कई बीमारियों में बहुत फायदेमंद है भेड़ का दूध : पशु वैज्ञानिक

भेड़ दूध के अद्भुत स्वास्थ्य लाभ और भेड़ पालकों की आर्थिक उन्नति का वैकल्पिक स्रोत

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झाँसी। रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति के निर्देशन एवं निदेशक प्रसार शिक्षा के मार्गदर्शन में अंतर्राष्ट्रीय दुग्ध दिवस पर भेड़ के दूध से स्वस्थ्य लाभ तथा आय के वैकल्पिक स्रोत के बारे में जानकारी दी है। पशु चिकित्सा वैज्ञानिक डॉ. प्रमोद सोनी एवं डॉ. वीपी सिंह ने बताया कि भेड़ का दूध कई बीमारियों में बहुत फायदेमंद है। इसके दूध में वसा की उच्च सांद्रता होती है, इसके दूध में एग्लूटीनिन अनुपस्थित होता है, जो गाय के दूध की तुलना में बेहतर पाचन क्षमता प्रदान करता है।
बकरी की दूध की तुलना में इसमें लगभग दोगुना प्रोटीन होता है। इसमें सेरीन, ऐलेनिन, हिस्टिडीन, वेलिन और लाइसिन की मात्रा अधिक होती है, जबकि सिस्टीन और ग्लाइसिन की मात्रा कम होती है। भेड़ दूध कम एलर्जी संवेदीकरण को भी बढ़ावा देता है। यह उन बच्चों के लिए महत्वपूर्ण है जिन्हें गाय के दूध से समस्या है। यह उच्च पोषण मूल्य तथा हीमोग्लोबिन के स्तर को भी बनाये रखता है। भेड़ का दूध जन्मजात बीमारियों को रोकने में भी मददगार है इसलिए गर्भावस्था के दौरान इसके सेवन से शिशु स्वस्थ और तंदरुस्त पैदा होता है। इसके दूध में फॉलेट होता है जो न्यूरल ट्यूब में पाए जाने वाली परेशानियों को ठीक करता है। इसके सेवन से पथरी तथा फेफड़ों के घाव में आराम मिलता है। खून की उल्टी में यह दूध लाभकारी होता है। विटामिन ई की अधिकता के कारण यह दूध त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसके सेवन से रक्त वाहिकाओं और धमनियों का फैलाव कम होता है, जिससे ब्लड प्रेशर की समस्या नहीं होती है। ये तनाव कम करने में भी फायदेमंद है तथा इसमें विटामिन बी और विटामिन, जस्ता, मैग्नीशियम और कैल्शियम सहित आवश्यक खनिज की मात्रा भरपूर रहती है। भेड़ का दूध गर्म तथा नमकीन होता है। इसका दूध ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याक से बचाव करता है तथा इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स इम्यूनिटी यानि रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है। इसके दूध के नियमित रूप से सेवन करने से शरीर में रोगों से लड़ने और उनसे बचाव करने की क्षमता पैदा हो जाती है।

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