अविवाहित महिला ही नहीं थर्ड जेंडर को भी विरासत में किया जाएगा दर्ज

लेखपाल विरासत दर्ज करने में नहीं कर सकेंगे आनाकानी, 15 दिसंबर 2020 से 2 माह तक चलेगा विशेष अभियान **ग्रामों में निर्विवाद उत्तराधिकार को खतौनियों में दर्ज कराने हेतु अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार हो, साथ ही खुली बैठक की जानकारी मुनादी करते हुए ग्रामीणों को दें **खतौनियों को खुली बैठक में पढ़ा जाएगा व अविवादित उत्तराधिकारीयों को विरासत में दर्ज की जाएंगी **अभियान के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु जनपद में इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया का सहयोग लिया जाए

0
620

झांसी। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अपर मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार ने प्रदेश के समस्त मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारियों व अपर जिलाधिकारियों को 15 दिसंबर 2020 से 15 फरवरी 2021 तक 2 माह का तक चलने वाले निर्विवाद उत्तराधिकारियों के नाम खतौनी में दर्ज करने हेतु विशेष अभियान की जानकारी देते हुए तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि आपकी कार्यकुशलता व प्रभावी नेतृत्व से ही अभियान की सफलता संभव है। विशेष अभियान के साथ ही अन्य अभियान भी संचालित हो ताकि मैनपावर का सही इस्तेमाल किया जा सके। उन्होंने कहा कि विशेष अभियान में यदि काश्तकार द्वारा निर्धारित दिवस पर राजस्व ग्राम में पहुंचना संभव ना हो तो उनके लिए तहसील स्तर पर एक काउंटर खोले, जिसमे अविवादित विरासतों को दर्ज करने हेतु प्रार्थना पत्र प्राप्त किए जाएं तथा उनकी सहायता के लिए हेल्पलाइन तथा जन सुविधा केंद्रों की सुविधा भी उपलब्ध करायी जाए।
अपर मुख्य सचिव राजस्व ने कहा कि राजस्व संहिता अधिनियम 2006 की धारा-31 के अनुसार कलेक्टर का यह दायित्व है कि वह राजस्व संहिता नियमावली में विहित रीति से प्रत्येक ग्राम की खतौनी रखेगा। कलेक्टर के नियंत्रण के अधीन समस्त राजस्व अधिकारी अधिकार अभिलेख, खतौनी- खसरा व समस्त परिवर्तन जो घटित होगें व ऐसे संव्यवहार जिनका अभिलिखित अधिकारों या हितों पर प्रभाव पड़े दर्ज करेंगे। उन्होंने विशेष अभियान की जानकारी देते हुए कहा कि 15 दिसंबर से 30 दिसंबर 2020 तक ग्राम सभाओं में व्यापक प्रचार-प्रसार तथा खुली बैठकों में खतौनियों को पढ़ा जाना तथा लेखपाल द्वारा विरासत प्रार्थना पत्र प्राप्त कर उन्हें ऑनलाइन भरा जाना है। 31 दिसंबर 2020 से 15 जनवरी 2021 तक लेखपाल द्वारा ऑनलाइन जांच की प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई की जानी है। योजना भवन वीसी कक्ष से अपर मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार ने बताया कि राजस्व निरीक्षकों द्वारा 16 जनवरी 2021 से 31 जनवरी 2021 तक जांच एवं आदेश पारित करने की प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।16 जनवरी 2021 से 31 जनवरी 2021 तक राजस्व निरीक्षक के नामांतरण आदेश का आर-6 में दर्ज करने के पश्चात खतौनी को भूलेख सॉफ्टवेयर में अपलोड करना है। उन्होंने कहा कि 1 फरवरी 2021 से 7 फरवरी 2021 तक जिलाधिकारी प्रत्येक लेखपाल, राजस्व निरीक्षक तहसीलदार तथा एसडीएम से प्रमाण-पत्र लेंगे कि उनके क्षेत्र में निर्विवाद उक्त विरासत का कोई भी प्रकरण दर्ज होने से अवशेष नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि जांच में पाया जाता है कि किसी ग्राम के लेखपाल, राजस्व निरीक्षक द्वारा अविवादित वरासत बिना किसी समुचित कारण दर्ज नहीं की गई तो उनके विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। अपर मुख्य सचिव राजस्व ने योजना भवन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कहा कि अभियान की सफलता के लिए मंडलायुक्तो को अभियान का पर्यवेक्षण करने के निर्देश दिए तथा राजस्व ग्रामों में खतौनियों के पढ़े जाने तथा अविवादित उत्तराधिकारियों को वरासतन में दर्ज किए जाने की कार्रवाहियों का समय समय पर स्थलीय निरीक्षण करने के निर्देश दिए। अपर मुख्य सचिव राजस्व ने निर्देश देते हुए कहा कि एसडीएम व तहसीलदार प्रत्येक राजस्व ग्राम के लिए कार्यक्रम तैयार करें तथा राजस्व निरीक्षकों, लेखपाल को सूचित करें ताकि अधिक से अधिक ग्रामीण काश्तकार अभियान से जुड़ सकें। उन्होंने कार्यक्रम की एक प्रति डीपीआरओ/ बीडीओ व अन्य शासकीय विभागों को भी यथावांछित सहयोग हेतु प्रेषित करने के निर्देश दिए ताकि परिवार रजिस्टर, जन्म-मृत्यु रजिस्टर व अन्य संबंधित अभिलेखों के साथ उपस्थित रहे। जिसमें राजस्व अभिलेखों, पंचायती राज विभाग एवं नगर विकास विभाग के अभिलेखों में एक रूपता रहे।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने बताया कि जनपद झांसी में विरासत के लंबित प्रकरणों को निपटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 11 दिसंबर 2020 को लगभग 1699 विरासत प्रकरण लंबित थे। जो 15 दिसंबर 2020 तक मात्र 615 लंबित रह गए। जनपद में 1084 विरासत प्रकरण ऑनलाइन दर्ज करा दी गई है, शेष विरासत भी जल्द आनलाइन दर्ज करा दी जाएगी। इस मौके पर एनआईसी में अपर आयुक्त प्रशासन आरपी मिश्रा, अपर जिलाधिकारी बी प्रसाद, राजस्व निरीक्षक धनेन्द्र तिवारी उपस्थित रहे।

LEAVE A REPLY