संविधान दिवस : कहीं दिलाया गया संकल्प, तो कहीं हुई गोष्‍ठी व सर्वे

डीएम व एसएसपी ने कलेक्ट्रेट प्रांगण में ’’संविधान दिवस’’ पर अफसरों व कर्मियों को दिलाया संकल्प

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झांसी। ’’संविधान दिवस’’ के अवसर पर जिलाधिकारी रविंद्र कुमार की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट प्रांगण में ’’संविधान दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान उन्होने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सहित अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों को संविधान का संकल्प दिलाते हुए कहा कि ‘‘हम, भारत के लोग, भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व-सम्पन्न, समाजवादी, पंथ-निरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए, तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखण्डता सुनिश्चित करने वाली बन्धुता बढ़ाने के लिए दृढ़संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज 26 नवम्बर, 1949 ई0 (मिति मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी, संवत् दो हजार छह विक्रम) को एतद्द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते है।‘‘

इस अवसर पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश एस, सिटी मजिस्ट्रेट अंकुर श्रीवास्तव, अतुल कुमार, डीआईओ एनआईसी मो आसिफ खान, वरिष्ठ कोषाधिकारी ,सहायक कोषाधिकारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी सहित कलेक्ट्रेट परिसर में संचालित सभी विभागों के अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त कार्यालय विकास भवन एवं अन्य सभी सरकारी कार्यालयों, स्वायत्तशासी, निकायों/संगठनों, स्थानीय निकायों एवं शैक्षणिक संस्थानों में भी ’’संविधान दिवस’’ का आयोजन किया गया। इस दौरान संविधान का संकल्प का पाठन, वाद-विवाद प्रतियोगिता एवं विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।

भारत का संविधान हर नागरिक को सम्मानपूर्वक जीने देता है अधिकार: कुलपति प्रो. मुकेश पाण्डेय

बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय झाँसी में संविधान दिवस पर आयोजित हुई संगोष्ठी

झाँसी। भारत का संविधान देश के हर नागरिक को सम्मानपूर्वक जीने का अधिकार देता है। यह केवल एक किताब मात्र नहीं बल्कि देश के लोगों को सही दिशा दिखाने का ग्रन्थ है। भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है और इसमें समय, समाज, देश, नागरिकता, विधान जैसे सभी विषयों को समाहित किया गया है। यह विचार आज बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मुकेश पाण्डेय ने संविधान दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित संगोष्ठी को अध्यक्ष के रूप में संबोधित करते हुए व्‍यक्‍त किए।
उल्लेखनीय है कि आज संविधान दिवस के उपलक्ष्य में आज बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में लोकतंत्र: संविधान की जननी विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। प्रो. पाण्डेय ने कहा कि भारत विविधताओं से भरा देश है, लेकिन हमारा संविधान देश के हर नागरिक के अधिकारों और कर्तव्यों को अपने में समाहित किया हुआ है। उन्होंने कहा कि हमें जो आजादी आज प्राप्त है उसके लिए स्वतंत्रता सेनानियों ने बहुत ही संघर्ष किया है. उस संघर्ष की परिणति संविधान के रूप में हुई है जिससे आने वाले समय में सभी अधिकारों और कर्तव्यों की रक्षा की जा सके। मुख्य अतिथि दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री हरगोबिन्द कुशवाहा ने कहा कि संविधान के निर्माण में झाँसी के दो व्यक्ति शामिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि संविधान को बनने के 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय लगा जिसे हम सभी जानते हैं लेकिन इसको बनने और विचार करने की प्रक्रिया इससे पहले ही शुरू हो चुकी थी। भारत के पौराणिक ग्रंथों में भी विधानों को संहिताबद्ध करने का प्रावधान रहा है. संविधान को आधार देने में यह विधान बहुत ही सहायक सिद्ध हुए हैं। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलसचिव विनय कुमार सिंह ने कहा कि बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय झाँसी शासन से प्राप्त निर्देशों के अनुरूप हमेशा अपने कर्तव्यों का निर्वहन करता रहा है। कार्यक्रम के संयोजक हिंदी विभाग के अध्यक्ष एवं अधिष्ठाता कला संकाय प्रो. मुन्ना तिवारी ने सभी अतिथियों को स्वागत किया। उन्होंने संविधान के महत्त्व के बारे में विद्यार्थियों को बताया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अचला पाण्डेय व आभार नवीन चन्द्र पटेल ने व्यक्त किया। कार्यक्रम की रुपरेखा डॉ. श्रीहरि त्रिपाठी ने प्रस्तुत की।

संविधान दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया

उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार एवं उच्च न्यायालय द्वारा निर्गत निर्देशों के अनुक्रम में जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झाँसी जफीर अहमद की अध्यक्षता में आज संविधान दिवस का कार्यक्रम जिला न्यायालय झांसी में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ जनपद न्यायाधीश द्वारा संविधान की प्रति पर पुष्प अर्पित कर किया गया। इस अवसर पर जिला न्यायिक अधिष्ठान झाँसी के न्यायिक अधिकारीगण, विद्वान अधिवक्तागण एंव कर्मचारीगण द्वारा संविधान की शपथ का पाठन किया गया। अन्त में कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए ईश्वर शरण कन्नौजिया प्रभारी सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, झाँसी द्वारा न्यायिक अधिकारीगण, अधिवक्तागण के प्रति आभार व्यक्त किया गया।

संविधान के प्रति जागरूक दिखे बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के विद्यार्थी

एनएसएस ने संविधान के प्रति जागरूकता पर आयोजित किया सर्वेक्षण


झांसी। आज संविधान दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी के स्वयंसेवकों ने विद्यार्थियों में संविधान के प्रति जागरूकता का अध्ययन करने के लिए सर्वेक्षण किया। इस सर्वेक्षण को राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाई द्वितीय एवं षष्ठम के स्वयंसेवकों ने अपने कार्यक्रम अधिकारी डॉ. श्वेता पाण्डेय और डॉ. उमेश कुमार के निर्देशन में किया।
सर्वेक्षण की निर्देशिका राष्ट्रीय सेवा योजना वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ श्वेता पाण्डेय ने बताया कि संविधान दिवस पर सर्वेक्षण का उद्देश्य विद्यार्थियों को संविधान के विविध भागों से परिचित करवाना था। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के विद्यार्थी न केवल अपने अधिकारों के प्रति बल्कि संविधान में दिए गए कर्तव्यों के प्रति भी जागरूक हैं। डॉ. पाण्डेय ने बताया कि इस जागरूकता सर्वेक्षण में कुल 11 प्रश्नों को विश्वविद्यालय के 250 विद्यार्थियों से पूछा गया था जिसके उत्तर अधिकतर विद्यार्थियों ने सही दिए। सर्वेक्षण का संचालन कर रहे राष्ट्रीय सेवा योजना के नोडल अधिकारी जनपद झाँसी डॉ. उमेश कुमार ने बताया कि सर्वेक्षण का आयोजन ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से किया गया। ऑफलाइन माध्यम से कुल 250 विद्यार्थिओं से और ऑनलाइन माध्यम से 473 विद्यार्थियों ने सर्वेक्षण में हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि अधिकतर प्रश्नों का उत्तर 90 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थियों ने सही दिया है। इससे कहा जा सकता है कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थी अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक है। इस सर्वेक्षण को राष्ट्रीय सेवा योजना बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय की इकाई द्वितीय और षष्ठम के स्वयंसेवकों ने आयोजित किया।

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