मन की शक्ति के आगे दुनिया की कोई भी ताकत टिक नहीं सकती : राजबहादुर

मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता पर एक दिवसीय कार्याशला का हुआ आयोजन

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झाँसी। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में राज्य परिवार नियोजन सेवा अभिनवीकरण परियोजना एजेंसी (सिफ्सा) के अंतर्गत संचालित मानसिक स्वास्थ्य और जीवन कौशल परियोजना के अंतर्गत प्रथम एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के ललितकला संस्थान के 60 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक राजबहादुर ने कहा कि मन की शक्ति के आगे दुनिया की कोई भी ताकत टिक नहीं सकती है। उन्होंने कहा कि चेतना के स्तर को बढ़ा कर हम अपने मन को नियंत्रित कर सकते हैं। मन में बहुत से विकार हमेशा उत्पन्न होते रहते हैं और उन्हें नियंत्रित करना बहुत जरुरी है। राजबहादुर ने कहा कि विद्यार्थियों को स्व चेतना विकसित करने के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए। बिना स्व चेतना के विकास के निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की 7.5 फीसदी आबादी किसी-न-किसी मानसिक समस्या से जूझ रही है। विश्व में मानसिक और न्यूरोलॉजिकल बीमारियों की समस्या से जूझ रहे लोगों में भारत का करीब 15 प्रतिशत हिस्सा शामिल है। भारत में हर दस लाख आबादी पर केवल तीन मनोचिकित्सक हैं। कॉमनवेल्थ देशों के नियम के मुताबिक हर एक लाख की आबादी पर कम-से-कम 5-6 मनोचिकित्सक होने चाहिये।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमान के अनुसार आने वाले वर्षों में भारत की लगभग 20 प्रतिशत आबादी मानसिक रोगों से पीड़ित हो जाएगी। सिफ्सा कार्यक्रम अधिकारी एवं मानसिक स्वास्थ्य और जीवन कौशल प्रशिक्षक डॉ. उमेश कुमार ने भारत में मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति, विश्व में मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति, मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारक, मानसिक स्वास्थ्य संवर्द्धन में सहयोग हेतु राष्ट्रीय गतिविधियाँ, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम, मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम 2017 और मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति के अधिकार के विषय में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति को भी कानूनों के द्वारा अधिकार दिए गए हैं। उनके अधिकारों का सभी सम्मान किया जाना जरुरी है। सिफ्सा बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय झाँसी की नोडल अधिकार डॉ. श्वेता पाण्डेय ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य परिवार नियोजन अभिनवीकरण सेवा परियोजना एजेंसी से प्राप्त दिशानिर्देश के क्रम में बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के ललितकला संस्थान में प्रथम सत्र के विद्यार्थियों के लिए मानसिक स्वास्थ्य और जीवन कौशल कार्यशाला का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के 20 संस्थानों में इस कार्यशाला का आयोजन किया जाना प्रस्तावित है जिसमें प्रथम चरण में 5 संस्थानों में यह कार्यशाला आयोजित की जा रही है। डॉ. पाण्डेय ने मानसिक स्वास्थ्य देखभाल के विभिन्न तरीकों पर चर्चा की और विद्यार्थियों को मानसिक स्वास्थ्य के विषय में बात करने और इससे हो रही समस्या को समाधान करने के लिए प्रयास करने को कहा।

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