इतिहास सिर्फ एक विषय नहीं जीवन है: डॉ. अजय शंकर पाण्डेय

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झाँसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी के कला संकाय तथा इतिहास संकलन योजना द्वारा एक संगोष्ठी “इतिहास सिखाता है, इतिहास दुहराता है। “का आयोजन हुआ। संगोष्ठी का संचालन तीन सत्रों में किया गया, उ‌द्घाटन सत्र, तकनीकी सत्र और समापन सत्र। उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि डा. बालमुन्द्र पाण्डेय, राष्ट्रीय संगठन मंत्री, अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना, नई दिल्ली विशिष्ट वक्ता डा अजय शंकर पाण्डेय, पूर्व मण्डलायुक्त- झांसी, संजय हर्ष मिश्र-राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री, इतिहास संकलन योजना, प्रोफेसर मुकेश पाण्डेय, कुलपति बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, प्रोफेसर पवन सिन्हा, कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी रहे। वहीं अध्यक्षता प्रो. के रत्नम ने की।

डा. बालमुकुन्द पाण्डेय ने कहा- ‘इतिहास में क्रमबद्धता होती है, इतिहास लयात्मक होता है। इतिहास तथ्यात्मक क्रमबद्धता होना चाहिए। डा. अजय शंकर पाण्डेय ने कहा- ‘इतिहास सिर्फ एक विषय नहीं जीवन है, जिसको आत्मसात करना प्रत्येक व्यक्ति के लिए आवश्यक है।
संजय हर्ष मिश्र ने कहा- बुन्देलखण्ड का इतिहास संस्कृतिका इतिहास है। कुलपति प्रोफेसर मुकेश पाण्डेय ने कहा- “इतिहास सिखाता है। इतिहास आवश्यकता है। NEP में इतिहास अध्ययन को बल दिया गया है।” विशिष्ट वक्ता पवन सिन्हा ने कहा- ‘अपना इतिहास पन्नों में छिपने न दो । अध्यक्षता करते हुए प्रोफेसर के रत्नम ने कहा- ‘भारतीय इतिहास हमारी अभिव्यक्ति, अभिरंजना है। इतिहास से हमको नकारात्मकत से सकारात्मकता की ओर चलना है सीख मिलती है।’ स्वागत उद्बोधन प्रोफेसर मुन्ना तिवारी ने और संचालन डा. अनुपम व्यास ने किया। संगोष्ठी का द्वितीय सत्र भी संजय हर्ष मिश्र की अध्यक्षता में हुआ। विशिष्ट वक्ता – मुकुन्द महरोत्रा, डा. सुरेन्द्र पाल, डॉ० महेन्द्र उपाध्याय, डा राजेन्द्र खरे उपस्थित रहे। संचालन आनंद गोस्वामी ने किया। धन्यवाद शैलेंद्र तिवारी ने किया। संगोष्ठी में बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के संबद्ध कालेजों के लगभग 50 अध्यापकों के शोध छात्रों ने सहभागिता किया। 22. शोध पत्रों का वाचन / प्रस्तुतिकरण हुआ।

सम्मानित किए गए बुंदेलखंड के इतिहासकार ,समाजसेवी

मुकुंद मेहरोत्रा, डॉ एस के दुबे, नीति शास्त्री, प्रदीप तिवारी, शैलेंद्र तिवारी, आनंद गोस्वामी, महेंद्र उपाध्याय, राजेंद्र खरे

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