आज का पंचांग : क्‍या कहते हैं 18 सितम्‍बर को आपके सितारे

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एशिया टाईम्‍स पर ‘आज का पंचांग’ आप देख रहे हैं। अब अजमेर के नन्दादेवी ज्योतिष परामर्श केंद्र (आज का पंचांग एवं राशिफल) झांसी(उ.प्र.) के हिसाब से ज्‍योतिषविद पं. चंद्रमुकुट शर्मा द्वारा आज का पंचांग और राशिफल प्रस्‍तुत किया जाएगा। आप सभी से अनुरोध है कि अपना फीड बैक अवश्‍य भेजिए।

जानिए शुक्रवार 18 सितंबर 2020 का पंचांग :

वैसे तो मलमास हर बार आता है, पर इस बार श्राद्ध पक्ष और नवरात्र के बीच आने से लोगो के ध्यान का केंद्र बना हुआ है। कई ज्‍योतिषविदों का मानना है कि यह घटना पूरे 165 साल बाद दोहराई जा रही है। इसके पीछे क्या कारण है। क्यों आता है यह मल मास? जानिए
भारत में कई प्रकार के वर्ष मनाए जाते जिसमें सौर वर्ष और चन्द्र वर्ष प्रमुख है। यह संकेत करता है कि यह संस्कृति कितनी विकसित थी, शुरुआत से ही। चन्द्रवर्ष की अवधि लगभग 354.37 दिन होती है और सौरवर्ष की अवधि है 365.24 दिन होती है। कुछ लोगो का मानना है की सौर वर्ष जिसका हम उपयोग ले रहे है, यह भारतीय नही है, यह बहार से आया है, जबकि ऐसा नही है। यजुर्वेद एवम अथर्ववेद दोनों वेदों में इन दोनों प्रकार के वर्ष का जिक्र आता है। दोनों कलेंडर ही हिन्दू कैलेंडर है तो इसमें किसी भी प्रकार का संकोच नही करें। इसका एक उदाहरण यह है कि, हम मकर संक्रांति सूर्य के अनुसार मनाते है जो सौर कलेंडर का हिस्सा है और हम जन्‍माष्‍टमी, दीपावली आदि त्योहार चन्द्र कैलेंडर के अनुसार मनाते है। अब जरूरी बात यह है की हमको दोनों वर्षों को साथ लेकर चलना है, पर दोनों में करीब 11 दिन का अंतर है। जब यही 11 दिन 3 साल में गुज़रेंगे तो 33 दिन हो जाएंगे। इसी अंतर को सन्तुलित करने हेतु यह अधि मास/मल मास रखा गया। अब सवाल यह उठता है की कहा इसको रखा जाए कब मनाए हम अधिमास??
बहुत सही और सीधा तरीका है, जब सूर्य एक ही राशि में रहे और उसको 2 अमावस्या मिल जाए तो अधिमास हो जाएगा। अब देखिए 17 सितंबर अमावस्या को सूर्य कन्या राशि पर होंगे और 16 अक्टूबर अमावस्या को भी सूर्य कन्या राशि पर ही रहेंगे। यही कारण है की, इन दोनों अमावस्या के बीच का समय अधिमास है। वैसे तो हर मास के अलग अलग देवता होते है, पर पौराणिक कथाओं के अनुसार मलमास को किसी देवी देवता ने स्वीकार नही किया, परन्तु भगवान विष्णु ने इसे अपना माना। इसलिए इसे पुरुषोत्तम मास भी कहा गया। तो यह साधना दीक्षा लेने के लिए, खुद के आध्यात्मिक विकास के लिए उत्तम अवधि होती है।

अब विचार यह है की क्या करें इस मास में क्या न करें??

– वधु का गृह प्रवेश एवम किसी और के घर जाना वर्जित है। इसके अतिरिक्त भूमिपूजन, गृहप्रवेश, यज्ञोपवीत संस्कार, मुंडन, कान छिदवाना, स्वर्ण/भूमि का क्रय विक्रय, उधार लेना देना, विवाह, नए घर का निर्माण करना, वाहन खरीद, नए वस्त्र धारण, गौ दान, उपनयन संस्कार यह सब वर्जित है। इसके अलावा किसी कामना की पूर्ति के लिये व्रत करना भी वर्जित है, एवम किसी नए तीर्थ पर भी न जावें, जिधर पहले न गए हो कभी।

क्या कर सकते है जिनके अच्छे परिणाम आये??

शिव पूजन, पितरों के नाम से कर्म, कोई कथा का श्रवण, जप-तप, मास मदिरा छोड़ना चाहे तो उत्तम समय, भागवत का पाठ करें, नित्य पूजन करें, कोई मन्त्र सिद्धि के लिए उत्तम, गर्भादान इस समय न करें।

जिनका जन्म अधिमास में हो??

वह विशेष व्यक्तित्व के स्वामी होंगे। अपनी पहचान बनाने के लिए निरन्तर लड़ेंगे। इसी कारण थोड़े उग्र और झगड़ालू रहेंगे। अध्यात्म के दृष्टिकोण से थोड़े ऊंचे दर्जे के होंगे। उनको नियंत्रित करना आसान नही होता।

हरिण्यकश्यप ने वरदान में ब्रह्माजी से मंगा की आपके बनाए किसी भी प्राणी से मेरी मृत्यु ना हो, न मनुष्य से और न पशु से। न दैत्य से और न देवताओं से। न भीतर मरूं, न बाहर मरूं। न दिन में न रात में। न आपके बनाए 12 माह में। न अस्त्र से मरूं और न शस्त्र से। न पृथ्‍वी पर न आकाश में। युद्ध में कोई भी मेरा सामना न करे सके। इसी कारण भगवान को 12 माह से हटकर एक अधिमास बनाना पड़ा और हिरणकश्यप का अंत भगवान नरसिंह ने किया।


सूर्योदय – 06:03
सूर्यास्त – 18:16

तिथि – शुक्ल पक्ष, प्रतिपदा, एकम – 12:50 तक
नक्षत्र – उत्तराफाल्गुनी – 07:00 तक, हस्त- 04:00 (19 सितंबर)
सम्वत – शक सम्वत – 1942 शार्वरी
– विक्रम सम्वत – 2077 प्रमादी
सूर्य राशि – कन्या
चन्द्र राशि – कन्या
सूर्य नक्षत्र – उत्तराफाल्गुनी
अयन- दक्षिण
ब्रह्म मुहूर्त – 04:29 से 05:16 तक (19 सितंबर)
प्रातः सन्ध्या – 04:52 से 06:03 तक (19 सितंबर)
सायंं सन्ध्या – 18:16 से 19:27 तक
निशिता मुहूर्त – 23:46, 18 सितम्बर से 00:33, 19 सितम्बर तक
अभिजीत महुर्त – 11:45 से 12:34
गोधूलि मुहूर्त – 18:04 से 18:28 तक
राहु काल – 10:38 से 12:09 तक
गुलिक काल – 07:34 से 09:06
यमगण्ड काल – 15:13 से 16:45

जानिये कैसा रहेगा आपका शुक्रवार 18 सितंबर 2020 को राशिफल

मेष- आज मन काफी उदास और बेचैन महसूस करेगा। शत्रु से दूर रहे और माता से कलह करने से बचें। जैसे जैसे दिन गुजरेगा राहत भी पड़ जायेगी।

वृषभ – आज का दिन थोड़ा जटिल रहेगा भागदौड़ से भरा हुआ। भाई बहन का स्नेह प्राप्त होगा। धन भी प्राप्त हो सकता है।

मिथुन- माता से व घर के अन्य सदस्यों से मधुर वार्तालाप होगी। सुकून से दिन गुजरेगा। किसी भी प्रकार की चिंता की सम्भावना कम है।

कर्क- आज आपको कही बहार जाना पड़ सकता है और कार्य भी सहज नही होगा। मन ठीक ठीक रहेगा। ज्यादा प्रसन्नता के संकेत नही है।

सिंह- आज आपके किसी करीबी को अस्तपाल से छुट्टी मिलेगी या जाकर आएंगे। आज आप खर्च का आकलन करके रखेंगे पर खर्च नही करेंगे।

कन्या- पैसों का आगमन होना चाहिए। आज जिनकी सेलरी रुकी है आज प्राप्त होने की प्रबल सम्भावना है। इसी प्रकार आप कार्यस्थल पर मेहनत करते रहें।

तुला- आज फील्ड वर्क ज्यादा मिलने की सम्भावना है। आलस भी बराबर आएगा आपको आज। सेहत का ध्यान रखे अस्पताल जाने से बचे।

वृश्चिक- आज भाग्य आपका भरपूर साथ देगा। पिता से धन मिलने की सम्भावना है, नौकरी में सेलरी ही बढ़ सकती है।

धनु- आज आपको नौकरी में दिक्‍कत आ सकती है। कोई बड़ी परेशानी खड़ी न करें। नौकरी सुरक्षित रहेगी पर सन्तुष्टि भी नही होगी आपको आज।

मकर- पिता से मधुर सम्बंध दिख रहे है आज। भाग्य का साथ मिलेगा। व्यापार के लिए अच्छा दिन है।

कुम्भ- आज कोई छोटी समस्या बड़ी में बदल सकती है इस से आप सावधान रहे। अपने स्वास्थ का भरपूर ध्यान रखें।

मीन- आज का दिन बिल्कुल अच्छा नही है। हर काम सोच समझ कर करें। दिन चिंता से घिरा हुआ रहेगा। विवाह के प्रोपोजल मिल सकते है आज।

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