फेरीवालों की पहचान करने में न हो जाए कहीं देर

0 व्‍यापारी नेता और सदर विधायक प्रशासन को लिख चुके हैं पत्र 0 हॉट स्‍पॉट बनने से पूर्व कई सब्‍जी विक्रेता पूरे महानगर में बेच रहे थे सब्‍जियां

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झांसी। लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद से ही महानगर के गली मोहल्‍लों में फेरी वालों की संख्‍या काफी बढ़ गई है। वहीं कई ऐसे सब्‍जी विक्रेता भी हैं, जो हॉटस्‍पॉट बनने से पूर्व ओरछा गेट क्षेत्र से आकर महानगर के कई क्षेत्रों में सब्‍जी बेच रहे थे। वहीं इनको पहचान पत्र दिए जाने और ड्रेस कोड को लेकर व्‍यापारी नेता और सदर विधायक प्रशासन को पत्र भी लिख चुके हैं। उसके बाद भी प्रशासन द्वारा इस ओर ध्‍यान नहीं दिया जा रहा है। जनता की जिला प्रशासन से अपील है कि वह इस ओर ध्‍यान देते हुए जल्‍दी से जल्‍दी इनकी जांच करवाकर इनको पहचान पत्र जारी किया जाए।
जालौन जिले में आज एक सब्‍जी विक्रेता के कोरोना पाजिटिव पाए जाने के बाद एक बार फिर से यह महत्‍वपूर्ण मुद्दा हो गया है, जिसके तहत फेरीवालों को पहचान पत्र और ड्रेस कोड नहीं दिया जाना एक सवाल बनकर खड़ा हो गया है। इन फेरी वालों की अभी तक स्‍क्रीनिंग भी नहीं की गई है और न ही जांच ही की गई है। ऐसे में यदि एक भी फेरी वाला संक्रमित पाया जाता है, तो उससे कई क्षेत्र एक साथ हॉट स्‍पॉट की श्रेणी में आ सकते हैं। इस मामले को लेकर उप्र उद्योग व्‍यापार मण्‍डल के बुन्‍देलखण्‍ड प्रभारी राजीव राय और सदर विधायक रवि शर्मा द्वारा प्रशासन को पत्र लिखकर इसकी मांग की गई थी, जिसके बाद नगर आयुक्‍त ने इस मामले में तेजी दिखाने की बात कही थी, लेकिन उसके बाद इस मामले को ठण्‍डे बस्‍ते में डाल दिया गया। जगह जगह यह फेरी वाले घूम रहे हैं और कई तो न मास्‍क लगाते हैं और न ही इनमें से कईयों के पास सेनेटाइजर ही मिलेगा। समय समय पर हाथ धोने की बात तो बहुत दूर की है। इन फेरी वालों में सबसे ज्‍यादा सब्‍जी और फल बेचने वाले आ रहे हैं, जिनमें अब वह लोग भी शामिल हो गए हैं, जोकि कुछ दिन पूर्व तक कबाड़ी का काम करते थे, प्‍लास्‍टिक का सामान बेचते थे, चाट पकोड़े बेचने वाले या अन्‍य इस तरह के काम करते थे। वहीं इनके अलावा गली मोहल्‍लों में समोसे, पानी की टिकिया आदि बेचने वाले भी आ रहे हैं। उल्‍लेखनीय है कि प्रशासन द्वारा कोरोना के मामले आने के बाद ओरछा गेट और उसके आसपास एक किमी तक का क्षेत्र हॉट स्‍पॉट घोषित कर दिया था। वहीं अन्‍य गतिविधियों पर प्रशासन सख्‍ती से कार्रवाई कर रहा है। इसके चलते अभी तक केन्‍द्र और राज्‍य सरकार के आदेश होने के बावजूद महानगर में बाजार नहीं खुल पा रहे हैं, लेकिन इन फेरीवालों को लेकर प्रशासन की उदासीनता जनप्रतिनिधियों और जनता की समझ से परे है। संक्रमण काल में आम जनता की निगाहें जिला प्रशासन पर टिकी हैं, कि वह जल्‍दी ही इन फेरी वालों की जांच करवा कर इनके पहचान पत्र व ड्रेस कोड जारी करे।

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