सुकन्या समृद्धि योजना बालिकाओं के कल्याण और उत्थान के लिए समर्पित :- जिलाधिकारी

** सुकन्या समृद्धि योजना का ग्रामीण क्षेत्र में व्यापक प्रचार प्रसार किए जाने के निर्देश ** ग्रामीण क्षेत्र में आशा,एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकत्री योजना की जानकारी अधिक से अधिक लोगों को दें ** लेखपाल,ग्राम विकास अधिकारी भी क्षेत्र में सुकन्या समृद्धि योजना का प्रचार प्रसार करें अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो सके ** योजनातंर्गत प्रधानमंत्री की बालिकाओं के वित्तीय समावेशन की परिकल्पना

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झांसी। “कहती बेटी बांह पसार-मुझे चाहिए प्यार दुलार” को चरितार्थ करने हेतु बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के अंतर्गत सुकन्या समृद्धि खाता योजना देश में बालिकाओं के कल्याण और उत्थान के लिए “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ “अभियान के अंतर्गत भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है | यह योजना शुरू से ही बालिकाओं के वित्तीय समावेशन की परिकल्पना करती है ताकि बालिकाओं के भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित करने के साथ-साथ उनकी शिक्षा और विकास के लिए धन का सृजन हो सके। आज विकास भवन सभागार में जिलाधिकारी आंद्रा वामसी की अध्यक्षता में आयोजित सुकन्या समृद्धि योजना की समीक्षा की गई, योजना में अपेक्षित प्रगति लाए जाने के लिए उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र में व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए।उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में आशा,एएनएम,आंगनबाड़ी कार्यकत्री सहित लेखपाल,ग्राम विकास अधिकारी तथा कोटेदार ऐसे ग्रामीणों को प्रेरित करें जिनके यहां बालिका का जन्म हुआ है, वह अपने निकटतम डाकघर में जाकर योजना अंतर्गत अपना खाता खुलवाएं ताकि योजना का लाभ उन्हें प्राप्त हो सके।
विकास भवन में आयोजित सुकन्या समृद्धि योजना की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि इस योजना का लाभ ग्रामीण क्षेत्र में ऐसी बालिकाओं को मिलेगा जो आगे पढ़ना चाहती हैं, माननीय प्रधानमंत्री जी ने यह योजना बालिकाओं के भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित करने के साथ-साथ उनकी शिक्षा और विकास के लिए धन का सृजन हो सके इस परिकल्पना के साथ लागू की है अतः इस योजना का लाभ ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाओं को अवश्य प्राप्त हो यह सभी को सुनिश्चित करना है। सुकन्या समृद्धि योजना की समीक्षा के दौरान प्रवर अधीक्षक डाकघर जितेंद्र सिंह ने बताया कि इस योजना को सम्पूर्ण भारतवर्ष के नागरिकों द्वारा सराहा गया है। उन्होंने सुकन्या समृद्धि योजना की मुख्य विशेषताएँ बताते हुए कहा कि योजना अंतर्गत सुकन्या समृद्धि खाता अभिभावक द्वारा अपने निकटतम डाकघर में खोला जा सकता है, खाता न्यूनतम रु॰250/- से खोला जा सकता है और खाता 10 वर्ष की आयु तक की बालिका के माता पिता / अभिभावक द्वारा खोला जा सकता है। उन्होंने कहा कि एक बालिका के लिए केवल एक ही खाता खोला जा सकता है और परिवार में दो से अधिक सुकन्या खाते नहीं खोले जा सकते हैं, परंतु यदि परिवार में जुड़वा बालिकाओं का जन्म होता है तो वे तीन बालिकाओं के खाते एक परिवार में खोले जा सकते हैं, प्रवर अधीक्षक डाकघर जीतेंद्र सिंह ने बताया कि एक वर्ष में न्यूनतम रु॰250/- एवं अधिकतम रु॰1.5 लाख पोस्ट ऑफिस के खाते में जमा किए जा सकते हैं। उन्होंने सुकन्या समृद्धि खाता की जानकारी देते हुए बताया कि खाते की परिपक्वता अवधि 21 वर्ष है और खाते में धनराशि 15 वर्ष तक के लिए ही जमा करना है।18 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद बालिकाओं द्वारा 50% तक की राशि निकाली जा सकती है। इस योजना में ब्याज की दर बहुत ही आकर्षक है जो (वर्तमान में 7.6% ) है। उक्त संबंध में भारतीय डाक विभाग द्वारा सुकन्या समृद्धि योजना के माध्यम से अधिक से अधिक कन्याओं को लाभान्वित करने हेतु खास मुहिम चलायी जा रही है | अतः आप भी अपनी बेटी के उज्ज्वल भविष्य के लिए इस योजना के अंतर्गत खाता खुलवाएँ और अन्य अभिभावकों को भी प्रेरित करें। इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी शैलेष कुमार, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व राम अक्षयवर चौहान, अपर जिलाधिकारी प्रशासन बी प्रसाद, एसडीएम मोंठ श्रीमती सान्या छाबड़ा सहित समस्त उप जिला अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार व अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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