अभ्यास से व्यक्तित्व को संवारें विद्यार्थी – प्रो देवेश निगम

कलाविद् भगवानदास गुप्ता की पुण्यतिथि पर पत्रकारिता संस्थान में हुआ विशेष व्याख्यान

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झांसी। बुन्‍देलखण्‍ड विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. देवेश निगम ने कहा कि गूगल विभिन्न मुद्दों पर विद्यार्थियों को जानकारी तो दे सकता है परंतु उनको अपना व्यक्तित्व निखारने का काम स्वयं ही करना होगा। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि खुद के प्रयत्नोें और अभ्यास को बढ़ाकर ही अपना भविष्य संवारें। शिक्षक उन्हें उचित मार्गदर्शन देने को हर पल प्रतिबद्ध और उपलब्ध हैं। प्रो. निगम कलाविद् स्वर्गीय भगवानदास गुप्ता कला शैक्षणिक उत्थान समिति जबलपुर तथा भास्कर जनसंचार एवं पत्रकारिता संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आज समाचार पत्रों में चित्रों की उपयोगिता विषय पर आयोजित व्याख्यान कार्यक्रम में जुटे विद्यार्थियों और शिक्षकों को संबोधित कर रहे थे। यह कार्यक्रम जबलपुर के प्रख्यात कलाविद् भगवानदास गुप्ता की चतुर्थ पुण्यतिथि पर आयोजित किया गया।
पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे कलाम के व्यक्तित्व का उदाहरण देते हुए प्रो. निगम ने कहा कि उनका जीवन इस बात की तस्दीक करता है कि जब कोई शख्श कुछ करने की ठान लेता है तो सुविधाओं और संसाधनों का अभाव भी उसके राह में बाधक नहीं बन सकता। उन्होंने विद्यार्थियों से सदैव सतर्क रहकर अपना लक्ष्य तय करने और उसे हासिल करने के लिए पूरे मनोयोग से प्रयास करने का सुझाव दिया। प्रो. निगम ने कलाविद भगवानदास के व्यक्तित्व से सभी विद्यार्थियों से प्रेरणा लेने का आह्वान भी किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जनसंचार एवं पत्रकारिता संस्थान के पूर्व प्रमुख डा. सीपी पैन्यूली ने विविध उदाहरणों को सामने रखते हुए विद्यार्थियों से अपने कैरियर को उम्दा ढंग से निखारने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि महापुरुषों को हम इसीलिए याद करते हैं कि उनके जीवन के कुछ प्रसंग हमें प्रेरणा दें। उन्होंने कहा कि यदि हम महापुरुषों के किसी भी एक गुण को आत्मसात कर लें तो हमारा जीवन धन्य हो जाएगा।
मुख्य वक्ता जनसंचार एवं पत्रकारिता संस्थान के शिक्षक एवं वरिष्ठ पत्रकार उमेश शुक्ल ने समाचार पत्रों में चित्रों की उपयोगिता के बारे में विद्यार्थियों को विस्तार से जानकारी दी। शुक्ल ने कहा कि आवश्यकता आविष्कार की जननी है। समाचार पत्रों का जन्म भी जिज्ञासा से उपजी आवश्यकताओं का ही परिणाम है। मनुष्य एक जिज्ञासु प्राणी है। मानव की जिज्ञासा को शांत करने के लिए समाचार पत्रों का जन्म हुआ। वैज्ञानिक प्रगति के कारण समस्त संसार एक परिवार में बदल गया है। देश विदेश की घटनाओं का मानव जीवन पर प्रभाव पड़ना स्वाभाविक ही है। प्रत्येक मनुष्य देश विदेश के समाचारों से परिचित रहे इसके लिए समाचार पत्र अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। आज ऐसे अनेक व्यक्ति मिल जाएंगे जिनके लिए समाचार पत्र भोजन से अधिक महत्वपूर्ण है। अतः आज की परिस्थितियों में समाचार पत्र को युग की आवश्यकता ही कहा जा सकता है। समाचारपत्रों में चित्रों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। एक चित्र हजारों शब्दों पर भारी पड़ता है। वह किसी भी घटना का जीवंत दस्तावेज होता है। ऐसे में चित्रों के चयन में भी बड़ी कुशलता की जरूरत होती है। शुक्ल ने चित्रों के उपयोग के तौर तरीकों और समाचार लेखन में उनकी उपयोगिता के बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि आज आधुनिक समाचार पत्र केवल घटनाओं तथा समाचारों का विवरण मात्र नहीं रह गए हैं। वे अब अनेक रूपों और कलेवरों में प्रकाशित हो रहे हैं। साहित्यिक, राजनीतिक, धार्मिक, सांस्कृतिक तथा खेलकूद संबंधी विविध प्रकार के समाचार पत्र और पत्रिकाएं दोनों प्रकाशित हो रहे हैं। इन सभी समाचार पत्रों में चित्रों का चयन फौरी जरूरतों को ध्यान में रखकर किया जाता है। सबका मकसद यही कि पाठकों से अधिकाधिक करीबी हासिल की जाए ताकि जग में प्रसिद्धि मिले। इस कार्यक्रम में शुक्ल को शाल, श्रीफल एवं पुष्प गुच्छ भेंट कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए भास्कर जनसंचार एवं पत्रकारिता संस्थान के पूर्व विभाग प्रमुख डा.सी.पी.पैन्यूली ने छात्रों को भगवानदास गुप्ता के जीवन से प्रेरणा लेने की सलाह देते हुए कहा कि समाचारपत्रों को आकर्षक चित्रों के द्वारा ही बनाया जाता है तथा समाचारपत्रों में प्रकाशित चित्र कई बार उन घटनाओं को भी उद्घाटित कर देते हैं जो कि शब्दों के द्वारा वर्णित नही हो सकते है।
जनसंचार एवं पत्रकारिता संस्थान में दोपहर बाद दो बजे से आयोजित इस कार्यक्रम का संचालन समाज कार्य विभाग के शिक्षक डा. मुहम्मद नईम ने किया। उन्होंने भी कलाविद् भगवानदास गुप्ता को भावपूर्वक याद किया। अन्त में विश्वविद्यालय परिसर की राष्ट्रीय सेवा योजना की ईकाई छहः के कार्यक्रम अधिकारी उा.उमेश कुमार ने आमंत्रित अतिथियेां का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम का प्रारम्भ मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ववलन, माल्यार्पण तथा पुष्पार्चन से प्रारम्भ हुआ। दीप प्रज्ज्वलन के पश्चात डा. अजय कुमार गुप्ता ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की तथा भगवानदास गुप्ता के जीवन तथा कार्यो पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर बरेली में आयोजित अंतर विश्वविद्यालय चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम रहे अजय सिंह और तृतीय रहे राजकुमार को भी छा़त्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. निगम ने सम्मानित किया।इस कार्यक्रम में जनसंचार एवं पत्रकारिता संस्थान के जय सिंह, अभिषेक कुमार, ललित कला संस्थान की आरती वर्मा और जयराम कुटार आदि उपस्थित रहे। अंत में डा. उमेश कुमार ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। शुरुआत में सभी अतिथियों ने कलाविद् भगवानदास गुप्ता और मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित किए।

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