भारतीय महिला कभी भी अशक्त एवं अबला नही रही : श्रीमती दुबे

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झांसी। भारतीय महिला कभी भी अशक्त एवं अबला नही रही है। भारतीय महिलाएं वैदिक काल से ही पुरूषों के बराबर ही रही है। यह विचार बुन्देलखण्ड विष्वविद्यालय के कुलपति प्रो.सुरेन्‍द्र दुबे की धर्मपत्नी श्रीमती आशा दुबे ने व्यक्त किये। श्रीमती दुबे आज बुन्देलखण्‍ड विश्‍वविद्यालय के बाबू जगजीवनराम विधि संस्थान एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, झांसी के संयुक्त तत्वावधान में अन्तर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयाेजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अपने विचार व्यक्त कर रही थीं। उन्होंने कहा कि भारत में वैदिक एवं उत्तर वैदिक काल में भी महिलाओं को गरिमामय स्थान प्राप्त था, उन्हें देवी, सहधर्मिणी अर्द्धांगिनी, सहचरी माना गया। पौराणिक काल में शक्ति का स्वरूप मानकर उसकी आराधना की जाती रही है। उनका मानना था कि वर्तमान परिस्थितियों में महिलाएं स्वयं सशक्त होकर अन्य महिलाओं तथा सम्पूर्ण समाज का उत्थान कर सकने में सक्षम है।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए उत्तर प्रदेश विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ की सचिव श्रीमती ज्योत्सना शर्मा ने कहा कि भारतीय संविधान के प्रावधानों के अनुसार पुरुषाेें की तरह सभी क्षेत्रों मे महिलाओं को बराबर के अधिकार दिये गये हैं। आज आवश्‍यकता इस बात की है कि महिलाओं को उनकी सुरक्षा तथा हितों के लिए संविधान में उल्लिखित प्रावधानों की जानकारी उन तक पहुंचे तथा वे उस जानकारी का उपयोग कर सकें। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का उल्‍लेख करते हुए भारतीय संविधान द्वारा महिलाओं को प्रदत अधिकारों का वर्णन किया। महिलाओं से सम्बधित विभिन्न वादों का हवाला देते हुए महिला सषक्तिकरण हेतु बने प्रावधानों की जानकारी दी।
सिविल न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) एवं सचिव जिला विधिक प्राधिकरण, झांसी न्यायमूर्ति मनोज पाण्डेय ने कहा कि कोई भी देश उन्नति पर तब तक नही पहुंच सकता, जब तक उस देश की महिलाएं पुरूशों के साथ कन्धे से कन्धा मिला कर ना चले। देश की तरक्की के लिए महिलाओ को सशक्त बनाना होगा। न्यायमूर्ति पाण्डेय ने समाज को महिलाओं के प्रति संवेदनषील बनाने की बात कही। संचालन डा.त्रतु शर्मा ने किया, आभार डा. ओपी सिंह ने ज्ञापित किया।
इस अवसर पर विधि संस्थान के समन्वयक डा.सरोज कुमार, डा.राजेष कुमार सिंह, डा.मंजू कौर, डा.सन्दीप वर्मा, डा.रीतेष अग्रवाल, डा. अपर्णा अग्रवाल, डा. अभिशेक सिंह आदि उपस्थित रहे।

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