जिले में बने बाढ़ के हालात, प्रशासन ने किया सचेत

* वर्षा और डैमो से पानी छोडे जाने पर जनपद के रिपटे 10 दिनो के लिए बंद किये जाने के निर्देश ** ग्राम निगरानी समिति एलर्टमोड पर आ जाए, गांवों में मुनादी कराते हुए लोगों को सतर्क किया जाए ** नदी किनारे बसे 18 आबादी गांव सतर्क रहें, कोई भी नदी किनारे न जाए

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झांसी। सम्भावित बाढ़, अतिवृष्टि के दृष्टिगत स्टयेरिंग ग्रुप बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने कैम्प कार्यालय पर निर्देश दिए कि बांधो से पानी छोड़े जाने के कारण नदियों में उफान आ रहा है। अतः ऐसे में जो रिपटे नदियों व नालो पर बने हैं। उन्हें 10 दिन तक बंद किया जाए। कोई भी रिपटे पर आवागमन नहीं होगा। इसे सख्ती से रोका जाना सुनिश्चित किया जाए।
जिलाधिकारी ने सुकुवां-ढुकुवां एवं पारीछा बांध के संभावित बाढ़ की गंभीरता को देखते हुए बंद किया जाए। संबंधित थाना /चौकी यह सुनिश्चित करें कि बांध पर लोगों की भीड़ एकत्र ना हो। उन्होंने कहा कि राजघाट बांध के भर जाने से पानी छोड़ा गया जिस कारण पानी माताटीला बांध पहुंचा। वहां से भी देर रात लगभग डेढ़ लाख क्यूसिक पानी छोड़ा गया जिस कारण सुकुवां ढुकुवां से पानी रिलीज किया गया। आज रात पानी पारीछा बांध पहुंचेगा। उन्होंने निर्देश दिए कि आसपास के गांवों में मुनादी कराते हुए ग्रामीणों को जानकारी दें कि बांध के आस-पास ना जाएं। जिलाधिकारी ने कहा कि 18 आबादी वाले गांवों के अतिरिक्त जनपद के 146 ऐसे गांव हैं जो अतिवृष्टि या डैम से पानी छोड़े जाने पर प्रभावित हो सकते हैं। सभी गांव में सूचना कर दें कि सतर्क रहे। कोई भी घटना हो, तत्काल कंट्रोल रूम में सूचना दें। उन्होंने कहा कि यदि भोजन पानी की समस्या है तो जानकारी दें तत्काल व्यवस्था की जाएगी। ग्राम निगरानी समिति अलर्ट रहें और लोगों से जानकारी लेते हुए उन्हें नदी किनारे ना जाने की सलाह दें।


संभावित बाढ़ एवं अति वर्षा को देखते हुए जिलाधिकारी ने रामनगर रिपटा सहित अन्य ऐसे रिपटे जो नदी/ नालों के ऊपर बने हैं उन पर 10 दिनों के लिए आवागमन बंद किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लहचूरा डैम के आस-पास वाले गांव को भी एलर्ट कर दें। कोई भी बांध के आसपास ना जाए ताकि अनहोनी को रोका जा सके। जिलाधिकारी ने संभावित बाढ़ अतिवृष्टि को देखते हुए सेना के हेलीकॉप्टर स्टैंडबाई पर रखे जाने का अनुरोध किया ताकि कोई भी घटना हो तो उसे निपटा जा सके। बैठक में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व राम अक्षयवर चौहान ने बताया कि अति वर्षा तथा डैम से पानी छोड़े जाने के कारण आबादी वाले 18 गांवों जिनमें तहसील झांसी में पारीछा, रिछोरा, बरल, तहसील मोंठ में नंदपुरा, चेलरा, बराठा, देबरी, भुसावली, तहसील टहरौली में अतरौली, पुरातनी, कलौथरा, वृसिंहपुरा, तथा गरौठा तहसील के देवरी, घटियारी, मोतीकटरा, खरवांच, धमनौड़, मछलीकांछ शामिल हैं। सभी में मुनादी करा दी गई है। लोगों को सतर्क कर दिया गया है तथा यह भी अपील की गई है कि नदी के आस पास न जाए। उन्होंने बताया कि 146 गांवों में भी सतर्कता बनाए रखने के निर्देश दिए जा चुके हैं। इस मौके पर सीएमओ डॉ जी के निगम, एसपी ग्रामीण राहुल मिठास, एसडीएम राज कुमार, डीएसओ तीर्थराज यादव, अधिशासी अभियंता माताटीला मोहम्मद फरीद, अधिशासी अभियंता बेतवा उमेश कुमार, अधिशासी अभियंता विद्युत शैलेंद्र कटियार सहित पशुपालन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

मण्‍डलायुक्‍त ने भी सतर्क रहने की दी सलाह

मंडलायुक्त सुभाष चंद शर्मा ने मंडल में अति वर्षा व बांधों द्वारा पानी छोड़े जाने के कारण संभावित बाढ़ को दृष्टिगत रखते हुए आईजी व समस्त जिलाधिकारियों से बात करते हुए अलर्ट रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि लगातार बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण नदियों में उफान आ रहा है, इस स्थिति में नदियों के आसपास वाले गांवों को अलर्ट कर दें साथ ही बाढ़ चौकी भी स्थापित है वहां भी लगातार कर्मचारी सूचना देता रहे ताकि कोई घटना ना हो सके। लोगों को नदी के आसपास ना जाने की भी सलाह दी।

बाढ़ सम्‍भावित बांधों की स्‍थिति

राजघाट सभी गेट बंद कर दिए गए हैं

माता टीला से 69000 क्‍यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है

सुकवां ढुकवां बांध से 91000 क्‍यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है

पारीछा बांध में 138000 क्‍यूसेक पानी बढ़ चुका है

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