पायका योजना बंद होने के बाद अब गायब हुआ खेल का सामान

जिले में तैयार किए गए थे 101 मैदान, 70.70 लाख के आए थे खेल उपकरण

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झाँसी। ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को उभारने के लिए लांच की गई पायका खत्म क्या हुई लाखों के उपकरण भी गायब हो गए। हां, यह सच्चाई है। जिन सामानों से खिलाड़ी तैयार होने थे वे या तो प्रधानों के घर की शोभा बढ़ा रहे हैं या नष्ट भ्रष्ट हो गए हैं। साथ ही ऐसी कहानी छोड़ गए हैं जिसकी तहकीकात की जाए तो कई झोल सामने आ जाएंगे।
भारत सरकार ने गांव की खेल प्रतिभाओं के विकास के लिए राजीव गांधी पंचायत युवा क्रीड़ा एवं खेल अभियान (पायका) शुरू की थी। योजना के तहत हर ग्राम पंचायत में ग्राम सभा की भूमि पर आधा-आधा एकड़ पर खेल मैदान बनना थे। इसकी जिम्मेदारी युवा कल्याण विभाग को सौंपी गई। उसे खेल मैदान तैयार कराकर वहां क्रीड़ाश्री नियुक्त करना था जिसका काम खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करना था। सरकार ने प्रति खेल मैदान एक-एक लाख रुपये का बजट रखा। इसमें से डिस्कस, गोला, वॉलीबाल, वेट लिफ्टिंग सेट, बैडमिंटन के रैकेट, शटल कॉक, नेट, फुटबाल, नपाई के लिए फीता जैसे खेल उपकरण पर 70 हजार एवं खेल मैदान बनाने पर 30 हजार रुपये तय किए गए। जिले की 101 ग्राम पंचायतों में एक-एक खेल मैदान तैयार किया गया। वहां 70 लाख 70 हजार रुपये खर्च किए गए। मैदान समतल कर खेल सामग्री खरीदी गई। प्रतिदिन क्रीड़ाश्री ग्राम पंचायत भवन कक्ष से खेल का सामान उठाकर खिलाड़ियों को अभ्यास कराते थे और बाद में उसे ग्राम पंचायत भवन में रख देते थे। प्रधान को सामानों के रखरखाव की जिम्मेदारी दी गई थी।
अप्रैल 2014 में पायका योजना बंद कर दी गई। इसी के साथ लाखों रुपये खर्च कर खरीदे गए खेल उपकरण भी भगवान भरोसे हो गए। न तो युवा कल्याण विभाग ने सामान वापस लेने की जहमत उठाई न ही सरकार ने उन्हें वापस मंगाया। नतीजतन 70.70 लाख रुपये के सामान ग्राम पंचायत भवन से निकलकर पहले प्रधान के घर पहुंचे, फिर वहां से भी गायब हो गए। प्रतिभाएं तो असमय ही गर्त में डूब गईं।

दो ग्राम पंचायतों में ही शुरु होगी खेलो इंडिया

पायका की जगह एनडीए सरकार ने खेलो इंडिया लांच की है। इस योजना के तहत हर ग्राम पंचायत में कम से कम छह एकड़ में खेल मैदान बनाया जाना है। इस बहुद्देश्यीय खेल मैदान में इनडोर व आउटडोर गेम की सुविधा के साथ हाल भी बनना है। प्रत्येक मैदान के लिए 3.33 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। जिला युवा कल्याण अधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि खेलो इंडिया के तहत जिले के बंगरा विकासखंड के देवरीसिंहपुरा एवं बबीना विकासखंड के घिसौली में जमीन चिह्नित कर ली गई है। जल्द ही वहां बहुद्देश्यीय खेल मैदान बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

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