बिना भुगतान के पानी लेने वाले 50 हजार घरों का होगा सर्वे

**ग्रामीण पेयजल योजना की धीमी गति पर नाराजगी परियोजना समय सीमा में पूर्ण हो **जनपद में 114 पाइप पेयजल योजना की टीम गठित कर जांच कराए जाने के निर्देश **स्मार्ट सिटी के अंतर्गत पर फेस-1 फोकस किए जाने के निर्देश ताकि जनमानस तक पेयजलापूर्ति जल्द हो सके

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झांसी। कैंप कार्यालय में उत्तर प्रदेश जल निगम के कार्यों की समीक्षा जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने की। ग्रामीण पाइप पेयजल योजना के साथ ही अमृत एवं स्मार्ट सिटी योजना के कार्यो की बिंदुवार समीक्षा करते हुए कहा कि योजनाओं का क्रियान्वयन व उनका अनुरक्षंण इस प्रकार हो कि जनता को पेयजल आपूर्ति में समस्या ना आने पावे। उन्होंने योजनाओं के कार्यों की अपेक्षाकृत बेहद धीमी गति होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशासन की प्राथमिकता है कि जनमानस को पर्याप्त पेयजल उपलब्ध हो। उन्होंने शिथिल पर्यवेक्षण पर जल निगम के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए संवेदनशील होकर कार्य किए जाने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने पेयजल योजना के कार्यों की समीक्षा करते हुए नगर निगम को राजस्व वसूली बढ़ाए जाने के लिए निर्देश देते हुए कहा कि 95 हजार जल संयोजन है परंतु मात्र 44 हजार ही जल संयोजन का भुगतान कर रहे हैं। उन्होने कहा कि 50 हजार का जल्द सर्वे किया जाए ताकि जल उपयोग का भुगतान लिया जा सके। नगर निगम में लगभग 125000 परिवार है और प्रतिघर 120 रूपये प्रतिमाह बिल दिया जा रहा है जो अवशेष 50000 घर हैं उन्हें प्राथमिकता से चिन्हित करते हुए बिल भुगतान लिया जाना सुनिश्चित हो। उत्तर प्रदेश जल निगम की ग्रामीण पेयजल योजना की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने 114 परियोजनाओं की पांच सदस्यीय टीम गठित कर जांच कराए जाने के आदेश दिए। बैठक में अधिशासी अभियंता नरेंद्र वर्मा ने बताया कि 5 ग्रामीण परियोजनाएं पूर्ण बंद तथा 4आंशिक बंद एवं 104 पाइप पेयजल परियोजनाएं पूर्ण संचालित है। बैठक में राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल मिशन अंतर्गत रनगुवां ग्राम समूह पेयजल योजना की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने दिसंबर 2020 तक कार्य पूर्ण करने के निर्देश देते हुए उन्होने कार्य को तेजी से कराए जाने को भी कहा।उक्त कार्य 66 % पूर्ण हो गया है तथा 50 % धनराशि व्यय हो गई है। ग्राम खडौ़रा पेयजल योजना की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने ओवरहेड टैंक की जांच के आदेश दिए। बताया गया कि टैंक से सरिया दिखाई दे रहा है, इस संबंध में शासन को डीओ लेटर लिखे जाने के भी निर्देश दिए। बैठक में अमृत एवं स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत झांसी पेयजल पुनर्गठन योजना फेस-1 की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि फेस-1 पर ही पहले फोकस किया जाए। जब फेस-1 की पेयजल आपूर्ति प्रारंभ हो जाए तदोपरांत फेस-2 पर कार्य किया जाए। समीक्षा बैठक में इंजीनियर रोहित चौरसिया ने फेस-1 की जानकारी देते हुए बताया कि फेस-1 में 13 जोन है, सीडब्लूआर कम पम्प हाउस -9 तथा ओवरहेड टैंक -12 तथा 244 किलोमीटर पाइप लाइन कार्य किया जाना है, परियोजना लगभग 2021 अप्रैल तक पूर्ण किए जाने का लक्ष्य निर्धारित है। जिलाधिकारी ने कहा कि फेस-1 पर ही फोकस किया जाए ताकि सप्लाई प्रारंभ हो सके। समीक्षा के दौरान ई. अमित कुमार प्रोजेक्ट मैनेजर फेस-2 की जानकारी देते हुए कहा कि फेस-2 माह जून 2022 तक पूर्ण किए जाने का लक्ष्य है। उन्होंने क्या-क्या कार्य किए जाने हैं उसकी बिंदुवार जानकारी दी। बैठक में सीडीओ शैलेष कुमार, नगर आयुक्त अवनीश कुमार राय, अधीक्षण अभियंता जल निगम एसी दुबे उपस्थित रहे।

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