महानगर के विकास में पिछड़ा झांसी नगर निगम, 118 करोड़ रुपए खर्च करने को दो माह शेष

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झांसी। प्रदेश में 4000 करोड़ रूपया निकायों के पास उपलब्ध है। कोई कार्य नहीं किया जा रहा यह चिंता का विषय है। उपलब्ध धनराशि से तत्काल विकास कार्य कराएं ताकि जनता को लाभ मिल सके। सॉलि़ड/ लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट में कोई कार्य न करने वाले जिलों के उच्च अधिकारियों के खिलाफ एनजीटी द्वारा कार्यवाही व पेनाल्टी लगाए जाने के निर्देश दिए गए। ऐसे निकाय जहां अभी तक कोई कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। वह जिले प्राथमिकता से कार्य प्रारंभ कराएं। प्रदेश के 10 निकाय जो ओडीएफ में फेल हो गए उनके खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश, 21 निकाय जहां से गंगा यात्रा निकल रही है, वहां गंगा यात्रा का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाएं। साथ ही वहां साफ-सफाई की व्यवस्था तथा गंगा पार्क के कार्य का भी शुभारंभ सुनिश्चित हो। यह निर्देश आशुतोष टंडन, मंत्री, नगर विकास विभाग एवं नगरी रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम विभाग उत्तर प्रदेश ने योजना भवन वीसी कक्ष से प्रदेश के समस्त नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों के अधिकारियों को दिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि 2 माह शेष है वित्तीय समाप्त होने में सभी टारगेट पूर्ण हो, कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस मौके पर वीसी कक्ष में आपके साथ प्रमुख सचिव नगर विकास मनोज कुमार, सचिव एवं निदेशक स्वच्छ भारत मिशन अनुराग यादव भी उपस्थित रहे।
नगर विकास मंत्री ने नगर विकास विभाग की समीक्षा करते हुए विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की उन्होंने 14 वित्त आयोग में उपलब्ध 4000 करोड़ की धनराशि व्यय हेतु लंबित रहने पर नाराजगी व्यक्त की और कहा कि यदि धनराशि निकाय के विकास कार्य पर खर्च हो जाती तो क्षेत्र की जनता को इसका सीधा लाभ होता। उन्होंने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि उपलब्ध धनराशि 2 माह में खर्च की जाए तथा ऐसे कार्यों को टेक अप किया जाए जिनसे निकाय के गरीब लोगों को अधिक लाभ प्राप्त हो। उन्होंने झांसी नगर निगम में 118 करोड लंबित रहने पर निर्देश दिए कि मार्च 31 वर्ष 2020 तक उक्त धनराशी व्यय कर ली जाए। उन्होंने अन्य निकायों को भी निर्देश दिए कि जहां अधिक धनराशि उपलब्ध है वहां प्राथमिकता के कार्यों को टेकअप करते हुए उपलब्ध धनराशि खर्च की जाए।
नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायतों में यदि उपलब्ध धनराशि के सापेक्ष कार्य होंगे तो विकास होगा जिसका लाभ जनता को मिलेगा। उन्होंने कहा कि 14 वित्त आयोग से सॉलिड/ लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट का कार्य भी कराया जा सकता है। ऐसे निकाय जिनके यहां नाले नदियों व तालाब में जा रहे हैं, वहां अवश्य प्राथमिकता से इन कार्यों को कराया जाए और बिना शोधित नालों का पानी नदियों व तालाबों में न जाने दिया जाए। 21 निकाय जहां से गंगा यात्रा निकल रही है वहां अवश्य ही नालों को ट्रेप करते हुए पानी शोधित करें फिर नदी में छोड़ा जाना सुनिश्चित करें। ऐसे निकाय जहां से गंगा यात्रा निकल रही है वह अपने यहां प्राथमिकता से गंगा पार्क बनाए जाने का कार्य प्रारंभ करें, इसके साथ ही अन्य निकाय भी गंगा पार्क का निर्माण कराएं। गंगा पार्क बनाएं सभी सुविधाओं के साथ साथ ओपन जिन की भी सुविधा सुनिश्चित हो।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मंत्री नगर विकास ने कहा कि 99 नगर पंचायत व निकायों का सीमा विस्तार किया गया है, जिसमें 55 नगर पंचायत व 44 नगर निकाय शामिल है नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। नए सीमा विस्तार में शामिल हुए गांव में सरकारी भूमि को सुरक्षित रखा जाना चुनौतीपूर्ण है, अतः ऐसी भूमि पर तत्काल तार फेंसिंग करते हुए सुरक्षित करने की कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि 43 जिलों में कान्हा गौशाला के निर्माण हेतु द्वितीय किस्त दे दिए जाने के बाद भी कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। तत्काल कार्य प्रारंभ कराया जाए।
स्वच्छ भारत मिशन के कार्यों की समीक्षा करते हुए नगर विकास मंत्री ने कड़े शब्दों में कहा कि ऐसे निकाय जहां सॉलिड और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए भूमि नहीं मिली है वहां जवाबदेही तय करते हुए संबंधित अधिकारी के प्रति प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाए, लगभग 150 निकायों में अभी तक भूमि प्राप्त नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि एनजीटी इस पर बेहद गंभीर है और सख्त कार्रवाई करने के लिए संस्तुति कर चुका है, कार्यवाही 31 मार्च 2020 के बाद प्रारंभ होगी।अतः एनजीटी के आदेश पर क्रियान्वयन पूर्ण कर लिया जाए अन्यथा कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में 10 निकाय जो ओडीएफ में फेल हो गए हैं, वहां के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए और कहा कि प्रदेश में यदि अभी भी लाभार्थी व्यक्तिगत शौचालय हेतु अवशेष हैं तो जिले से उनकी सूचना प्रेषित की जाए। इस मौके पर एनआईसी झांसी में अपर आयुक्त सर्वेश कुमार दीक्षित, नगर आयुक्त मनोज कुमार, अपर जिलाधिकारी राम अक्षयवर चौहान, अपर नगर आयुक्त शादाब खान सहित जनपद के समस्त नगर पालिका नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी उपस्थित रहे।

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