झांसी। जनपद का एक ऐसा गांव जहां राजनेताओं की उदासीनता और विकास को लेकर कोई योजना न होने से आजादी के बाद अब तक विद्युत व्यवस्था नहीं की जा सकी है। गांव के लोग बुलेट ट्रेन के युग में लालटेन और मोमबत्ती की रोशनी में रहने को मजबूर हैं। बच्चों को पढ़ाई के लिए भी दिक्कतों का सामना करना पढ़ रहा है।
सरकारें आती हैं और चली जाती हैं, हर सरकार अपने अपने तरीकों से देश के विकास की गाथा लिख रही हैं। इसके बावजूद यदि परमाणु बम से लैस और बुलेट ट्रेन चलाने के प्रयास करने वाले देश के कुछ गांवों में विद्युत व्यवस्था का न होना, प्रथम दृष्टि में ही उस क्षेत्र के राजनेताओं और स्थानीय प्रशासन की ही लापरवाही मानी जाएगी। यह मामला है झांसी जनपद के बबीना ब्लाक के ग्राम भड़रा का, जहां लगभग 800 परिवार निवास करते हैं। आजादी के सालों बीत जाने के बाद भी उस ग्राम में अभी तक विद्युतीकरण नहीं किया जा सका है। ग्रामवासी विद्युत शिविरों के साथ राजनेताओं को तमाम शिकायती पत्र दे चुके हैं। उसके बावजूद उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ग्रामवासियों का कहना है कि गांव में बिजली नहीं होने से हर काम जल्दी ही करना पड़ता है और बच्चों को भी देर तक पढ़ाई करने के लिए मोमबत्ती या लालटेन का सहारा लेना पड़ता है। लोगों का कहना है कि राजनेता यहां सिर्फ वोट मांगने आते हैं।