब में लिखे हैं। साथ ही एक दोस्त आपके जीवन और सफलता में कैसे रोल प्ले करता है, उसे भी लिखा है, उसे भी अपनी एक दोस्त झलक धंधनिया से बहुत प्रेरणा मिली। बेटी की इस कामयाबी से पूरे घर में खुशी की लहर है। इसके साथ ही बेटी व उसके माता पिता को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।

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