झाँसी। श्री गौड़ बाबा सिद्धाश्रम पर पुरुषोत्तम माह के पावन अवसर पर षष्टम दिवस में सवा करोड़ ॐ नमः शिवायः जप, शिवलिंग निर्माण एवं शिव पुराण की कथा श्रवण कराते हुए आचार्य पं.विनोद चतुर्वेदी ने कहा कि रुद्राक्ष धारण करने के विषय में शिवपुराण में बताया गया है कि जो व्यक्ति इसे धारण करता है। उसके आस-पास नकारात्मक ऊर्जा का वास नहीं हो सकता है। और शिवपुराण की विद्येश्वर संहिता में रुद्राक्ष के 14 प्रकार बताए गए हैं। सभी का महत्व व धारण करने का मंत्र अलग-अलग है। इन्हें माला के रूप में पहनने से मिलने वाले फल भी भिन्न ही हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार इन रुद्राक्षों को विधि-विधान से धारण करने से विशेष लाभ मिलता है।
सावन के पवित्र माह में जो भी व्यक्ति रुद्राक्ष धारण करता है। उसे भगवान भोले बाबा का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही साथ शिव महापुराण कथा श्रवण व शिव भक्ति के लिए पहले अहंकार दूर करना होगा। क्योकि जब तक अहंकार होता है, तब तक भोलेनाथ प्रसन्न नही होते है। जिस प्रकार आदि देव महादेव को भोलेनाथ कहा जाता है। उसी तरह उनको भक्त भी भोले पसंद है। जब तक अहंकार दूर नही होगा तब तक शिव की भक्ति प्राप्त होना कठिन है।
पूजन एवं आरती मैथली मुदगिल, शांति शर्मा, जगदीश कुशवाहा, राकेश पाठक, सुशील दुबे, विनय उपाध्याय, करन, मोहन, संदीप साहू नगरा ने की। पूजन एवं अभिषेक आचार्य अनिल रिछारिया, केशवदास दौदेरिया पुजारी, प्रवीण तिवारी, आलोक शास्त्री, हरिओम शास्त्री सहित आदि विद्वानों ने कराया। इस अवसर पर मुख्य रूप से श्रीमती कमलेश मिश्रा, श्रीमती सुमन मिश्रा, साधना द्विवेदी, शांति शाक्या, रामबाबू शर्मा, विवान मिश्रा, वंदना परमार, कृष्णा गौतम, ललिता देवी, मंजू पाण्डेय, प्रेमबाबू गुप्ता, कुसुम तिवारी, बिन्दू नरूला, माहेश्वरी नायक, रीता श्रीवास्तव, रामजानकी पाठक, गीता चतुर्वेदी, नीलम सोनी आदि द्वारा शिवलिंग निर्माण व ॐ नमः शिवायः जप किया गया। कार्यक्रम संचालन पं. सियाराम शरण चतुर्वेदी ने किया। अंत में आभार पं.नितिन चतुर्वेदी ने किया।