कलाकार समय का सृजन और संरक्षणकर्ता होता है: प्रो. मुकेश पाण्डेय

कला आचार्य चित्रकला प्रदर्शनी और ऋतुरंग भित्ति चित्रण का हुआ भव्य उद्घाटन

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झांसी। राज्य ललित कला अकादमी लखनऊ और ललित कला संस्थान बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित “कला आचार्य” चित्रकला प्रदर्शनी का उद्घाटन आज ललित कला संस्थान में कुलपति प्रो. मुकेश पाण्डेय की अध्यक्षता में हुआ। इस प्रदर्शनी में 30 से अधिक कला शिक्षकों की कला कृतियों को प्रदर्शित किया गया है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के लिए प्रो. मुकेश पाण्डेय ने कहा कि कलाकार समय का सृजन और संरक्षणकर्ता होता है। उन्होंने कहा कि इस कला प्रदर्शनी में झांसी परिक्षेत्र के कला शिक्षकों की कला कृतियों को प्रदर्शित किया है और इनको देखकर सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि कला शिक्षा का भविष्य बहुत ही उज्ज्वल है। प्रो. पांडेय ने प्रदर्शनी की संयोजक डॉ. श्वेता पाण्डेय को बधाई देते हुए कहा कि इस तरह के प्रयास शिक्षकों को एक मंच प्रदान करने के साथ ही साथ विद्यार्थियों को सीखने का एक अच्छा अवसर प्रदान करते हैं। यह विद्यार्थियों को अलग – अलग विषयों के बारे में सोच विकसित करने में सहायक होते हैं। उन्होंने कहा कि कलाकार को अपने समय, समाज और संस्कृति के संरक्षण और प्रोत्साहन के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए और यहां प्रदर्शित कला कृतियों में यह दिखाई दे रहा है।
ऋतुरंग भित्ति चित्रण का उद्घाटन करते हुए प्रो. पांडेय ने कहा कि डॉ. श्वेता पाण्डेय और गजेंद्र के निर्देशन में बनी यह कृतियां आने वाले समय में विभाग के लिए बहुत ही अमूल्य धरोहर एक रूप में होंगी। प्रो. पांडेय जी कला आचार्य चित्रकला प्रदर्शनी में शामिल प्रतिभागियों एवं ऋतुरंग भित्ति चित्रण में अपना सहयोग करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अधिष्ठाता कला संकाय बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी प्रो. मुन्ना तिवारी ने कहा कि कला मानव मन की अद्वितीय प्रस्तुति है। इसमें, रूप, रंग, रस, रहस्य, रचनात्मकता, रूपण, रूमानियत जैसे सभी गुण मौजूद होते हैं। उन्होंने कहा कि जब कोई कलाकार कृति का निर्माण कर रहा होता है तो एक दुनिया बना रहा होता है और उसी दुनिया में कई बार वह बहुत समय तक खोया हुआ भी रहता है। प्रो. तिवारी ने प्रदर्शनी के सभी प्रतिभागियों एवं भित्ति चित्र में अपना योगदान देने वाले विद्यार्थियों और शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि यह चित्र ही हमारी जीवंतता के परिचायक हैं और हमें आगे ले जाने में सहायक हैं। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी वसी मोहम्मद ने इस अवसर पर कहा कि रंगों में सजीवता सहज ही दिखाई दे रही है. उन्होंने सभी को इस कला प्रदर्शनी के आयोजन के लिए बधाई दी और संस्थान की दीवारों पर उकेरे गए चित्रों की तारीफ की. इस अवसर पर कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि मंडलीय परियोजना प्रबंधक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डॉ. आनंद चौबे ने कहा कि एक कलाकार अपनी रचना से न केवल आनंदित होता है बल्कि वह दूसरों को सही रास्ता भी दिखाता है। उन्होंने कहा कि यह हमारे शिक्षकों के लिए बहुत ही सौभाग्य का विषय है कि राज्य ललित कला अकादमी लखनऊ इस वर्ष शिक्षक दिवस के अवसर पर झांसी परिक्षेत्र के कला शिक्षकों के लिए यह प्रदर्शनी आयोजित कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शनी की संयोजक और ऋतु रंग भित्ति चित्रण की निर्देशक डॉ. श्वेता पाण्डेय की जिजीविषा देखकर खुशी होती है कि सभी कामों को कितनी सफलता के साथ संचालित कर लेती हैं। कला प्रदर्शनी की संयोजक डॉ. श्वेता पाण्डेय ने बताया कि इस कला आचार्य चित्रकला प्रदर्शनी में झांसी के 30 से अधिक कला शिक्षकों की कला कृतियों को प्रदर्शित किया गया है। राज्य ललित कला अकादमी लखनऊ द्वारा इस प्रदर्शनी के झांसी परिक्षेत्र में आयोजन हेतु चयनित करने आभार व्यक्त किया। डॉ. पांडेय ने बताया कि ऋतुरंग भित्ति चित्रण कार्यशाला 21 दिनों तक बिना किसी छुट्टी के लगातार चलती रही है। इसमें 40 से अधिक विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया और अपनी कला सृजन सोच के माध्यम से उनको चित्रित किया। डॉ. पांडेय ने ऋतुरंग कार्यशाला के आयोजन के दायित्व के लिए कुलपति का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर ललित कला संस्थान के सभी शिक्षक, विद्यार्थी एवं विश्वविद्यालय के अन्य विभागों के शिक्षक विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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